आंखों में धूल झोंक मुंगेरिया कारीगर बदल रहे इलाके, बना रहे हथियार; 1 दर्जन जगहों पर मिनीगन फैक्ट्री का भंडाफोड़
मुंगेरिया कारीगरों की रणनीति हुआ करती है कि स्थानीय स्तर पर तैयार हथियार की बिक्री किसी भी सूरत में ना करे। ऐसा करने के पीछे सरलता से भेद खुल जाने का भय होता है। इसलिए दूसरे जिलों से आने वाले तस्करों के संपर्क में लगातार रहते हैं। व्हाट्सएप कॉल पर ऑर्डर लिया फिर तैयार माल का सौदा होते ही डिलीवरी की तैयारी शुरू हो जाती।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। मुंगेर में पुलिस की लगातार चल रही छापेमारी से भयभीत अवैध हथियार बनाने वाले मुंगेरिया कारीगर भागलपुर और आसपास में डेरा डालने लगे हैं। पुलिस और एसटीएफ की आंखों में धूल झोंकने के लिए घनी आबादी में इलाके बदलकर मिनीगन फैक्ट्री लगा हथियार बना उसे अपने ठीये से झारखंड के दुमका, गोड्डा, साहेबगंज, पाकुड़ के अलावा पश्चिम बंगाल के जिलों में भी भेज रहे हैं।
उपरोक्त स्थानों के हथियार तस्करों से मुंगेरिया कारीगरों के पुराने संपर्क होने के कारण तैयार हथियार आसानी से बिक जाते हैं। पहले इन जगहों के तस्कर मुंगेर के बरधे, सफिया सराय, तोफिल, हैरू दियारा क्षेत्र में मौजूद हथियार कारीगरों से हथियार लिया करते थे। उनके वहां से पलायन कर भागलपुर, नवगछिया, कटिहार आदि जगहों पर डेरा डाल लेने के कारण अब वहीं से हथियार लेने लगे हैं।
मुंगेरिया कारीगरों की रणनीति हुआ करती है कि स्थानीय स्तर पर तैयार हथियार की बिक्री किसी भी सूरत में ना करे। ऐसा करने के पीछे सरलता से भेद खुल जाने का भय होता है। इसलिए दूसरे जिलों से आने वाले तस्करों के संपर्क में लगातार रहते हैं। व्हाट्सएप कॉल पर ऑर्डर लिया फिर तैयार माल का सौदा होते ही डिलीवरी की तैयारी शुरू हो जाती।
नतीजा सबकुछ इतने गोपनीय तरीके से होता कि हथियार निर्माण की भनक जल्दी नहीं होती। घनी आबादी वाले इलाके में मिनीगन फैक्ट्री तैयार करने वाले मुंगेरिया हथियार कारीगर ग्रील-गेट-वेल्डिंग का कारोबार भी दिखावे के लिए करते ताकि किसी को असली काले धंधे की भनक ना लगे सके।
स्थानीय अपराधियों से तनातनी बाद ही हथियार कारीगरों की खुल जाती पोल
घनी आबादी वाले इलाके में मिनीगन फैक्ट्री लगाने वाले मुंगेरिया हथियार कारीगरों के काले धंधे का भंडाफोड़ करने में तब-तब पुलिस सफल रही है जब-जब मुंगेरिया हथियार कारीगरों के स्थानीय अपराधियों से जुड़ाव हुआ। हथियार की बिक्री संबंधी लेनदेन को लेकर तनातनी बाद उनके भेद स्थानीय अपराधियों ने खोला तो पुलिस को छापेमारी में बीते दो सालों के अंदर करीब एक दर्जन मिनीगन फैक्ट्री का भंडाफोड़ हो सका।
झट से तैयार कर देते हथियार
मुंगेर में लगातार दबिश होने पर अब इलाके बदल-बदल कर मिनी गन फैक्ट्री बैठा अवैध हथियार तैयार करने में लगे हुए हैं। उनके पास ग्राहकों की कोई किचकिच नहीं, पहले से ग्राहक तय रहते जिन्हें झट से तमंचे, पिस्टल, माउजर, रिवाल्वर, बंदूक, राइफल, कारबाइन आदि आर्डर पर बना कर मुहैया करा देते। नवगछिया समेत भागलपुर के अन्य इलाके में करीब एक दर्जन मिनी गन फैक्ट्री तीन सालों के अंदर पकड़ी जा चुकी है।
केस स्टडी
1. 17 अप्रैल 2022 को गोराडीह थानाक्षेत्र के डहरपुर में मिनीगन फैक्ट्री पकड़ी गई। मुंगेर के तीन कारीगरों की हुई थी गिरफ्तारी।
2. मार्च 2022 में गोराडीह के स्वरूपचक गांव में पकड़ी गई मिनी गन फैक्ट्री, दो मुंगेरिया कारीगर गिरफ्तार किये गए थे।
3. मार्च 2021 में सबौर के रजंदीपुर गांव से मिनी गन फैक्ट्री पकड़ी गई थी।
4. सितंबर 2020 को लोदीपुर के चकदरिया गांव से मिनी गन फैक्ट्री पकड़ी गई थी।
5. अगस्त 2020 में गोराडीह के डहरपुर में मिनी गन फैक्ट्री पकड़ी गई थी।
6. दिसंबर 2022 में नाथनगर के चंपानगर में पकड़ी गई थी मिनी गन फैक्ट्री। दो मुंगेरिया कारीगरों की हुई थी गिरफ्तारी।
7. 26 अक्टूबर 2023 को नवगछिया के खरीक सुराहा गांव में पकड़ी गई मिनी गन फैक्ट्री। चार मुंगेरिया कारीगरों की हुई गिरफ्तारी।
8. 28 अगस्त 2023 को नवगछिया के गोपालपुर करचीरा गांव से मिनी गन फैक्ट्री पकड़ी गई थी। इसके अलावा इस्मालइपुर में भी मिनी गन फैक्ट्री पकड़ी जा चुकी है।
बरामदगी भी अच्छी-खासी
अर्ध निर्मित पिस्टल और तमंचे की संख्या : 233 का आंकड़ा पार
लेथ मशीन की संख्या : 11
स्लाइड : 33
बैरल : 54
रेती : 45
मुंगेरिया हथियार कारीगरों की गिरफ्तारी : 37
इनमें प्रमुख गिरफ्तारी
मुंगेर जिले के हजरतबाड़ा लालू पोखर गली नंबर नौ निवासी मु. शाबीर, गली नंबर तीन निवासी मु. युसूफ, खानकाह गली नंबर नौ निवासी मु. शहंशाह व गली नंबर सात निवासी मु. अब्दुल्ला, वरधे निवासी मु. मुजम्मिल, मु.शहबाज, मु. आजम, मु. सिकंदर, मु ओवैद, मु. राजा।
ये भी पढ़ें- 'हमारे लिए CM ने बदनामी झेली', आनंद मोहन से ये सुनकर नीतीश ने खूब पढ़े कसीदे, बोले- जो चाहे करिए; हम सहयोग करेंगे
ये भी पढ़ें- स्कूलों में 90 प्रतिशत से कम हुई बच्चों की उपस्थिति तो शिक्षक, एचएम, बीईओ पर गिरेगी गाज; नए दिशा-निर्देश जारी