Bhagalpur News: विक्रमशिला को देखते ही हैरान हो गए विदेशी सैलानी, फिर दी ऐसी प्रतिक्रिया कि बिहार के लोग कहेंगे वाह
Bhagalpur News विक्रमशिला के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व ने 17 विदेशी सैलानियों को आकर्षित किया। ये सैलानी यूनाइटेड किंगडम आस्ट्रेलिया स्विट्जरलैंड और जर्मनी से आए थे। उन्होंने विक्रमशिला के तिब्बती मंदिर मुख्य स्तूप मनौती पिंड और संग्रहालय का अवलोकन किया। सैलानियों ने विक्रमशिला की भव्यता और सुंदरता को देखकर आश्चर्यचकित हुए और इसे अद्वितीय और लाजवाब बताया। विक्रमशिला में उन्होंने तिब्बती मंदिर मुख्य स्तूप मनौती पिंड को देखा।
संवाद सूत्र, कहलगांव (भागलपुर)। Bhagalpur News: विक्रमशिला, एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का स्थल, ने एक बार फिर विदेशी सैलानियों को अपनी आरे आकर्षित किया। यूनाइटेड किंगडम, आस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड और जर्मनी के 17 विदेशी सैलानियों ने विक्रमशिला का अवलोकन किया और इसकी भव्यता को देखकर आश्चर्यचकित हुए। वे बनारस से कोलकाता जाने के लिए क्रूज से यात्रा कर रहे थे और बटेश्वर स्थान पर रुके। वहां, स्थानीय लोगों ने उन्हें हाथ हिलाकर स्वागत किया। सैलानियों ने बाबा बटेश की मंदिर और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों का अवलोकन किया और गाइड दीपक मिश्रा से जानकारी ली।
विक्रमशिला में, उन्होंने तिब्बती मंदिर, मुख्य स्तूप, मनौती पिंड और मुख्य द्वार पर पड़े बड़े-बड़े पत्थर के खंभों को देखा। सैलानियों ने विक्रमशिला संग्रहालय में भी अवशेषों को देखा और जानकारी ली। आस्ट्रेलिया की एलिजा बेथ ने कहा, "विक्रमशिला का भग्नावशेष बहुत ही भव्य और लाजवाब है। पहली बार यहां आई हूं और इसकी भव्यता को देखकर आश्चर्यचकित हूं।" यूनाइटेड किंगडम के शिलातुमर ने कहा, "यहां की प्राकृतिक सुंदरता अद्वितीय है।"
स्विट्जरलैंड के पीटर ने कहा, "विक्रमशिला के बारे में सुना था, लेकिन आज देखने का मौका मिला है। यह बहुत ही अद्भुत है।" अवलोकन के बाद, सैलानी वापस बटेश्वर स्थान पर आए और वहां की दुकानों में पड़े सामानों को देखा। इसके बाद, वे क्रूज पर सवार होकर साहेबगंज की ओर चल दिए। विक्रमशिला की यात्रा ने विदेशी सैलानियों को भारत की सांस्कृतिक धरोहर के बारे में जानने का अवसर प्रदान किया और उन्हें यहां की भव्यता और सुंदरता का अनुभव करने का मौका मिला।
विक्रमशिला विश्वविद्यालय का इतिहास
विक्रमशिला विश्वविद्यालय एक प्राचीन विश्वविद्यालय था जो बिहार के भागलपुर जिले में स्थित था। यह विश्वविद्यालय 8वीं शताब्दी में पाल वंश के राजा धर्मपाल द्वारा स्थापित किया गया था। विक्रमशिला विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा विश्वविद्यालय था।
विशेषताएं:
1. बौद्ध धर्म का केंद्र: विक्रमशिला विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।2. विद्वानों का स्थल: यहां कई विद्वान और शिक्षक रहते थे, जिनमें आत्रेय, दिन्नाग और धर्मकीर्ति प्रमुख थे।3. विश्वविद्यालय की व्यवस्था: विश्वविद्यालय में छात्रावास, पुस्तकालय और अध्ययन केंद्र थे।4. विषय: यहां बौद्ध धर्म, दर्शनशास्त्र, व्याकरण, गणित, चिकित्सा और खगोल विज्ञान जैसे विषय पढ़ाए जाते थे।
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