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Indian Railway News: पहचान पत्र से नहीं चलेगा काम, आरपीएफ व जीआरपी को भी खरीदना होगा टिकट

Bhagalpur News राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) एवं रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को ड्यूटी के दौरान सफर के लिए टिकट खरीदना होगा। टिकट नहीं रहने पर हादसा में शिकार होने वाले सुरक्षा कर्मियों को मुआवजा का लाभ नहीं मिलेगा। रेलवे के मुताबिक ड्यूटी के दौरान सफर के लिए जीआरपी और आरपीएफ कर्मियों को ट्रेन यात्रा के लिए वैध अनुमति प्राप्त करनी पड़ेगी।

By Alok Kumar Mishra Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Thu, 08 Aug 2024 03:14 PM (IST)
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अब रेलवे पुलिस का आई कार्ड से नहीं चलेगा काम (जागरण)
 जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bhagalpur News: होम रेलवे पहचान पत्र (आइडी कार्ड) से काम नहीं चलेगा। राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) एवं रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को ड्यूटी के दौरान सफर के लिए टिकट खरीदना होगा। टिकट नहीं रहने पर हादसा में शिकार होने वाले सुरक्षा कर्मियों को मुआवजा का लाभ नहीं मिलेगा।

बिना टिकट के जीआरपी सिपाही को नहीं मिल सका था मुआवजा

इस तरह का एक मामला रेलवे दावा अधिकरण आहमदाबाद में ऐसा एक मामला आया था जिसमें गिरने से जीआरपी के एक सिपाही को अपना एक पैर गंवानी पड़ी थी। सिपाही ने आठ लाख रुपये मुआवजा का दावा किया था। जिसे यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि वैध यात्रा अनुमति के अभाव में आवेदक को वास्तविक यात्री नहीं माना जा सकता है। रेलवे दावा अधिकरण ने कहा है कि आइडी कार्ड से काम नहीं चलेगा।

GRP और RPF कर्मियों को रेलवे से अनुमति लेनी होगी या टिकट लेना होगा

ड्यूटी के दौरान सफर के लिए जीआरपी और आरपीएफ कर्मियों को ट्रेन यात्रा के लिए वैध अनुमति प्राप्त करनी होगी या टिकट खरीदना होगा। केवल पहचान पत्र ले जाना पर्याप्त नहीं है। मलादा रेल मंडल के आरपीएफ कमांडेंट ने कहा कि जीआरपी और आरपीएफ कर्मियों को ट्रेनों में ड्यूटी के लिए संबंधित थाने से कमान काटी जाती है। ड्यूटी लेटर दिया जाता है।

इस मंडल में फिलहाल रेलवे दावा अधिकरण से संबंधित इस तरह का अबतक एक भी मामला प्रकाश में नहीं आया है। इधर, रेलवे दावा अधिकरण ने एक कांस्टेबल द्वारा दायर मुआवजे की याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही गई। जिसने दावा किया था कि ट्रेन से गिरने के समय वह आधिकारिक ड्यूटी पर था।

जीआरपी के सिपाही राजेश बगुल ने ब्याज के साथ 8 लाख रुपये की डिमांड की

अधिकरण की अहमदाबाद पीठ ने राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) कर्मियों को ड्यूटी कार्ड पास जारी करने के परिपत्र के संबंध में रेलवे के लापरवाह रवैये को भी रेखांकित किया, जिन्हें अक्सर यात्रा करनी पड़ती है। दरअसल, जीआरपी के सिपाही राजेश बगुल ने अधिकरण में याचिका दायर कर रेलवे से ब्याज के साथ आठ लाख रुपए का मुआवजा मांगा था और दावा किया था कि दुर्घटना के दिन वह ड्यूटी पर थे।

उनकी याचिका के अनुसार बगुल 13 नवंबर, 2019 को आधिकारिक ड्यूटी के लिए सूरत रेलवे पुलिस थाने गए थे। वह सूरत-जामनगर इंटरसिटी ट्रेन से सूरत से भरूच लौट रहे थे और इसी दौरान वह पालेज स्टेशन पर गिर गए थे। जिससे उनके बाएं पैर में गंभीर चोटें आईं थी।

इस हादसे में सिपाही के पैर का हिस्सा काटना पड़ा था

इस हादसे में पैर का एक हिस्सा काटना पड़ा था।  अधिकरण के सदस्य (न्यायिक) विनय गोयल ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि बगुल अपने आधिकारिक यात्रा दावों को साबित करने के लिए कोई वैध यात्रा अनुमति प्रस्तुत करने में असफल रहे हैं। वैध यात्रा अनुमति के अभाव में आवेदक को वास्तविक यात्री नहीं माना जा सकता है। पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे को जीआरपी और आरपीएफ अधिकारियों को वैध यात्रा अनुमति देने के संबंध में जारी परिपत्र का पालन करना चाहिए।

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