Bhagalpur News: 17 दिनों से जारी माता गणगौर की पूजा संपन्न, जानिए मारवाड़ी समाज के लिए यह क्यों है खास
पिछले 17 दिनों से जारी माता गणगाैर की पूजा समाप्त हो गई है। इसकी शुरुआत होलिका दहन के अगले दिन से ही यानी होली वाले दिन से हो जाती है। महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा हेतु यह पूजा करती हैं।
संवाद सहयोगी, भागलपुर। गुरुवार को 17 दिनों से जारी गणगोर माता का पूजन का समापन हो गया। मारवाड़ी समाज के समाज सेवी चांद झुनझुनवाला ने कहा कि चैत मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को इसका समापन होता है और यह तिथि आज 15 अप्रैल 2021 को है। मारवाड़ी समाज की सुहागिन महिलाओं $खासकर जिनकी शादी के बाद यह पहली गणगौर होती है उनके लिए यह पूजन अनिवार्य होता है।महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा हेतु एवं परिवार की मंगल कामना जीवन में सुख शांति समृद्धि के लिए यह पूजन किया जाता है। साथ ही गणगौर माता का पूजन कुँवारी युवतियां भी अच्छा वर पाने की इच्छा से 17 दिनों तक पूजन करती है।
इसकी शुरुआत होलिका दहन के अगले दिन से ही यानी होली वाले दिन से हो जाती है। लगातार 17 दिनों तक महिलाएं अपने अपने घरों में शिव परिवार के प्रतीक रुप में जिसमें शिव जी पार्वती जी गणेश कार्तिक और देवसेना शामिल है के प्रतीक के रूप में 5 छोटी प्रतिमाएं एक मिट्टी के बर्तन में स्थापित कर रोजाना उसे विभिन्न ने विधियों से उसकी पूजा की जाती है और आज चैत मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को सामूहिक रूप से मोहल्ले की सभी महिलाएं मिलकर इस पूजन में शामिल होतीं हैं। जिसमें सभी महिलाएं सोलह श्रृंगार कर हाथ में मेहंदी लगा कर विधिवत ङ्क्षसगार कर विभिन्न गीतों के साथ गणगोर माता की पूजा मारवाड़ी समाज के हर गली मोहल्लों में किया जाता है।
आज के दिन महिलाएं व्रत रखकर गणगोर माता का पूजन करती हैं जिसमें रोली चावल दूब दूध मिठाई एवं भींगाऐ हुए गेहूं अर्पित किया जाता है। पहले उगाई गई गेहूं की बाली अर्पित की जाती है विभिन्न स्थानों से जल लाकर अभिषेक कराया जाता है एवं सामूहिक रूप से महिलाएं गणगौर का पूजन कर एक दूसरे को बधाई देती है। संध्या के समय गणगोर माता की प्रतिमाओं का विसर्जन नजदीकी घाटों में होता है भागलपुर में मुख्यत: बरारी सीढी घाट पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने प्रतिमा का विसर्जन संध्या के समय करती हैं।
मारवाड़ी समाज का यह त्यौहार मारवाड़ी संस्कृति रीति रिवाज का पहचान भी होता है जिसमें घर के सभी बड़े बुजुर्ग पुरुष बच्चे भी शामिल होते हैं। आज के पूजन में भागलपुर की मारवाड़ी महिलाओं में मुख्य रूप से आरती देवी निशा देवी राधा देवी शोभा देवी सरिता देवी मंजू देवी स्नेहा देवी यीशु देवी कनक देवी शांता देवी ज्योति देवी झुनझुनवाला माया देवी सोनी शर्मा कनक देवी मोनू देवी आदि शामिल रही हैं