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दुष्कर्म के मामलों पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश को नहीं मानती भागलपुर पुलिस, जांच करते हैं पुरुष अधिकारी

दुष्कर्म के मामलों पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन भागलपुर पुलिस द्वारा नहीं किया जा रहा है। मामला संज्ञान में आया तो पुलिस मुख्यालय ने तत्काल एक्शन लेने की बात कही है लेकिन ऐसी लापरवाही पर कई सवाल खड़े होते हैं।

By Sanjay SinghEdited By: Shivam BajpaiUpdated: Mon, 10 Oct 2022 07:19 PM (IST)
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भागलपुर पुलिस ने तोड़ी सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन।

संजय सिंह, भागलपुर। अपराध अनुसंधान विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक ने समीक्षा के दौरान भागलपुर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। समीक्षा में यह पाया गया कि भागलपुर के थानों में दर्ज दुष्कर्म के चार मामलों का अनुसंधान पुरुष पुलिस पदाधिकारी कर रहे हैं, जबकि सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश है कि दुष्कर्म की घटना का अनुसंधान सक्षम महिला पुलिस पदाधिकारी को करना है। एडीजी के निर्देश पर भागलपुर के डीआइजी विवेकानंद ने वरीय आरक्षी अधीक्षक को पत्र लिखकर 24 घंटे के भीतर अनुसंधानकर्ता को बदलने का निर्देश दिया है।

पुलिस मुख्यालय ने भी इस कार्यवाही की रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराने को कहा है। जानकारी के अनुसार, दुष्कर्म की एक घटना महिला थाना में 19.04.2022 को दर्ज कराई गई थी। कायदे से महिला थाना की किसी सक्षम पुलिस अधिकारी को इस मामले का अनुसंधान करना चाहिए था, लेकिन इस मामले के अनुसंधान की जिम्मेदारी पुलिस अवर निरीक्षक गुलचन पासवान को दे दी गई। इसी तरह नाथनगर के मधुसूदनपुर में 09.04.2022 को दुष्कर्म सहित पाक्सो एक्ट का मामला दर्ज कराया गया, यहां भी अनुसंधानकर्ता रणविजय पासवान को बना दिया गया। कजरैली थाने में भी इसी तरह का मामला सामने आया है। 16.04.2022 को दर्ज मामले का अनुसंधानकर्ता जितेंद्र पासवान को बनाया गया है, जबकि सन्हौला थाना में दर्ज 28.04.2022 के दुष्कर्म के मामले में भी अनुसंधानकर्ता विजय कुमार को बनाया गया।

आखिरकार, इस तरह की लापरवाही कैसे हुई? यह जांच का विषय है। मामला संज्ञान में आने के बाद सबसे बड़ी बात ये है कि डीएसपी इसका सुपरविजन करता है। इस दौरान डीएसपी को इस लापरवाही पर सवाल उठाने चाहिए। क्या यहां पुलिस पदाधिकारियों को सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के बारे में कोई जानकारी नहीं है? या थानों में सक्षम महिला पुलिस बल तैनात नहीं है? इधर, भागलपुर के एसपी बाबूराम ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है कि अविलंब कांड के अनुसंधान की जिम्मेदारी महिला पुलिस पदाधिकारी को सौंपी जाए ताकि पुलिस मुख्यालय के निर्देशों का अनुपालन हो सके।

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