डेंगू के मरीज ठीक होकर फिर से क्यों हो रहें बीमार? बिहार में चारों डेन मौजूद, समझिए पॉजिटिव-निगेटिव का माजरा
Dengue in Bihar लोग डेंगू संक्रमण से ठीक होने के बाद फिर से पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। डॉक्टर के अनुसार अगर आप एक बार डेंगू पॉजिटिव होकर निगेटिव हुए हैं और इसके बाद फिर से पॉजिटिव हो गए हैं तो आपको दूसरे वेरिएंट के मच्छर ने काटा है। डेंगू के वेरिएंट को डेन वन टू थ्री और चार कहा जाता है।
By Edited By: Aysha SheikhUpdated: Tue, 19 Sep 2023 12:47 PM (IST)
जागरण संवाददाता, भागलपुर : अगर आप डेंगू संक्रमण से निगेटिव होकर यह मान रहे हैं कि आप के शरीर में एंटीबॉडी तैयार हो गई है और आप अब डेंगू के शिकार नहीं होंगे तो आप गलत हैं।
जिले में ऐसे आधा दर्जन से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिनमें मरीज ठीक होने के बाद फिर से संक्रमण का शिकार हो गए।इन दिनों वे लोग अपना इलाज सरकारी अस्पताल एवं निजी नर्सिंग होम में करा रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि पूर्व में डेंगू वायरस के डेन वन व टू का संक्रमण था। अब डेन चार अपना असर दिखा रहा है।
बुखार सामान्य, पर अचानक तेजी से घटने लगती हैं प्लेटलेट्स
जेएलएनएमसीएच के वरीय चिकित्सक डॉ. हेमशंकर शर्मा कहते हैं कि डेंगू के वेरिएंट को डेन वन, टू, थ्री और चार कहा जाता है। शहर में पहले डेन वन और टू वेरिएंट था।इसके काटने से मरीज पांच से सात दिन में ठीक होते थे। पिछले दिनों से अचानक डेंगू मरीज गंभीर होने लगे हैं। दो दिन पहले प्लेटलेट्स दो लाख से ज्यादा रहती हैं, लेकिन दो दिन बाद प्लेटलेट्स बीस हजार हो जा रही हैं।
मरीज का बीपी सही नहीं रहता है। मरीज की नाक, शौच के रास्ते एवं मुंह से खून आने लगता है। ऐसे में, अगर बीपी कंट्रोल में नहीं रहता है तो मरीज शॉक सिंड्रोम में भी जा सकता है। मरीज के महत्वपूर्ण अंग काम करना बंद या कम कर देते हैं।ऐसे में, मरीज को विशेष केयर की जरूरत होती है। इस तरह के लक्षण डेन चार के हैं। इस तरह के मरीज जेएलएनएमसीएच में आ रहे हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि गहन इलाज के बाद मरीज को ठीक कर लिया जाता है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।