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Bhagalpur News: भागलपुर के धावकों को मिलेगा 400 मीटर सिंथेटिक ट्रैक, 'मिल्खा सिंह' बनने का सपना होगा पूरा

भागलपुर के प्रतिभाशाली धावक अब सिंथेटिक ट्रैक पर दौड़ लगाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे। जिला प्रशासन ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में 400 मीटर सिंथेटिक ट्रैक बनाने का प्रस्ताव बिहार सरकार को भेजा है। इस ट्रैक के बन जाने से खिलाड़ियों को बेहतर अभ्यास करने में मदद मिलेगी और वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।

By Sanjay Singh Edited By: Yogesh Sahu Updated: Thu, 12 Sep 2024 03:16 PM (IST)
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सिंथेटिक ट्रैक पर दौड़कर भागलपुर के धावक बनेंगे मिल्खा सिंह

जासं, भागलपुर। घास के ट्रैक पर दौड़ लगाकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहराने वाले जिले के प्रतिभावान धावक अब सिंथेटिक ट्रैक पर दौड़ लगाकर अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरेंगे। यूं कहें कि यहां के युवा धावकों को अपनी मेहनत के बल पर मिल्खा सिंह बनने का गौरव प्राप्त होगा।

अब उनकी प्रतिभा को और चमकाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। खबर है कि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में 400 मी सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण जल्द किया जाएगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद उक्त ट्रैक के निर्माण को लेकर जिला प्रशासन ने बिहार सरकार खेल विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है। बिहार सरकार खेल मंत्रालय से स्वीकृति आदेश मिलने के साथ ही आगे की प्रक्रिया प्रारंभ कर दिए जाने की उम्मीद है।

सिंथेटिक ट्रैक पर दौड़कर अंग क्षेत्र के धावक मिल्का सिंह बनेंगे। बता दे कि शहर के तिलकामांझी सैनडिस कंपाउंड, हवाई अड्डा मैदान आदि में काफी संख्या में खिलाड़ी अलग-अलग खेलों में अपनी प्रतिभा निखारने के लिए पहुंचते हैं। इन्हीं में से एक खेल एथलेटिक्स भी है।

विश्वविद्यालय स्टेडियम और सैंडिस कंपाउंड में रोजाना 100 से ज्यादा धावक दौड़ लगाने पहुंचते हैं। अब ऐसे मेहनती खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए सिंथेटिक ट्रैक बनाए जाने वाली योजना आगे बढ़ी है।

बता दें कि राष्ट्रीय और अंततराष्ट्रीय स्तर पर एथलेटिक्स प्रतियोगिताएं सिंथेटिक ट्रैक पर ही होती हैं। जिस वजह से जिले के खिलाड़ी प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते। इसी को ध्यान में रखकर सिंथेटिक ट्रैक बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है।

क्या कहते हैं नेशनल प्रतियोगिता खेल चुके खिलाड़ी

राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भाग ले चुके धावक दिव्यांशु कुमार राज का कहना है कि स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक बनने से खिलाड़ियों को काफी फायदा मिलेगा। खिलाड़ी और कोच काफी समय से सिंथेटिक ट्रैक बनवाने की मांग कर रहे थे। सिंथेटिक ट्रैक पर अभ्यास कर धावक प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में शिरकत कर चुकी धाविका खुशी कुमारी ने कहा कि धावकों के लिए सिंथेटिक ट्रैक बनना बहुत जरूरी है। इससे खिलाड़ियों को बेहतर अभ्यास में काफी मदद मिलेगी। काफी संख्या में खिलाड़ी स्टेडियम में दौड़ लगाने आते हैं।

खिलाड़ी रमन राज ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिंथेटिक ट्रैक पर ही प्रतियोगिता होती है। इसलिए अगर खिलाड़ी की शुरूआत सिंथेटिक ट्रैक से हो तो इससे प्रतियोगिता में परिणाम अच्छा आएगा। सिंथेटिक ट्रैक बनना भागलपुर जिले के धावकों के लिए अच्छी बात होगी।

ये होता है सिंथेटिक रनिंग ट्रैक

सिंथेटिक ट्रैक एक खास तरह की रबर को कुसिंग करके बनाया जाता है। यह किसी भी मौसम में एथलीट को अपनी काबलियत दिखाने के लिए सक्षम होता है। इसके निर्माण के लिए कई तरह की राख, रेत, चट्टानों की बुरादा उपयोग में लाया जाता है। साथ ही रबर से कुसनिंग की जाती है। इसमें अभ्यास करने पर पैरों में अकड़न, जकड़न नहीं आती है, साथ ही शरीर को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है।

क्या कहते हैं प्रशिक्षक

बीते पंद्रह वर्षों से धावकों को प्रशिक्षन दे रहे कोच जितेंद्र मानी राकेश बताते हैं कि सिंथेटिक ट्रैक यहां नहीं रहने से बच्चों को अभ्यास के लिए हैदराबाद, कोलकाता, दिल्ली और पंजाब का दौड़ लगाना पड़ता है। यहां टैक बन जाने से काफी लाभ होगा।

अभी तो सिंथेटिक ट्रैक के निर्माण के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। आगे आगे का कार्य सरकार के आदेश की प्रत्याशा में है। - जय नारायण कुमारजिला खेल पदाधिकारी भागलपुर।

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