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Bihar Election : 'लाठी छोड़ी के ऐलो छियै भोट दै लेली...', बुजुर्ग मतदाताओं में भी Voting के लिए कुछ ऐसा था उत्साह

Bihar Election Voting बिहार के भागलपुर जिले में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान जारी है। इस बीच यहां सुबह से भी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतारें दिखाई दीं। कई बुजुर्ग मतदाता भी अपनी सहूलियत के मुताबिक वोट देने पहुंचे। इस रिपोर्ट में कुछ ऐसे ही बुजुर्ग मतदाताओं के साथ हुई बातचीत का ब्यौरा पेश किया गया है।

By Kaushal Kishore Mishra Edited By: Yogesh Sahu Updated: Fri, 26 Apr 2024 11:44 AM (IST)
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Bihar Election: 'लाठी छोड़ी के ऐलो छियै भोट दै लेली...', बुजुर्ग मतदाताओं में भी Voting के लिए ऐसा था उत्साह
कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। Bihar Politics : भागलपुर के सांसद अजय मंडल के गांव घोघा कुलकुलिया गोलसड़क से जानीडीह पंचायत भवन बूथ तक वोट डालने पहुंची 82 वर्षीय गुंजा देवी के चेहरे पर संतोष के भाव थे। उनमें वोट देने की बेचैनी थी।

वह बिना लाठी के पहचान पत्र लिए बूथ पहुंच गई थीं। टोटो से बूथ तक पहुंचाने की व्यवस्था भी किसी ने वोटरों के लिए कर रखी थी। लेकिन वोटरों को ठसाठस बैठाए जाने के कारण गुंजा देवी रास्ते में ही उतर कर पैदल ही चिलचिलाती धूप में बूथ तक पहुंच गई थी।

गजब का जज्बा...

Bihar Election Voting : यह पूछने पर कि जवान लड़के लोग मंदिर परिसर में बैठ कर तास खेल रहे हैं, आप बुजुर्ग होकर लड़खड़ाते वोट डालने पहुंच गईं। किन्हें वोट दिया। वोट किन्हें दिया वह यह नहीं बताईं लेकिन झट से स्थानीय भाषा मे यह बोला कि... लाठी छोड़ी के ऐलो छियै भोट दै लेली, जौनै देलकै अनाज... आब भोंट के बटम चापी देलियै, संतोख होय गेलै।

मतलब वोट डालने की धुन ऐसी थी कि लाठी घर पर ही छोड़ आई। वोट दे दिया तो संतोष हुआ, हमें अनाज मिलता है, इसलिए वोट डालने की सोच रखी थी। गुंजा देवी ने कहा कि बाल-बच्चा मना कर रहे थे कि शाम को जाना वोट डालने लेकिन मन नहीं मान रहा था।

एक दिन पहले ही पहचान पत्र संदूक से निकाल लिया था। उसे लेकर चुपके से निकल गई। तीखी धूप का असर नहीं होने पर कहा कि धूप अर एसी-पंखा वाला पर, बुतरू अर छांव खोजी रहल छै। हमरा पर कोय असर नै कडकडिया धूप के।

सुबह 7 बजे से लगी कतार

घोघा, कहलगांव के अधिकांश बूथों पर लंबी कतार सुबह सात बजे से लगने लगी थी। इनमें महिलाओं की संख्यां अधिक दिखी। पूछने पर उनका जवाब था, एक दिन पहले ही तय कर लिया था कि पहली पाली में सुबह ही वोट दे देंगे ताकि तीखी धूप का सामना नहीं करना पड़े।

इसके लिए सबेरे पहले उठकर तैयार हो गई थी। कहलगांव की रहने वाली मतदाता नीलम देवी, अनिता देवी, राजमणि देवी, कोमल किरण, अनन्या कुमारी, माला देवी, सुचित्रा देवी ने बताया कि वोट देने की ललक थी।

कुछ दिनों से सबेरे ही धूप तेज हो जाती है, लू चलने लगता है, उससे बचने के लिए एक दिन पहले जरूरी काम निपटा दिया था। किचन की साफ-सफाई कर स्नान कर लिया था। चाय बना कर खुद पी और घर के सदस्यों को पिला कर वोट डालने निकल गई।

नगर पंचायत कहलगांव क्षेत्र के गांगुली कन्या विद्यालय समेत दो विद्यालय बूथों पर तीखी धूप का असर सुबह दस बजे से दिखने लगा। यहां भी लंबी कतार वोटरों की जो थी वह सुबह से ही लग गई थी। महिलाएं अधिक संख्या में थी। इक्के-दुक्के बुजुर्ग पुरुष तीखी धूप में नजर आए।

यहां 'वोट' पर भारी पेट की चिंता

जवान लड़के और विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता पेड़, झोपड़ी, मंदिर आदि की छांव तले वोटर लिस्ट, पर्ची, पानी-गुटखा आदि लेकर जमे थे। भागलपुर लोकसभा सीट के कहलगांव और पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र में सबेरे वोटिंग की शुरुआती समय मे वोटरों की लगी लंबी कतार दस बजते ही सिकुड़ चुकी है।

जिन मतदान केंद्रों पर छांव के लिए शामियाना- टेंट की व्यवस्था दिखी वहां वोटरों की लंबी कतार पर तीखी धूप असर नहीं डाल पा रही है। काजीपुरा कहलगांव की बीबी सलमा भट्ठा पर बेटी संग सबेरे कोयला चुनने पहुंच गई थी।

यह पूछने पर कि वोट डाला, वह बोली नहीं वोट देने जांय की दो बेटियों के रोटी की जुगाड़ लगाएं। शौहर ताड़ी-दारू पीता था, गुजर गया। हमें और बाल-बच्चे का कोई पेट भर नहीं सकता।

हमारे लिए रोटी की जुगाड़ जरूरी है। सलमा के साथ काजीपुरा से और भी कई महिलाएं कोयला चुनने आई थी। वोट के प्रति इनमें कोई जज्बा या उत्सुकता नहीं दिखा।

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