Bihar Flood Ground Report : कहलगांव से शाहकुंड और बिहपुर चारों ओर पानी ही पानी, ठहर गई जिंदगानी
Bihar Flood Ground Report जागरण टीम लगातार भागलपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों से बाढ़ की स्थिति के बारे में अपडेट दे रही है। जिले के कई प्रखंड जलमग्न हो चले हैं। बाढ़ अब अपना रौद्र रूप दिखा रही है।
By Shivam BajpaiEdited By: Updated: Sat, 14 Aug 2021 03:17 PM (IST)
टीम जागरण, भागलपुर। Bihar flood Ground Report : बिहार में बाढ़ की स्थिति व्याप्त है। वहीं, भागलपुर के कई प्रखंडों में बाढ़ का पानी आम जनजीवन को तहस नहस कर रहा है। जिंदगी की पटरी बेपटरी हो गई है। आलम ये है कि चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। दैनिक जागरण टीम ने अलग-अलग जगहों से जो रिपोर्ट और तस्वीरें भेजी हैं, वो इस बात की तस्दीक करती हैं कि आलम क्या है।
कहलगांव में स्थिति भयावह: कहलगांव में गंगा के साथ साथ कुआ, भयना, गेरुआ, घोघा नदी भी उफान पर है। गंगा के जलस्तर में लगातार तेजी से वृद्धि हो रही है। यहां खतरे के निशान से गंगा 95 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच चुकी है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार की रात तक 21 सेंटीमीटर बढ़ने की बात कही गई है। कहलगांव में दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुकी है। स्थिति भयावह होते जा रही है। एनएच 80 पर भी खतरा मंडराने लगा है। पकड़तल्ला में एनएच के दोनों ओर पानी भर चुकी है। कभी कभी एनएच पर बाढ़ का पानी बह सकता है।
बिरबन्ना पंचायत के तोफिल, अनठावन, कुट्टी टोला टपुआ गत चार दिनों से जलमग्न है। बिरबन्ना गांव का निचला हिस्सा डूब चुका है। दयालपुर, संगीतबेता आधा गांव डूब चुका है। सेतपुरा कुलकुलिया कोल्ड स्टोरेज के पीछे जलमग्न हो गया है। दर्जनों घर डूब चुका है। पकड़तल्ला में करीब 100 घर, आमापुर में 200 घर त्रिमुहान में 50 घर बाढ़ से प्रभावित हो चुका है।त्रिमुहान एवं भोलसर स्कूल,पंचायत सरकार भवन में बाढ़ का पानी भर चुका है। एनटीपीसी एस डाइक चांयटोला पथ,कहलगांव सरवदीपुर, ओगरीपथ, कुशहा पथ डूब चुका है। इलाके में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रही है। चारों तरफ बाढ़ ही बाढ़ दिखाई पड़ने लगा है।
खाय लेलही घरों में आबे कुछु नय बचालो छै की करबेगत चार पांच दिनों से बाढ़ के पानी में रह रहे छविनाथ मंडल, सरिता देवी, मुनिया देवी ने कही की घरों में जे रुखा सूखा छेलै उ खतम भे गेले आबे की खेबे। लागे छे भुखले रहेल पड़ते। चूल्हा कहां जलेबे खाना बनावे ले। लकड़ियों सब नय छे। सिलेंडरों खाली छे। प्रशासन अभीतक कहीं भी न तो राहत शिविर खोला है और न ही सामुदायिक किचन ही शुरू किया है। बाढ़ पीड़ितों को ऊंचे स्थान पर ठहरने की व्यवस्था भी नहीं कि गई है। स्वास्थ्य शिविर भी कहीं संचालित है।
बाढ़ पीडि़तों के बीच डायरियां, पकोही एवं अन्य बीमारियां फैलने लगी हैं। ग्रामीण डाक्टरों से लाचारी में उपचार करा रहे हैं। पशुओं के चारा का भी प्रबंध नहीं किया गया है। ऊंचे स्थानों एवं सड़क किनारे शरण लिए बाढ़ पीडि़त खुले आकाश के नीचे रह रहे है। वारिस में समान भींग रहा है। अभी तक पालीथिन सीट भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। कहलगांव के अंचलाधिकारी छुट्टी पर हैं इसके चलते राहत का कोई काम नहीं हो रहा है। डीसीएलआर संतोष कुमार ने बताया कि बिरबन्ना, प्रशस्तडीह, भोलसर, पक्कीसराय,किसनदासपुर, कोदबार, जानीडीह, घोघा पंचायत प्रभावित है। बीडीओ रवि सिन्हा ने बताया कि नन्दगोला स्कूल में तोफिल एवं अनठावन के बाढ़ पीडि़तों को ठहरने की व्यवस्था की गई है।
इलाके में चारों ओर बाढ़ का पानी फैलने और जलमग्न होने के चलते शव जलाने का स्थान नहीं बचा है। बाढ़ प्रभावित टपुआ गांव की ग्रामीण सड़क श्मशान बन चुका है। ग्रामीण सुनील सौरभ ने बताया कि बुद्धुचक गांव के एक शव को मरगंग के निकट सड़क पर जलाया गया। ग्रामीणों ने इसका विरोध भी किया। पहले टपुआ घाट पर शव जलाया जाता था। गांव में सड़क पर शव जलाए जाने पर ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। एसडीओ से ग्रामीणों ने सड़क पर शव जलाने पर रोक लगाने की मांग की है।
शाहकुंड प्रखंड के छह पंचायतें जलमग्न: प्रखंड के 6 पंचायतों में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है। दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। इसकी वजह से प्रखंड मुख्यालय से आवागमन बाधित हो गया है। हालांकि यहां आवागमन के लिए सरकार ने नाव की व्यवस्था की है। सड़क मार्ग पर पानी का बहाव होने से प्रखंड के दर्जनों गांवों का मुख्यालय से संपर्क भंग हो चुका है।
सबसे ज्यादा प्रभावित खुलनी पंचायत के मुंजंत, बाला चौकी, रामपुर लौगांय, सहित कुल 8 वार्ड हैं। वहीं दरियापुर पंचायत के सरोख एवं चंद्रभानपुर गांव पूरी तरह बाढ़ से घिर चुका है। सबसे ज्यादा बुरा हाल चंद्रभानपुर गांव का है। बेल्थु पंचायत के मंझो गांव के दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। शुक्रवार को सीओ निलेश चौरसिया एवं बीडीओ अभिनव भारती ने बाढ़ प्रभावित गांव का दौरा किया। सीओ ने बताया कि अभी जिला से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। निर्देश प्राप्त होते ही तत्काल सूखे राशन की व्यवस्था की जाएगी। वहीं बाढ़ पीडि़तों को अभी तक सरकारी सहायता नहीं मिलने से बाढ़ पीडि़तों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पशु चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा पशु चारा की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
डायरिया फैलने की संभावना: बाढ़ का पानी प्रवेश करने के कारण गांव में डायरिया का प्रकोप बढऩे की प्रबल संभावना हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा भी ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं किया गया है। न ही स्वास्थ्य कैंप लगाए गए हैं। इधर खैरा पंचायत के मुखिया मकसूद आलम ने बताया कि खैरा पंचायत के जमालपुर गांव ने करीब 400 से ज्यादा परिवार बाढ़ से प्रभावित है। लेकिन सरकारी सुविधा नदारद है। लोग घरों से नहीं निकल पा रहे हैं। मुखिया ने बताया कि इसकी सूचना सीओ को दे दी गई है।
धान की फसल हुई बर्बाद: सन्हौला में बाढ़ के पानी से सन्हौला प्रखंड के सैकड़ों एकड़ खेत में लगी धान की बर्बाद हो गई। निचले इलाके की धान खेत में जल जमाव अधिक है। बताया जाता है कि गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रहे वृद्धि और लगातार वर्षा होने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। इन इलाकों में मवेशी के लिए चारा की समस्या उत्पन्न हो गई है। जानकारी के मुताबिक प्रखंड के ताड़र, मकरपुर, दोग'छी, सोनुडीह, तेघड़ा, खिरीडांर, वनगांव, छोटी-खिरीडांर, चकसुलेमान, फरीदमपुर, अनकित्ता, डोभी, दिशारथ, महादेवपुर सहित दर्जनों गांव के बहियार का धान फसल डूब गया है।
बिहपुर में रेलवे ट्रैक तक पहुंचा बाढ़ का पानी: बिहपुर में गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है। शुक्रवार को बाढ़ का पानी नन्हकार रेलवे ढाला के समीप पहुंच गया। बिहपुर व खरीक प्रखंड के दर्जनों गांवों को बाढ़ से बचाने वाले लत्तीपुर-नरकटिया जमींदारी गंगा तटबंध पर नदी का दबाव काफी बढ़ गया है। यहां जलस्तर एक हाथ भी और बढ़ा तो पानी तटबंध के उपर से बहने लगेगा।
सीओ बलिराम प्रसाद ने बताया कि यहां तटबंध व गंगा के जलस्तर पर फ्लड कंट्रोल, विभाग द्वारा सतत निगरानी की जा रही है। करीब पांच सौ मीटर क्षेत्र में तटबंध पर बालू भरा बोरा डालकर रिंग बांध बनाया जा रहा है। सोनवर्षा, नरकटिया, गौरीपुर, अमरपुर, लत्तीपुर समेत अन्य कई गांवों के लोगों द्वारा भी तटबंध व गंगा के जलस्तर पर सतत नजर रखी जा रही है। सत्यदेव महाविद्यालय, गौरीपुर के पीछे इस तटबंध के पास गंगा का जलस्तर कहीं-कहीं तटबंध के समानांतर हो गया है। उस जगह भी बोरा डालकर रिंग बांध बनाया जा रहा है।इधर, सोनवर्षा का गंगा दियारा पूरा जलमग्न हो चुका है। इससे लोग तो परेशान हैं ही, भइर्द मकई की फसल भी बर्बाद हो गई। मजबूरन किसान उसका इस्तेमाल पशुचारा के रूप में कर रहे हैं।रेलवे ट्रैक की सुरक्षा में जुटे रेलवे के अधिकारीनन्हकार रेलवे ढाला से नारायणपुर पूर्वी केबिन के समीप तक के रेलवे ट्रैक की सुरक्षा में रेलवे के अधिकारी जुट गए हैं। शुक्रवार को पूर्व मध्य रेलवे, थानाबिहपुर के एडीईएन रोहित राज के नेतृत्व में आइओडब्ल्यू थानाबिहपुर एलबी साह व आइओडब्ल्यू, कुर्सेला रामश्रृत समेत अन्य वरीय एवं कनीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का निरीक्षण किया। बोरा में डस्ट डालकर जगह जगह डाल जा रहा है।
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