Bihar Gangster Rakesh Rai: कुख्यात राकेश राय की बढ़ी मुश्किलें, अभी बक्सर जेल में ही कटेगी रातें
Bhagalpur News भागलपुर के जिलाधिकारी और नवगछिया के एसपी की रिपोर्ट पर जेल आईजी ने बक्सर जेल में रखे गए राकेश राय को वहीं रखे जाने को लेकर छह माह की प्रशासनिक अवधि विस्तार का आदेश दे दिया है। उसे छह माह के लिए बक्सर जेल में ही रखे जाने का आदेश बक्सर जेल प्रशासन को भेज दिया गया है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। नवगछिया और आसपास के इलाके में कुख्यात रहे राकेश राय की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। नवगछिया और भागलपुर की जेल में रखे जाने पर जेल से ही अपने गुर्गों की मदद से वह गिरोह को ऑपरेट किए जाने का खतरा बना रहता था।
भागलपुर के जिलाधिकारी और नवगछिया के एसपी की रिपोर्ट पर जेल आईजी ने बक्सर जेल में रखे गए राकेश राय को वहीं रखे जाने को लेकर छह माह की प्रशासनिक अवधि विस्तार का आदेश दे दिया है। उसे छह माह के लिए बक्सर जेल में ही रखे जाने का आदेश बक्सर जेल प्रशासन को भेज दिया गया है।
यहां की जेलों में रहते उन चर्चित कांडों से जुड़े केस के गवाहों को प्रभावित करने और गिरोह के गुर्गों के जरिये आपराधिक गतिविधियों के संचालन का खतरा बना रहता। कई चर्चित हत्याकांडों में उसकी संलिप्तता रही है।
कुख्यात छोटू यादव से उसकी साठगांठ को लेकर भी प्रशासनिक अधिकारियों ने छोटू समेत दो शातिर को भागलपुर की विशेष केंद्रीय कारा से हाल में अररिया जेल शिफ्ट करा चुकी है।
गोलू कुंवर, सरोज कुंवर, अधिवक्ता प्रमोद राय, सोनू राय हत्याकांड समेत कई केस हैं दर्ज
राकेश के विरुद्ध 12 अप्रैल 1996 को तुलसीपुर खरीक निवासी गोलू कुंवर की हत्या। सात सितंबर 2011 को गोलू कुंवर के भाई सरोज कुंवर की हत्या। 15 मार्च 2016 को अधिवक्ता प्रमोद राय हत्याकांड। 17 अक्टूबर 2019 को जिला पार्षद गौरव राय के बड़े भाई रितुध्वज कुमार राय उर्फ सोनू राय की हत्या में राकेश राय का नाम सुर्खी में आया था।
पुलिस ने उसकी आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए तब 50 हजार रुपये का इनाम रखा था। जिसके बाद पटना से आई स्पेशल टास्क फोर्स ने कटिहार जिले के फलका इलाके से 11 दिसंबर 2019 को गिरफ्तार कर लिया था। तब उसकी गिरफ्तारी के लिए तत्कालीन एसटीएफ आइजी सुशील मानसिंह खोपड़े को तगड़ी रणनीति बनानी पड़ी थी।
आइजी खोपड़े भागलपुर जोन में भी बतौर आइजी रह चुके थे, उन्हें राकेश राय के आपराधिक कारनामे की जानकारी थी। उसकी हर हाल में गिरफ्तारी को एसटीएफ चुनौती के रूप में ले रखी थी।
आदमपुर से रितुध्वज का किया गया था पीछा, जगतपुर के पास मारी गई थी गोलियां
खरीक उत्तरी क्षेत्र से जिला परिषद सदस्य गौरव राय के बड़े भाई रितुध्वज उर्फ सोनू राय की हत्या का तानाबाना राकेश राय ने ऐसा बुना था कि बचने की तमाम कोशिश बाद भी सोनू राय को अपराधियों ने गोलियों का निशाना बना डाला था। 17 अक्टूबर 2019 को रितुध्वज आदमपुर स्थित आवास से जब अपने घर नवगछिया के तुलसीपुर जमुनिया के लिए सबेरे निकले तभी से उनका पीछा अपराधी करने लगे थे।
जगतपुर के समीप उन्हें अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाते हुए निशाना बनाना चाहा। सोनू राय गोली लगने के बाद भी बचने के लिए काफी दूर तक दौड़ लगाया था लेकिन अपराधियों ने उन्हें बचने का मौका नहीं दिया। उन्हें गोलियों का निशाना बना डाला था। सोनू राय का इलाके में बड़ा सामाजिक सरोकार था।
ये भी पढ़ें- Greenfield Expressway से बदल जाएगी सीमांचल की सूरत, 140 गांवों को होगा फायदा; 110 KM लंबा होगा Highway