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Bihar Land Survey: जमीन सर्वे में नई समस्या आई सामने, किसानों की बढ़ी परेशानी; 1000 से अधिक मामले पेंडिंग

Bihar Land Survey 2024 बिहार में भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है लेकिन जमीन मालिकों को कागजात तैयार करने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रसीद कटवाने दाखिल-खारिज और वंशावली बनाने में देरी हो रही है। दलाल और बिचौलिए मनमाना पैसा वसूल रहे हैं। सर्वे के लिए स्वघोषित वंशावली की मांग की जा रही है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।

By Amar Kumar Anand Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Tue, 10 Sep 2024 05:26 PM (IST)
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जमीन के सर्वे कराने में किसानों के छूट रहे पसीने (जागरण)

संवाद सूत्र, अजगैवीनाथ धाम (Bhagalpur News)। बिहार में जमीन सर्वे का काम शुरू हो चुका है। लोग जमीन सर्वे के लिए जरूरी कागजात इकट्ठा करने में जुटे हैं, लेकिन भूमि सर्वे के पूर्व कागजात तैयार करने में प्रखंड के किसानों और जमीन मालिकों के पसीने छूट रहे हैं। एक नई समस्या सामने आ रही है, वह है दलालों का झुंड। दलाल पूरी तरह से चांदी काट रहे हैं।

लोग जमीन का रसीद कटवाने में बेहाल हैं तो सैकड़ों किसानों का जमीन दाखिल खारिज के मामले में अटका है। सर्वे के लिए सरकार स्वघोषित वंशावली मांग रही है। पाटीदार में बंटवारे को लेकर वंशावली तैयार करना भी जरूरतमंदों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है।

वहीं शपथ पत्र बनवाने के लिए पोस्ट  ऑफिस में टिकट के लिए प्रतिदिन मारामारी की स्थिति देखने को मिल रही है। लाख अड़चन के बावजूद जमीन मालिक कागजात दुरुस्त कराने में लगे हैं। इन दिनों अंचल कार्यालय और सर्वे के लिए बनाए गए सर्वे कार्यालय में लोगों की लगातार भीड़ उमड़ रही है।

दलाल हुए सक्रिय

सर्वे का काम शुरू होते ही प्रखंड क्षेत्र के दलाल सक्रिय हो गए हैं। इन दिनों प्रखंड में अधिकारियों से ज्यादा दलाल व बिचौलिये नजर आ रहे हैं। जो जमीन मालिकों से मनमाना राशि लेकर भूमि सर्वे का सुलभ रास्ता बता रहे हैं। लोग चाहते हैं कि कम से कम समय में उन्हें संबंधित कागजात मिल जाए और सर्वे आसान तरीके से हो जाए। संबंधित कार्यालय के कर्मी इन दिनों एक से दो लोग अपनी सहायता के लिए रखे हुए हैं। जो रसीद कटवाने, म्यूटेशन करवाने एवं वंशावली बनाने के लिए रैयतों से पैसे की उगाही कर रहे हैं।

जमीन मालिकों ने गिनावाईं समस्याएं

कल्याणपुर मोतीचक निवासी जनार्दन मंडल के पुत्र सनी कुमार ने बताया कि वर्ष 2004 में महेशी पंचायत के रविचक मौजा में एक कट्ठा जमीन खरीदा था। छह माह पूर्व दाखिल खारिज के लिए आनलाइन किया गया था। सभी दस्तावेज होने के बावजूद आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया।

कर्मचारियों से मिलने पर वह तरह-तरह की बात कर टालमटोल कर रहा है। इस स्थिति में सर्वे हो पाना मुश्किल लग रहा है। वहीं गनगनियां पंचायत निवासी राजन कुमार ने बताया कि 20 वर्ष पहले जमीन खरीदे थे। इसका अबतक म्यूटेशन नहीं हुआ है और ना ही रसीद कट रही है। वहीं कर्मचारियों द्वारा मोटेशन के लिए एक से दो माह समय लगने की बात कही जा रही है।

कई बार अंचल कार्यालय का चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अंचल में कार्यरत कर्मी के बिचौलियों द्वारा म्यूटेशन के नाम पर मोटे रकम की मांग की जा रही है। इस स्थिति में भूमि सर्वे के लिए कागजात कैसे जमा करें। वहीं तिलकपुर निवासी भुट्टो यादव ने बताया कि पैतृक संपत्ति के 40 वर्ष पहले ही आपसी बंटवारा हुआ। उसके बाद एक पट्टीदार द्वारा जमीन बेच दिए गया।

अब फिर से शेष जमीन में सभी पट्टीदार हिस्सा मांग रहे हैं। बंटवारानामा बनाने के लिए बिचौलिये मुंह मांगा पैसे की मांग कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र के जमीन मालिक पिकेश कुमार यादव ने बताया कि अपनी मां के नाम पर 10 वर्ष पूर्व जमीन खरीदा था। इसका म्यूटेशन भी हो चुका है। परिमार्जन के लिए दो बार आवेदन किए, लेकिन सभी कागजात रहने के बावजूद रिजेक्ट कर दिया जा रहा है। ऐसे में भूमि सर्वे के लिए कागजात तैयार करने में परेशानी हो रही है।

आनलाइन रसीद काटने में हो रही परेशानी

इन दिनों ऑनलाइन भू-लगान जमा करने में लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है। सर्वर स्लो रहने के कारण वेबसाइट नहीं खुल रहा है। इससे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जारी रजिस्टर -2 की रिपोर्ट आनलाइन देखने एवं भू-लगान जमा करने में संबंधित लिंक खुलने में परेशानी हो रही है। यदि लिंक खुल भी जाता है तो आवेदन के साथ कागजात अपलोड करने में भी बहुत समय लग रहा है।

वंशावली बनाने के नाम पर ठगे जा रहे लोग

भूमि सर्वे का कार्य शुरू होते ही अंचल कार्यालयों में सक्रिय रहने वाले दलालों की चांदी हो गई है। भूमि सर्वेक्षण में लोगों को स्वघोषित वंशावली देनी है, लेकिन बिचौलिया व सक्रिय दलाल लोगों को बरगलाकर वंशावली बनाने के नाम पर दो से तीन सौ रुपये तक ठग रहे हैं। ऐसी शिकायतें पीड़ित लोग आपस में बातचीत के दौरान तो कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी तक नहीं पहुंचा रहे हैं।

दाखिल-खारिज के 1000 से अधिक मामले हैं पेंडिंग

अंचलाधिकारी रवि कुमार ने बताया कि अंचल में राजस्व कर्मी के 12 पद सृजित हैं। इसमें आठ राजस्व कर्मचारी पदस्थापित हैं। प्रतिदिन जाति, आवासीय, आय के अधिकांश आवेदन दो सौ एवं एलपीसी के करीब 15-20 आवेदन प्रति दिन आते हैं। जो आरटीपीएस के माध्यम से लिया जाता है।

इसमें सभी निष्पादित हैं। प्रखंड क्षेत्र के दाखिल-खारिज का वर्तमान समय में हजार से अधिक मामले पेंडिंग हैं। जाति, आय, आवास प्रमाण पत्र निर्धारित समय पर निर्गत किया जाता है। प्रखंड क्षेत्र में दलाल सक्रिय हैं। इसकी सूचना लोगों द्वारा नहीं मिली है। अगर कोई लिखित शिकायत करता है तो विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।

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