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बिहार नगर निगम चुनाव 2022 : क्‍या बदल जाएगा आरक्षण रोस्‍टर! मतदान से छह दिन कोर्ट का फैसले से सभी अचंभित

बिहार नगर निगम चुनाव 2022 मतदान से छह दिन पहले आया कोर्ट का फैसला बदलेगा नगर परिषद लखीसराय के उपाध्यक्ष पद का आरक्षण। मतदान और मतगणना की पूरी कर ली थी तैयारी। बूथवार तैयार कर ली गई थी ईवीएम व अन्य सामग्री।

By Jagran NewsEdited By: Dilip Kumar shuklaUpdated: Thu, 06 Oct 2022 03:51 PM (IST)
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बिहार नगर निगम चुनाव 2022 : आरक्षण रोस्‍टर को लेकर आया कोर्ट का बड़ा फैसला।

संवाद सहयोगी, लखीसराय। बिहार नगर निगम चुनाव 2022 : नगर निकाय चुनाव में आरक्षण की अनदेखी और जारी रोस्टर में गड़बड़ी मामले में पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रथम और द्वितीय चरण के होने वाले निकाय चुनाव को स्थगित कर दिया गया है। जानकारी हो की जिले में नगर परिषद लखीसराय और नवगठित नगर परिषद सूर्यगढ़ा में पहले चरण के तहत 10 अक्टूबर को मतदान होना था। जबकि 12 अक्टूबर को मतगणना होनी थी।

जिला प्रशासन ने दुर्गा पूजा से पूर्व ही मतदान और मतगणना की प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली थी। दोनों निकाय क्षेत्र के लिए बूथवार ईवीएम की सील‍िंग कर डायट भवन में सुरक्षित रख दिया गया था। मतदान और मतगणना के लिए प्रतिनियुक्त सभी कर्मियों को प्रशिक्षण के साथ-साथ द्वितीय नियुक्ति पत्र भी तामिला कराया गया। लेकिन चुनाव से छह दिन पहले ही हाई कोर्ट का डंडा चला और सारी तैयारी धरी रह गई। चुनाव स्थगित होने से चुनाव कार्य में दिन रात लगे कर्मियों, प्रत्याशियों एवं अन्य लोगों में काफी निराशा है। अब आगे क्या होगा, चुनाव प्रक्रिया फिर से कैसे प्रारंभ होगी इसको लेकर संशय बना हुआ है। जिले के अधिकारी भी चुनाव आयोग के अगले आदेश का इंतजार कर रहे हैं।

नप लखीसराय के उपाध्यक्ष पद का बदलेगा आरक्षण रोस्टर

राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर परिषद लखीसराय का सभापति पद आरक्षित किया था। जबकि उपसभापति का पद अतिपिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित किया। शहर के कबैया रोड के सुरेश प्रसाद ने आयोग के आरक्षण रोस्टर को चुनौती देते हुए पटना हाईकोर्ट में परिवाद दायर किया था। हाईकोर्ट ने जिस तरह आरक्षण के बि‍ंदु पर सरकार और आयोग पर टिप्पणी की है और नए सिरे से आरक्षण तय करने का आदेश दिया है, उससे यह साफ हो गया है कि नगर परिषद लखीसराय में उपसभापति का पद प्रभवित होगा। चर्चा यह है कि आरक्षण बदला तो उपसभापति का सीट सामान्य कोटि का हो सकता है। ऐसे में नगर की राजनीति बदलेगी और कई नए चेहरे फिर से उपसभापति के दौड़ में शामिल होंगे। कोर्ट के फैसले से उपसभापति पद के प्रत्याशियों की बेचैनी बढ गई है।

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