Bihar News: एसपी ने आइजी के आदेश को दिखाया ठेंगा, तय समय में नहीं भेजी इस चीज की लिस्ट
बिहार में बाह्य अनुदेशकों के चयन का कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है। अपने अधीनस्थ पुलिस अधीक्षकों के इस रैवये पर आइजी सुरेश प्रसाद चौधरी ने गंभीर नाराजगी व्यक्त की है। आइजी द्वारा दो बार और बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस निदेशालय द्वारा पत्र दिए जाने के बावजूद कुछ जिलों के एसपी ने अब तक लिस्ट ही नहीं भेजी है।
संजय सिंह, भागलपुर: बिहार में पुलिस पदाधिकारियों के बीच आपसी तालमेल की कमी देखने को मिला है। आइजी द्वारा दो बार और बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस निदेशालय द्वारा पत्र दिए जाने के बावजूद बाह्य अनुदेशकों के चयन का कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है।
अपने अधीनस्थ पुलिस अधीक्षकों के इस रैवये पर आइजी सुरेश प्रसाद चौधरी ने गंभीर नाराजगी व्यक्त की है।
मालूम हो कि पूरे राज्य में 25 हजार नवनियुक्त सिपाहियों को 22 केंद्रों पर बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके लिए बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस निदेशालय ने पत्र लिखकर सभी जिलों के एसपी से बाह्य अनुदेशक का चयन कर मुख्यालय को सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।
हालांकि, पूर्णिया, कटिहार, अररिया व किशनगंज से यह सूची समय सीमा के भीतर नहीं भेजी गई।
IG ने 7 अगस्त को पुलिस अधीक्षक को लिखी थी चिट्ठी
आइजी ने सात अगस्त और नौ अगस्त को पत्र लिखकर पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया था कि बाह्य प्रशिक्षकों का मनोनयन कर इसकी सूची पुलिस मुख्यालय व आइजी कार्यालय को उपलब्ध कराएं।
आइजी ने पांच सितंबर को लिखे अने पत्र में चारों जिले के एसपी से स्पष्ट तौर पर कहा है कि बाह्य अनुदेशकों के चयन के लिए अहर्ता को पूर्ण करने वाले सिपाही व पुलिस निरीक्षक स्तर के पदाधिकारियों का चयन निर्दिष्ट संख्या में करके मुख्यालय और आइजी कार्यालय को उपलब्ध कराना था। हालांकि, यह अब तक नहीं मिला है। यह रवैया अत्यंत खेदजनक है।
आइजी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि इस काम को उच्च प्राथमिकता के स्तर पर पूरा करें। बाह्य प्रशिक्षकों का मनोनय कर अविलंब इसकी जानकारी पुलिस महानिदेशक और आइजी कार्यालय को उपलब्ध कराएं।
इस तरह से दिया जाता हैं प्रशिक्षण
मालूम हो कि सिपाहियों को प्रशिक्षण के दौरान कानून की जानकारी दी जाती है। इसके साथ-साथ आइपीसी, सीआरपीसी, एविडेंस एक्ट व माइनर एक्ट की भी थोड़ी-बहुत जानकारी पुलिसकर्मियों को दी जाती है।
इसके अलावा शारीरिक रूप से दक्ष होने के लिए जवानों से पीटी परेड भी करवाया जाता है। जवानों को हथियार संबंधी जानकारी के साथ-साथ फायरिंग का भी अभ्यास कराया जाता है।
कुछ प्रशिक्षण केंद्रों पर तो प्रशिक्षक हैं, पर कई केंद्र ऐसे हैं जहां प्रशिक्षक उपलब्ध नहीं होने की वजह से बाह्य प्रशिक्षक द्वारा सिपाहियों को प्रशिक्षण दिलवाया जाता है। यदि बाह्य प्रशिक्षक के चयन का कार्य समय पर पूरा नहीं हुआ तो प्रशिक्षण में अवरोध पैदा हो सकता है।
आइजी के कड़े पत्र के बाद बाह्य अनुदेशकों के चयन का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। बाह्य अनुदेशकों को प्रशिक्षण देने के एवज में उनलोगों को अलग से मानदेय भी दिया जाता है।