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Munger Kahalgaon Highway: गुम हुआ नेशनल हाईवे-80 का अहम दस्तावेज, अब रैयत कर रहे जमीन पर दावा

सर्वे कार्यालय जिला प्रशासन से अंचल कार्यालय तक दस्तावेज की खोज की गई पर अधिकारियों को निराशा हाथ लगी। मुंगेर से कहलगांव के बीच एनएच-80 (National Highway 80) के दस्तावेज नहीं मिले। वहीं बरियारपुर में तीन किलोमीटर गनगनिया में डेढ़ किलोमीटर अकबरनगर में 500 मीटर घोघा में 600 मीटर सड़क चौड़ीकरण के साथ नाला निर्माण में बाधा उत्पन्न हो गई है।

By Alok Kumar Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 21 Aug 2024 02:44 PM (IST)
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घोघा और कहलगांव के बीच निर्माणाधीन एनएच 80 l फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, भागलपुर। एनएच विभाग को पता ही नहीं है कि एनएच-80 में उसकी जमीन कहां और कितनी है। इसके बावजूद सर्वे कर डीपीआर तैयार कर दी गयी। टेंडर कर ठेकेदारों का चयन और सड़क का निर्माण भी शुरू कर दिया गया। सड़क का निर्माण शुरू करने के बाद जब विभागीय अधिकारी अतिक्रमण हटाने गए तो सड़क के दोनों ओर रैयतों ने सर्वे भूमि पर अपना दावा ठोक दिया।

जिससे मुंगेर से मिर्जाचौकी के बीच सड़क के चौड़ीकरण में बाधा आ रही है। जहां सात मीटर सड़क चौड़ी करनी थी वहां पांच मीटर और जहां 10 मीटर चौड़ीकरण होनी है वहां सात मीटर सड़क चौड़ी की जा रही है। टेंडर के हिसाब से सड़क चौड़ीकरण नहीं हो पा रही है। जाम की समस्या से निदान के लिए मुंगेर से मिर्जाचौकी के बीच 98 किलोमीटर सड़क चौड़ीकरण का निर्णय लिया गया।

साल 2020 में सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद सर्वे कराया गया। एनएच के सहायक अभियंता अखिल कुमार, सौम्या प्रिया व अभिषेक आनंद ने सर्वे रिपोर्ट भी सौंप दिया। जिसमें विभाग की ओर से अतिक्रमणकारियों की पहचान रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी गई। इसके बाद डीपीआर तैयार की गयी।

डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद टेंडर कर सड़क बनाने वाली एजेंसियों का चयन किया गया। 900 करोड़ की लागत से दो हिस्सों में मुंगेर से नाथनगर दोगच्छी और जीरोमाइल से मिर्जाचौकी के बीच दो हिस्सों में सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया।

निर्माण कार्य शुरू करने के बाद जब विभागीय अधिकारी अतिक्रमण हटाने गए तो लोगों ने यह कहते हुए जमीन पर दावा ठोक दिया कि यह एनएच विभाग का नहीं, बल्कि उनकी जमीन है। इस दौरान रैयतों द्वारा विभागीय अधिकारियों से जमीन संबंधह दस्तावेज की मांग की गई। दस्तावेज दिखाने की बात करने पर विभागीय अधिकारी जमीन संबंधी कागजात की तलाश शुरू कर दी।

सर्वे कार्यालय, जिला प्रशासन से अंचल कार्यालय तक दस्तावेज की खोज की गई, पर अधिकारियों को निराशा हाथ लगी। मुंगेर से कहलगांव के बीच एनएच-80 के दस्तावेज नहीं मिले।

चौड़ीकरण में यहां फंस रहा पेच

बरियारपुर में तीन किलोमीटर, गनगनिया में डेढ़ किलोमीटर, अकबरनगर में 500 मीटर, घोघा में 600 मीटर सड़क चौड़ीकरण के साथ नाला निर्माण में बाधा उत्पन्न हो गई है। फिलहाल यह कर रहा विभाग दस्तावेज के अभाव में जहां बाधा उत्पन्न हो रही है उन जगहों में सात मीटर की जगह पांच मीटर और 10 मीटर की जगह सात मीटर ही सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है।

मुंगेर और नाथनगर दोगच्छी के बीच का नहीं मिल रहा दस्तावेज

विभागीय अधिकारियों के अनुसार कहलगांव से मिजौचौकी तक जमीन संबंधी दस्तावेज विभाग के पास उपलब्ध है, लेकिन मुंगेर और नाथनगर दोगच्छी के बीच दस्तावेज ही नहीं है। सर्वे कार्यालय, गजेटियर, जिला प्रशासन और अंचल कार्यालय में भी जमीन संबंधित कागजात उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में कुछ जगहों पर सड़क चौड़ीकरण के साथ नाला निर्माण में बाधा उत्पन्न हो रही है।

यही वजह है कि अबतक बरियारपुर, गनगनिया में सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। अकबरनगर में बाजार के पास सड़क चौड़ीकरण में समस्या खड़ी हुई है। यहां एक ओर सड़क ढलाई हो चुकी है। यही स्थिति सुल्तानगंज में भी हुई है।

अधिकारियों ने बताया कि जीरोमाइल से सबौर के बीच छह किलोमीटर सड़क 12 मीटर चौड़ी की जाएगी। यहां जमीन की समस्या नहीं है। कहलगांव और मिर्जाचौकी के बीच दस्तावेज उपलब्ध होने के कारण अतिक्रमण हटाकर चौड़ीकरण में कोई समस्या खड़ी नहीं होगी।

निर्माण के आधार पर ही होगा भुगतान

एनएच के अभियंता सुधीर कुमार ने बताया कि निर्माण के आधार ही ठेकेदार को भुगतान किया जाएगा। इससे विभगीय राजस्व को नुकसान नहीं होगा। वैसे भी प्लांट के डूबने की वजह से सड़क निर्माण कार्य प्रभावित है।

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