सावधान! सोशल मीडिया पर पुलिस की पैनी नजर, जातियों के नाम पर भड़काऊ पोस्ट डाला तो जाना पड़ेगा जेल, जानें DIG का नया निर्देश
अब जातियों के नाम पर इंटरनेट और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट डालना किसी को भी महंगा पड़ सकता है। ऐसे मामलों में सीधे केस दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। भागलपुर में जातीय जनगणना महिला आरक्षण और जातीय व धार्मिक मसले को लेकर आपत्तिजनक भड़काऊ पोस्ट को लेकर इंटरनेट मीडिया पर निगरानी शुरू हो गई है।
By Kaushal Kishore MishraEdited By: Mukul KumarUpdated: Thu, 12 Oct 2023 12:23 PM (IST)
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जातियों के नाम पर आपत्तिजनक भड़काऊ पोस्ट इंटरनेट मीडिया पर डाल तनाव फैलाने वालों की अब खैर नहीं। ऐसे तत्वों की पहचान कर उनपर न सिर्फ केस दर्ज होगा बल्कि उन्हें जेल की सलाखों के अंदर जाना होगा।
मुख्यालय एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के निर्देश के बाद रेंज डीआइजी विवेकानंद ने भागलपुर, बांका और नवगछिया के एसपी को इस बाबत सख्ती बरतने का निर्देश दिया है। उक्त निर्देश पर भागलपुर, बांका और नवगछिया के पुलिस अधीक्षकों ने इंटरनेट मीडिया पर ऐसी गतिविधियों की निगरानी शुरू करा दी है।
इंटरनेट मीडिया पर पुलिस की नजर पैनी
तीनों जिलों में पुलिस की तकनीकी सेल ने इंटरनेट मीडिया पर पैनी नजर रखते हुए ऐसे तत्वों की पहचान में जुट गई है। यानी अब जातियों के नाम पर ऐसा कोई भी पोस्ट डाल तनाव फैलाने की कोशिश करेगा। किसी की धार्मिक भावना को भड़काने का प्रयास करेगा तो उन्हें पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए जेल की सलाखों के अंदर कर देगी।
जाति आधारित गणना के बाद जातियों के नाम पर उन्माद फैलाने और लोगों को उकसाने वालों की निगरानी और कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। इंटरनेट मीडिया पर ऐसे पोस्ट करने वालों पर पुलिस मुख्यालय की इंटरनेट मीडिया यूनिट भी नजर रख रही है।
यू-ट्यूब और फेसबुक पर जातियों के नाम पर उन्माद फैलाने वाले पोस्ट शेयर किए जाने पर पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। इंटरनेट मीडिया पर उन्माद की कोशिश जाति के नाम पर हो या किसी अन्य के नाम पर, इसकी 24 घंटे निगरानी अब भागलपुर, नवगछिया और बांका जिले की पुलिस करने लगी है।
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