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Bihar News: 85 साल पुराने मकान ने निगल ली छह साल के मासूम की जिंदगी, पतंग उड़ाते वक्‍त भरभराकर गिरी छत; मलबे में दबकर दम घूंटा

रविवार शाम छह वर्षीय हिमांशु कुमार अपने छोटे भाई सहित चार अन्य बच्चों के साथ पड़ोस में नर्मदेश्वर सिंह के पुराने गोहाल की छत पर गया था। यह मकान लगभग 85 साल पुराना और काफी जर्जर है। पतंग उड़ाने के दौरान ही मकान की छत अचानक से भरभरा कर गिर गई जिसके मलबे में दबकर हिमांशु की मौत हो गई जबकि अन्‍य बच्‍चे घायल हो गए।

By Deep Narayan singhEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 11 Dec 2023 11:00 AM (IST)
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हिमांशु कुमार उर्फ ओम की फाइल फोटो, जिसकी हादसे में मौत हो गई है।

संवाद सूत्र, सुल्तानगंज। महेशी पंचायत के वार्ड संख्या दो के मंडल टोला में रविवार की शाम एक पुराने मकान की छत गिरने से मलबे में दबकर छह वर्षीय बच्चे की मौत हो गई, जबकि उसके छोटे भाई सहित चार अन्य बच्चे बुरी तरह से घायल हो गए। मृतक की पहचान संख्या वार्ड दो निवासी राजन मंडल के छह वर्षीय पुत्र हिमांशु कुमार उर्फ ओम कुमार के रूप में हुई है।

रविवार शाम छत पर पतंग उड़ाने गया था हिमांशु

घायलों में मृतक का तीन वर्षीय भाई सोम कुमार, पंकज कुमार मंडल के पुत्र सुमन कुमार व सत्यम कुमार, रंजन मंडल उर्फ निरंजन मंडल के पुत्र पीयूष कुमार उर्फ सन्नी और सन्नी मंडल के पुत्र छोटू कुमार शामिल हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि रविवार की शाम पांच बजे हिमांशु पांच अन्य बच्चों के साथ पतंग उड़ाने के लिए पड़ोस में नर्मदेश्वर सिंह के पुराने गोहाल की छत पर गया था।

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करीब 85 वर्ष पुरानी छत भरभरा कर गिरी

पतंग उड़ाने के दौरान ही करीब 85 वर्ष पुरानी छत भरभरा कर गिर गई। इससे छत पर पतंग उड़ा रहे बच्चे मलबे में दब गए। छत गिरने के जोरदार धमाके से आसपास के लोग सहम गए।

जब मामला समझ में आया तो ग्रामीण नर्मदेश्वर सिंह के घर की तरफ दौड़ पड़े। छत का मलबा हटाकर देखा तो राजन मंडल के छह वर्षीय पुत्र हिमांशु कुमार उर्फ ओम की मौके पर ही मौत हो गई थी।

जर्जर अवस्‍था में है पूरा का पूरा मकान

सुल्तानगंज थानाध्यक्ष प्रियरंजन, अंचल इंस्पेक्टर रतन लाल ठाकुर, प्रभारी अंचल अधिकारी रवि कुमार डलवाल घटनास्थल पर पहुंचे। अंचलाधिकारी ने यथासंभव सरकारी मदद का आश्वासन दिया।

ग्रामीणों के अनुसार जिस भवन का छत मासूमों के ऊपर गिरा है, उसके कमरे का निर्माण लगभग 85 वर्ष पहले ही हुआ था। जो जर्जर स्थिति में है।

ग्रामीणों ने बताया कि यह भवन इलाके के चर्चित जमींदार मंगल सिंह के पौत्र प्रेम शंकर सिंह, नर्मदेश्वर सिंह एवं मुन्ना सिंह का है। जो बहुत पुराना है। इसका भवन जर्जर हो चुका है।

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