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Bihar Police : बड़े पैमाने पर होगा बिहार पुलिस में महकमें में फेरबदल, कोसी-सीमांचल में 100 से ज्यादा होंगे प्रभावित

Bihar Police मुख्यालय से जारी हुए दिशा-निर्देशों के बाद बड़े पैमाने पर फेरबदल होने वाला है। ऐसे बिहार पुलिस महकमे में पुलिस कर्मियों का ट्रांसफर किया जाएगा जो तीन साल से ज्यादा समय से पुलिस कार्यालयों में पदास्थापित हैं। इसके लिए जिलेवार रिपोर्ट बनाई जा रही है। पढ़ें पूरी खबर...

By Shivam BajpaiEdited By: Updated: Wed, 21 Jul 2021 04:29 PM (IST)
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बिहार पुलिस मुख्यालय से जारी हुआ दिशा निर्देश।
राजीव कुमार, पूर्णिया। Bihar Police महकमें में तीन वर्षों से अधिक समय तक जिले के पुलिस कार्यालयों में कुंडली मारकर बैठे पुलिस कर्मियों की अब खैर नहीं है। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने सूबे के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। राज्य पुलिस मुख्यालय के कार्मिक विभाग के पुलिस उप महानिरीक्षक रंजीत कुमार मिश्रा ने अपने कार्यालय पत्रांक 689 दिनांक 20 जुलाई 2021 के द्वारा तीन साल से जमे पुलिस कर्मियों को तत्काल हटाकर उन्हें दूसरे कार्यालय में पदस्थाापित करने एवं इसकी रिपोर्ट राज्य पुलिस मुख्यालय को भेजने को कहा है।

इस संबंध में जारी पत्र में डीआइजी कार्मिक ने कहा कि पुलिस मुख्यालय को लगातार इस बात की शिकायत मिल रही है कि कई पुलिस कार्यालयों में कई पुलिस कर्मी एवं पुलिस पदाधिकारी काफी लंबे समय से पदस्थापित है। ज्यादातक मामले गोपनीय कार्यालय एवं रक्षित कार्यालय से जुड़े हुए सामने आए हैं। लंबे समय से एक ही कार्यालय में पदस्थापित रहना प्रशासनिक दृष्टिकोण से एक स्वस्थ परंपरा नहीं है साथ यही यह नियमानुकूल भी नहीं है।

डीआइजी ने इस आलोक में सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया है की वे अपने अधीनस्थ सभी पुलिस कार्यालय में पदस्थापित पुलिस कर्मियों के कार्यकाल की समीक्षा करें तथा जिनकी अवधि तीन साल हो गयी है, उन्हें दूसरे कार्यालय में पदस्थापित करने का काम करें। डीआईजी ने हर जिले के एसपी से इस बात का एक प्रमाण पत्र भी मांगा है की उनके जिले के किसी भी अधीनस्थ कार्यालय में कोई पुलिस कर्मी या पुलिस पदाधिकारी तीन साल से अधिक समय से पदस्थापित नहीं है।

पूर्णिया के कई पुलिस कर्मियों पर इस आदेश से गिर सकती है गाज

बताया जाता है की राज्य पुलिस मुख्यालय के इस आदेश से पूर्णिया एसपी के अधीनस्थ कई पुलिस कार्यालय में लंबे समय से जमे पुलिस पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है। बताया जाता है की एसपी के गोपनीय कार्यालय में कई ऐसे पुलिस कर्मी है, जो तीन से दो गुणा से अधिक समय से पदस्थापित है। इनका की बार तबादला भी पुलिस के वरीय अधिकारियों द्वारा किया गया लेकिन इन्हें आज तक यहां से विरमित नहीं किया जा सका।

एसपी के गोपनीय कार्यालय में स्थापित तकनीकी सेल में भी कुछ पुलिस कर्मी लंबे समय से जमे हुए हैं। हालांकि, इन पुलिस कर्मियों का भी हर बार की तरह इस बार भी आइजी द्वारा किए गए तबादले की सूची में नाम है मगर इन्हें अभी तक विरमित नही किया जा सका है। पूर्णिया के रक्षित कार्यालय में भी कुछ पुलिस कर्मी लंबे समय से डेरा डाले हुए हैं। इनके खिलाफ भी अब राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश के आलोक में कार्रवाई की गाज गिरनी तय मानी जा रही है।

कोसी-सीमांचल के जिलों में सौ से अधिक पुलिसकर्मी इस आदेश से होंगे प्रभावित

राज्य पुलिस मुख्यालय के इस आदेश से कोसी एवं सीमांचल के जिलों के पुलिस कार्यालयों में लंबे समय से पदस्थापित एक सौ से अधिक पुलिस कर्मियों एवं पुलिस पदाधिकारियों पर इसका असर पड़ेगा। कोसी के जिलों सहरसा, सुपौल, मधेपुरा एवं सीमांचल के जिलों पूर्णिया, कटिहार किशनगंज एवं अररिया में बड़ी संख्या में ऐसे पुलिस कर्मी है, जो लंबे समय से एक ही कार्यालय में कुंडली मारकर बैठे हैं। सहरसा की हालत इन जिलों में सबसे खराब है। कटिहार जिले में भी कई पुलिस कर्मी दस वर्षों से एक ही कार्यालय में जमे हुए है।

'राज्य पुलिस मुख्यालय को लगातार मिल रही शिकायतों के बाद तीन साल से अधिक समय से जमे जिले के सभी पुलिस कर्मियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को हटाने का निर्देश हर जिले के एसपी को दिया गया है। मुख्यालय के इस आदेश को डीजीपी का अनुमोदन प्राप्त है, सभी जिलों के एसपी से अपने जिले के कार्यालय की समीक्षा कर एवं जमे पुलिस पदाधिकारियों को स्थानांतरित करने के बाद रिपोर्ट मांगी गयी है, गोपनीय एवं रक्षित कार्यालय की स्थिति सबसे खराब है।'- रंजीत कुमार मिश्रा, पुलिस उपमहानिरीक्षक, कार्मिक विभाग

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