Bihar Cabinet Expansion: सम्राट चौथी बार बनें मंत्री, विरासत से मिली है राजनीति की शिक्षा
Bihar Cabinet Expansion विधान परिषद सदस्य सम्राट चौधरी ने चौथी बार मंत्री पद की शपथ ली। वे शकुनी चौधरी के पुत्र हैं। राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। मुंगेर के तारापुर की राजनीति में सम्राट चौधरी के परिवार दबदबा रहा है।
By Dilip Kumar shuklaEdited By: Updated: Tue, 09 Feb 2021 04:05 PM (IST)
जागरण संवाददाता, मुंगेर। Bihar Cabinet Expansion शकुनी चौधरी के पुत्र सम्राट चौधरी को एक बार फिर से नीतीश मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। सम्राट चौधरी ने चौथी बार मंत्री पद की शपथ ली। सम्राट को मंत्री बनाए जाने के बाद तारापुर सहित मुंगेर जिला में खुशी की लहर दौड़ गई। उनके पैतृक आवास लखनपुर में बड़ी संख्या में लोग टीवी पर शपथ ग्रहण समारोह देख रहे थे। सम्राट के मंत्री पद के शपथ लेते ही लोगों ने तालियां बजा कर स्वागत किया। इसके बाद एक दूसरे को मिठाई खिला कर खुशी का इजहार किया। सम्राट चौधरी के पिता पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी, मां पूर्व विधायक पार्वती देवी सहित परिवार के सभी सदस्य शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने पटना गए हुए थे। सम्राट चौधरी के मंत्री बनाए जाने से क्षेत्र से विकास के अधूरे कार्यों के पूरा होने की उम्मीद जगी है। वर्तमान में विधान परिषद के सदस्य के रूप में अपने विकास निधि की राशि उन्होंने तारापुर विधानसभा क्षेत्र में ही खर्च करने की अनुशंसा की है। सुलतानगंज में गंगा नदी पर बन रहे सेतु निर्माण में उनकी बड़ी भूमिका रही है। इस बार उन्हें पंचायती राज विभाग का मंत्री बनाया गया है।
सम्राट की प्राथमिकताएंतारापुर शहर को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए दो बाईपास सड़क, सभी खेतों को सिंचाई सुनिश्चित करना, तारापुर विधानसभा क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व के स्थलों को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करना, अंतर्राष्ट्रीय चित्रकार आचार्य नंदलाल बसु के प्रतिमा स्थल के क्षेत्र के सौंदर्यीकरण जैसे कार्य पूर्ण होने के प्रति स्थानीय जनता उनकी ओर टकटकी लगाए हुए हैं। युवा नेता के रूप में अपने मिलनसार व्यवहार के कारण अपने समर्थक ही नहीं विरोधियों के बीच भी उनकी अच्छी छवि बनी हुई है। हाल ही में उन्होंने बाइपास सड़क निर्माण के लिए उन्होंने पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा था। वहीं, सुलतानगंज देवघर तक फोरलेन सड़क निर्माण को लेकर केंद्रीय राज परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी पत्र लिखा था।
तारापुर की राजनीति में सम्राट के परिवार का रहा है दबदबा
1985 से लगातार तारापुर की राजनीति शकुनी चौधरी परिवार के इर्द-गिर्द ही केंद्रित रही है । भले ही बीते तीन चुनाव से स्थानीय विधायक के रुप में जदयू से स्व. नीता चौधरी एवं डॉ मेवालाल चौधरी को प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिल रहा हो। सम्राट चौधरी पहले बिना किसी सदन के सदस्य बने राबड़ी देवी के नेतृत्व वाली राजद मंत्रिमंडल में माप तौल एवं बागवानी विभाग के काबीना मंत्री बनाए गए थे। बिहार के राजनीति में लालू प्रसाद द्वारा शकुनी चौधरी को राजद में लाने के लिए एक राजनीतिक समझौता हुआ था। जिसके तहत बिना किसी सदन के सदस्य रहे शकुनी चौधरी के पुत्र सम्राट चौधरी को बिहार सरकार में वर्ष 1999 में मंत्री बनाया गया था। तारापुर को अनुमंडल तथा असरगंज को प्रखंड का दर्जा दिया गया था। बाद के आम चुनाव में सम्राट चौधरी ने खगड़िया जिला के परबत्ता को अपना कर्मक्षेत्र बनाया और वहां से विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया।
आने वाले समय में नीतीश कुमार द्वारा उन्हें जदयू में शामिल कराते हुए जदयू द्वारा एमएलसी बनाते हुए सरकार में नगर विकास एवं आवास मंत्री बनाया गया था। सम्राट चौधरी जीतन राम मांझी मंत्रिमंडल में भी नगर विकास एवं आवास मंत्री बने रहे। राजनीतिक मतभेद के कारण उन्होंने जदयू से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा। वर्तमान में वह भाजपा कोटा से विधान परिषद के सदस्य हैं और गठबंधन सरकार में भाजपा कोटा से मंत्रिपरिषद विस्तार में उन्हें पुनः चौथी दफे मंत्री बनाया गया है। सम्राट चौधरी ने राजद, जदयू एवं भाजपा नेता के रूप में मंत्रिमंडल में मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त किया है।
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