यहां बनेगा बनेगा सूबे का पहला हॉर्टीकल्चर रिसर्च सेंटर, यह है विशेषताएं Kishanganj News
राज्य सरकार की ओर से 45 वैज्ञानिकों समेत कुल 90 पद स्वीकृत किए गए हैं। पांच करोड़ के प्रोजेक्ट वाले इस एडवांस रिसर्च सेंटर के अप्रैल से काम करने की संभावना है।
By Dilip ShuklaEdited By: Updated: Tue, 03 Mar 2020 08:15 AM (IST)
किशनगंज, जेएनएन। बिहार का पहला हॉर्टीकल्चर रिसर्च सेंटर किशनगंज के डॉ. कलाम कृषि महाविद्यालय में बनाया जा रहा है। यहां उद्यानिक फसलों पर शोध किए जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 45 वैज्ञानिकों समेत कुल 90 पद स्वीकृत किए गए हैं। पांच करोड़ के प्रोजेक्ट वाले इस एडवांस रिसर्च सेंटर के अप्रैल से काम करने की संभावना है। तत्काल काम शुरू करने के लिए फंड का आवंटन भी किया गया है।
इस केंद्र से कोसी-सीमांचल के इलाके में फल-फूल व सब्जियों की खेती को बल मिलेगा। यहां किसानों को 340 घंटे का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इससे किसान फसल उत्पादन एवं प्रसंस्करण की जानकारी लेकर वैल्यू एडिशन कर सकेंगे। फिलहाल अनानास, आम, लीची, अमरूद व ग्रीष्मकालीन गेंदा पर शोध शुरू हो चुका है। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. शशांक शेखर सोलंकी बताते हैं कि किशनगंज और कोसी इलाके पर शोध के दौरान विशेष ध्यान दिया जाएगा। अनानास, मखाना, ड्रैगन फ्रूट, आम, लीची, अमरूद, संतरा, केला, टमाटर, करेला, मिर्च, बैगन, अदरख, हल्दी, भिंडी और गेंदा आदि पर शोध किया जाना है। इसके लिए पॉली व नेट हाउस तैयार किए जाएंगे। लैब स्थापित कर दी गई है।
किशनगंज समेत कोसी के इलाकों में फल, फूल व सब्जियों की खेती की बेहतर संभावना को देखते हुए हार्टीकल्चर रिसर्च सेंटर बनाया जा रहा है। यह बिहार का पहला सेंटर होगा, जिसमें विशेष रूप से फल, फूल व सब्जियों पर शोध कर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। - डॉ. विद्या भूषण झा, प्राचार्य, डॉ. कलाम कृषि कॉलेज, अर्राबाड़ी
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