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अब अपनी पुरानी धारा में बहेगी कोसी, धारा परिवर्तन कार्य को मिली स्वीकृति

जयरामपुर-गुवारीडीह बहियार में मिले पुरातात्विक अवशेष स्थल (गुवारीडीह टीले) को कटाव से बचाने के लिए कोसी की वर्तमान धारा को पुराने धारा में पायलट चैनल के द्वारा लाने के कार्य को प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 14 Mar 2021 02:26 AM (IST)
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अब अपनी पुरानी धारा में बहेगी कोसी, धारा परिवर्तन कार्य को मिली स्वीकृति

बिहपुर : जयरामपुर-गुवारीडीह बहियार में मिले पुरातात्विक अवशेष स्थल (गुवारीडीह टीले) को कटाव से बचाने के लिए कोसी की वर्तमान धारा को पुराने धारा में पायलट चैनल के द्वारा लाने के कार्य को प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। जल संसाधन विभाग नवगछिया के एसडीओ धीरेंद्र कुमार ने बताया कि धारा परिवर्तन का कार्य 18 करोड़ 64 लाख की लागत से होगा। टेंडर हो चुका है। कोसी की वर्तमान धारा को गुवारीडीह से पुरानी धारा बैनाडीह में शिफ्ट किया जाएगा।

कोसी की धारा 10-12 वर्ष पूर्व बैनाडीह होकर ही बहती थी। बैनाडीह में कोसी की धारा लौटने से नवगछिया अनुमंडल के दर्जनों कोसी तटवर्ती गांवों व हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन को जीवन दान मिल जाएगा। कोसी के कटाव से इलाका मुक्त हो जाएगा। नई धारा छह किमी लंबी, तीस मीटर चौड़ी व छह मीटर गहरी होगी, जिसे मधेपुरा जिले के तटवर्ती गांव मुरौत से शुरू करके विशुनपुर तक लाया जाएगा।

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पहले से चल रहा है प्रोटेक्शन वर्क, खर्च होंगे पांच करोड़ 49 लाख गुवारीडीह टीले को कटाव से बचाने का कार्य एक सप्ताह पूर्व से ही चालू है। विभाग के जेई विजय कुमार सिंह ने बताया कि गुवारीडीह टीले की सुरक्षा के लिए 980 मीटर लंबाई में प्रोटेक्शन वर्क युद्धस्तर पर चल रहा है। इस कार्य की लागत पांच करोड़ 49 लाख रुपये है।

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सीएम ने किया था मुआयना गुवारीडीह में प्राचीन अवशेष मिलने की जानकारी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते वर्ष 20 दिसंबर को बिहपुर पहुंचे थे। सीएम ने पुरातात्विक अवशेषों का मुआयना किया था। क्षेत्र को संरक्षित कर विकास करने की बात कही थी।

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