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विषहरी पूजा 2022 : बिहूला और बाला लखेंदर होगी शादी, बाला को सांप डसेगा, बिहूला हो जाएगी विधवा

विषहरी पूजा 2022 लोकगाथा पर आधारित विषहरी बिहूला पूजा को लेकर भागलपुर में काफी चहल पहल बढ़ गई है। मंगलवार की देर रात माता विषहरी की प्रतिमा स्‍थापित कर दी गई है। बिहूला और बाला लखेंदर के विवाह के पहले शहर में बारात निकाली जाएगी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Updated: Wed, 17 Aug 2022 11:00 AM (IST)
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विषहरी पूजा 2022 : भागलपुर में स्‍थापित प्रतिमा।

संवाद सहयोगी, भागलपुर। विषहरी पूजा 2022 : भागलपुर की लोकगाथा पर आधारित विषहरी बिहूला पूजा को लेकर शहर में काफी चहल पहल बढ़ गई है। आज मंगलवार की देर रात माता विषहरी की प्रतिमा सभी पंडालों पर बैठ गई। शाम में बिहूला और बाला लखेंदर के विवाह के पहले शहर में जगह जगह भव्य बारात निकाली जाएगी। जिसमें शहर के लोग शामिल होंगे। रात में 12 बजे बिहूला और बालालखेंदर की शादी होगी। फिर बाला को सर्प डसेगा और बिहूला विधवा हो जाएगी। सारी रश्में पुरी परंपरा के अनुसार किया जाएगा। इसकी तैयारी मंदिरों में किया गया है।

सभी स्थानों के भगत एवं पूजा स्थल के स्थानीय लोग भगत के साथ गाजा बाजा के साथ विभिन्न घाटों पर गंगाजल भरकर अपने-अपने स्थानों पर गए। आज से भगत निर्जला व्रत रखेंगे जो कि 18 को दोपहर बाद भगत विसर्जन के साथ संपन्न होगा। गंगाजल भरने बारी कलश को लेकर महिलाएं भगत के साथ चल रही थी विशेष उत्साह इस बार देखा गया। बताया गया कि जिले में कुल 119 जगहों पर बिहुला विषहरी की प्रतिमा स्थापित की गई है जिसमें केवल शहर भर में ही 90 प्रतिमा स्थापित है।

परंपरा के अनुसार होगा विषहरी पूजा का आयोजन

केंद्रीय विषहरि पूजा के पदाधिकारी एसएम कालेज सीढ़ी घाट बरारी सीढ़ी घाट बूढ़ानाथ घाट पर भ्रमण करते रहे और भगत गन की सेवा में लगे रहे। स‍िंह नक्षत्र प्रवेश के साथ और बिषहरी की प्रतिमा स्थापित हो गई। सुबह पहले डलिया चढ़ाया जाएगा। दोपहर बाद संध्या में बाला लखेंद्र की बारात धूमधाम से शहर और आसपास के मुहल्ले में निकाली जाएगी। उसके बाद रात में शादी की रस्म अदा की जाएगी फिर देर रात सर्पदंश का भी आयोजन होगा। 18 को प्रात: द्वितीय डलिया सभी स्थानों पर चढ़ाने के लिए भीड़ बढ़ेगी, दोपहर बाद मंजूषा भगत विसर्जन घाटों पर करेंगे जिसके साथ भी महिलाएं बच्चे का हुजूम भगत विसर्जन में आएंगे फिर शाम में देवी स्थानों पर कई जगहों पर मेला देखने को लोग निकलेंगे। 19 को रात्रि 12:15 से स्टेशन चौक से विसर्जन शोभायात्रा आरंभ होकर खलीफाबाग कोतवाली चौक नया बाजार आदमपुर छोटी खंजरपुर बड़ी खंजरपुर होते हुए कृत्रिम तालाब विसर्जन घाट में विसर्जित होगा।

डीएम से मिला केंद्रीय पूजा समिति

बिषहरी पूजा की तैयारी को लेकर केंद्रीय पूजा समिति के अध्यक्ष भोला कुमार मंडल ,प्रदीप कुमार ,शशि शंकर राय ,आदि ने डीएम सुब्रत कुमार सेन से मिले और विसर्जन मार्ग में कई जगह गड्ढे हैं, पेड़ की टहनी लटकी हुई है, कहीं-कहीं अतिक्रमण है। समस्या समाधान की बात कही। उधर शांति समिति के सदस्य विनय कुमार सिन्हा ने कहा कि बूढ़ानाथ विसर्जन घाट का निर्माण आधा अधुरा है जिससे परेशानी होगी।

53 स्थानों पर होता भगत पूजा

अंग क्षेत्र में यह पूजा बहुत ही विशेष रूप से मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस पूजा में मांगी गई मन्नतें पूरी होती है। यहां के लोग विषहरी पूजा लोक आस्था के रूप में मनाते है। जिले भर में 53 स्थानों पर भगत पूजा होता है और भगत पूजा मन्नत पूरा होने के बाद ही लोग करवाते है।

ये है महत्व

विषहरी पूजा समिति के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप कुमार कहते है कि इस पूजा का भागलपुर में बहुत महत्व है। क्योंकि बिहूला ही एक ऐसी सती है जिसने अपने मृत पति ही नही बल्कि भैसुर को भी स्वर्ग लोक से पृथ्वी लोक पर लाकर सुहागिन होने का गौरव प्राप्त किया था।

पूजा आजादी से पहले 1886 से ही मनाई जा रही है। भागलपुर में मुख्य रूप से ये पूजा चंपानगर, नाथनगर, खंजरपुर, उर्दू बाजार, भीखनपुर, आदमपुर के इलाके में मनाई जाती है। विषहरी पूजा शहर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इशाकचक और ईश्‍वरनगर में काफी धूमधाम से यह पर्व मनाया जाएगा। 

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