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बुढ़ापा रोकेगा बाहर से काला और अंदर से लाल अमरूद, गजब की है खासियत

Black Guava मिला काला जिन बीएयू में होगा अनुसंधान निकलेगी नई किस्म। एंटी ऑक्सीडेंट सहित अन्य विटामिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय इस अमरूद का व्यावसायिक उत्पादन करेगा। इस अमरूद में काफी खासियत है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Updated: Sun, 27 Jun 2021 08:04 AM (IST)
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बीएयू में काला अमरूद का पौधा, जिसमें लगा है अमरूद।

भागलपुर [ललन तिवारी]। बिहार कृषि विश्वविद्यालय अमरूद पर अनुसंधान करने की योजना बना रहा है। यदि सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले समय में बाहरी काला छिलका और अंदर लाल दिखने वाला गुणवत्ता युक्त अमरूद की नई किस्म की इजाद की जाएगी, जो व्यावसायिक उत्पादन के लिए बेहतर होगा। उसमें एंटी ऑक्सीडेंट सहित अन्य विटामिन आदि प्रचुर मात्रा में होंगी। नई किस्म के अमरूद का सेवन करने वाले लोगों को बुढ़ापा जल्दी नहीं आएगी।

विश्वविद्यालय में दो वर्ष पहले काले अमरूद के कुछ पौधे लगाए गए थे, जिसका फलन इस बार हुआ है। इससे विज्ञानी उत्साहित हैं। काले अमरूद के फलन से काले रंग का जिन प्राप्त हुआ है। इस जिन का उपयोग करते हुए इसे नई किस्म में हस्तानांतरण किया जाएगा। अमरूद की विश्वविद्यालय में 20 से 22 प्रजाति है। उसमें चयन कर अनुसंधान किया जाएगा। नई किस्म दिखने में बाहर से काला, परंतु अंदर से लाल होगी। इस नई किस्म को व्यावसायिक उत्पादन के लिए विकसित किया जाएगा जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली होगी। फल उत्पादक किसानों के लिए लाभ कारी होगा, क्योंकि दिखने में आकर्षक और गुणवत्ता के कारण बाजार में इसकी धमक होगी।

भागलपुर में होता है बेहतर उत्पादन

भागलपुर के सुल्तानगंज, नाथनगर, पीरपैंती, कहलगांव, जगदीशपुर, सबौर आदि क्षेत्रों में इलाहाबाद सफेदा, एल 49, पंतप्रभात, ललित आदि किस्मों के अमरूद का उत्पादन किसान बड़े पैमाने पर करते हैं, लेकिन उन्हें कीमत कम मिलती है। नई किस्म बड़े बाजारों में बेची जा सकेगी, जिससे किसानों की ज्यादा आय होगी। बताया गया कि विश्वविद्यालय में फला काला अमरूद में भी सुधार के लिए अनुसंधान किया जाएगा, ताकि इसका भी व्यावसायिक उत्पादन हो सके।

ऐसी होगी नई किस्म

अनुसंधान के सह निदेशक डॉ. फिजा अहमद ने बताया कि व्यावसायिक उत्पादन होने वाली अमरूद में एक सौ ग्राम फल में 250 मिलीग्राम विटामिन सी पाया जाता है। उसी प्रकार विटामिन ए, बी, वसा, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन आदि भी पाया जाता है। नई किस्म में गुणकारी तत्व ज्यादा होगा। बीज में प्रचुर मात्रा में आयरन होता है। हालांकि पचने में परेशानी होती है। अनुसंधान में बीज के इस पहलू पर भी ध्यान दिया जाएगा। सभी गुणकारी कैरेक्टर को ज्यादा से ज्यादा स्थानांतरित करने का प्रयास किया जाएगा। फल का आकार बड़ा, सुंदर और रंगीन होगा। कम समय और कम खर्च में ज्यादा फलन देगा। योजना बनाई जा रही है। बहुत जल्द अनुसंधान आरंभ किया जाएगा।

व्यावसायिक उत्पादन के लिए अमरूद की नई किस्म ईजाद की जाएगी, ताकि फल उत्पादक किसान गुणवत्तापूर्ण उत्पादन कर सकें। उन्हें ज्यादा आय मिल सके। विश्वविद्यालय प्रयास कर रहा है। - डॉ. अरुण कुमार, कुलपति बीएयू सबौर

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