Bihar News बीएन कालेज के प्राचार्य एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार प्राचार्य की पुत्री पर गलत थीसिस जमा करने का आरोप लगा है। एमबीए विभाग के पूर्व गेस्ट फैकल्टी डा. सुदर्शन कुमार ने कामर्स विभाग से पीएचइडी (शोध) कर रही अनिमा कुमारी पर दूसरे की थीसिस चोरी कर विभाग में जमा करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। बीएन कालेज के प्राचार्य एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार प्राचार्य की पुत्री पर गलत थीसिस जमा करने का आरोप लगा है। एमबीए विभाग के पूर्व गेस्ट फैकल्टी डा. सुदर्शन कुमार ने कामर्स विभाग से पीएचइडी (शोध) कर रही अनिमा कुमारी पर दूसरे की थीसिस चोरी कर विभाग में जमा करने का आरोप लगाया है।
अनिमा बीएन कालेज के प्रभारी प्राचार्य डा.अशोक ठाकुर की पुत्री हैं।
अनिमा पर यह लगा है आरोप
डा. सुदर्शन ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को दिए लिखित आवेदन में कहा है कि बीएन कालेज के प्राचार्य डा. अशोक ठाकुर की बेटी अनिमा कुमारी कामर्स डिपार्टमेंट से पीएचडी (शोध) कर रही हैं।
अनिमा द्वारा जमा किए गए शोध पत्र में टीएमबीयू प्रशासन द्वारा मात्र चार प्रतिशत तथ्य ही दूसरे शोध से मिलने की बात कही गई है। डा. सुदर्शन ने कहा कि जबकि शोध में नकल का प्रतिशत 78 से अधिक है।
उन्होंने कहा कि गूगल में मौजूद शोध नकल चेक करने वाले साफ्टवेयर से इसकी जांच कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात तो यह है कि 2019 में अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग से शोधार्थी सना फातिमा ने रुलर डेवलपमेंट प्रोग्रामस इन इंडिया एन इकोनामिक एनालिसिस आफ पोस्ट रिफार्म पीरियड के टाइटल पर शोध किया है।
वहीं, अनिमा द्वारा मैनेजमेंट आफ रुलर डेवलपमेंट प्रोगाम इन इंडिया : ए कंप्रिहेंसिव स्टडी प्री और पोस्ट इकोनामिक्स रिफार्म्स एरा टाइटल से शोध पत्र जमा किया है। जो सना फातिमा के थीसिस से 57 प्रतिशत मेटेरियल की चोरी की गई है। सना फातिमा का थिसिस (शोध ग्रंथ) शोध गंगा वेबसाइट पर 2021 में ही अपलोड किया गया है। उन्होंने कहा अनिमा कुमारी ने सना फातिमा के थीसिस से सारे के सारे शब्द, अनुवाद एक जैसे, यहां तक की सारे आंकड़े डाटा और ग्राफ भी सेम टू सेम है। मैंने कुलपति और राज्यपाल को ईमेल कर मामले की जांच कराने का अनुरोध किया है।
बीएन कालेज के प्रभारी प्राचार्य डा.अशोक ठाकुर ने कहा कि हमारी पुत्री ने जो थीसिस बनाया है, वह यूजीसी और विश्वविद्यालय के गाइडलाइन के अनुरूप है। उसकी जांच विश्वविद्यालय के संबंधित विभाग ने फिजिकल और इलेक्ट्रानिक दोनों माध्यम से करा लिया है। जिसमें यह प्रमाण मिला है कि उसकी थीसिस में चार प्रतिशत ही मिलान दूसरे की थीसिस से हुई है।
उन्होंने कहा की लोकतंत्र में सभी को आजादी है लिखने की और शिकायत करने की। जिन्होंने भी मेरी पुत्री की थीसिस को लेकर शिकायत की है, उन्हें थोड़ा अध्ययन करना चाहिए और नियमों को भी जानना चाहिए। वैसे शिकायत की गई है तो उसकी जांच होगी। जांच बाद सच सामने आ जाएगा।
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वहीं टीएमबीयू के कॉमर्स विभाग के विभागाध्यक्ष डा. केसी झा ने कहा कि हमारे विभाग से पीएचइडी कर रही छात्रा अनिमा कुमारी द्वारा जमा किए गए थीसिस की जांच विश्वविद्यालय के संबंधित विभाग से कराई गई है।
विश्वविद्यालय का मानक है कि किसी भी शोध पत्र में दस प्रतिशत से अधिक तथ्य दूसरे शोध से नहीं मिलता हो। अनिमा द्वारा प्रस्तुत किए गए शोध में मात्र चार प्रतिशत तथ्य ही दूसरे से मिलने की बात आई है। यह सही माना जाता है।
'इस मामले में लिखित आवेदन मिला है। कुलपति से बात कर इसकी जांच कराएंगे। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।'
डा. गिरिजेश नंदन कुमार, रजिस्ट्रार, टीएमबीयू
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