Brahmaputra Mail: कामाख्या से दिल्ली जा रही ब्रह्मपुत्र मेल का टूटा स्प्रिंग, दुर्घटनाग्रस्त होने से बची
भागलपुर में एक बड़ा रेल हादसा टल गया। साहिबगंज-भागलपुर रेलखंड पर 15658 अप ब्रह्मपुत्र मेल के एक कोच का स्प्रिंग टूट गया। रेलवे तकनीशियनों की सतर्कता से कोई हादसा नहीं हुआ। ट्रेन को कम गति से चलाया गया और किऊल के बाद दानापुर मंडल के तकनीशियन को दानापुर तक भेजा गया। स्प्रिंग को ठीक करने के बाद ट्रेन को सामान्य गति से चलाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। साहिबगंज-भागलपुर रेलखंड पर शुक्रवार को बोगी का स्प्रिंग टूटने से 15658 अप ब्रह्मपुत्र मेल दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गई। बताया जाता है कि रेलवे तकनीशियनों की सतर्कता से कोई हादसा नहीं हुआ। यह ट्रेन असम के कामाख्या से दिल्ली जा रही थी।
सीएनडब्ल्यू विभाग के तकनीशियन की टीम स्टेशन के दोनों छोर पर ड्यूटी में तैनात थी। सुबह 9.26 बजे अप ब्रह्मपुत्र मेल अपने तय समय से करीब एक घंटे देरी से भागलपुर स्टेशन से गुजर रही थी। ड्यूटी पर तैनात तकनीशियन की नजर इस ट्रेन के कोच के नीचे टूटी स्प्रिंग पर पड़ी। इसकी सूचना तुरंत तकनीशियन ने स्थानीय से लेकर मालदा मंडल के अधिकारियों को दी। मालदा कंट्रोल रूम को भी इसकी जानकारी दी गई।
गार्ड और इंजन पायलट को दी गई सूचना
इधर, स्प्रिंग टूटने के कारण इस ट्रेन की स्पीड कम कर दी गई। 120 किलोमीटर की जगह 95 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड में ट्रेन संचालन करने के लिए गार्ड और इंजन पायलट को सूचना दी गई। भागलपुर से इस ट्रेन में तकनीशियन को भेजा गया। भागलपुर से किऊल के बीच जिन स्टेशनों पर इस ट्रेन का ठहराव है, वहां उतरकर तकनीशियन स्प्रिंग की स्थिति को देखते रहे कि कहीं टूटी स्प्रिंग की दरार बढ़ी तो नहीं है।ब्रह्मपुत्र मेल की टूटी स्प्रिंग। जागरण
तकनीशियन को भेजा गया दानापुर
रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, किऊल के बाद दानापुर मंडल के तकनीशियन को दानापुर तक भेजा गया। दानापुर पहुंचने के वाद स्प्रिंग को ठीक किया जाना है। दरार अधिक बढ़ने से दुर्घटनाग्रस्त होने की बात से इन्कार नहीं किया जा सकता। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षित ट्रेन संचालन को लेकर जंक्शन के दोनों छोर पर रोलिंग प्वाइंट पर दो-दो तकनीशियन की ड्यूटी लगाई जाती है।
वहां से जितनी भी ट्रेनें गुजरती हैं तकनीशियन उन ट्रेनों पर नजर रखते हैं। इसी दौरान ब्रह्मपुत्र मेल गुजर रही थी। तकनीशियन की नजर कोच के नीचे टूटे स्प्रिंग पर पड़ी और तुरंत इसकी जानकारी अधिकारियों को दी गई। तकनीशियन की सक्रियता की वजह से ट्रेन दुर्घटना होने से बच गई। स्प्रिंग लगने से ट्रेन में यात्रियों को जर्क महसूस नहीं होता है।मालदा मंडल के सीनियर डिवीजन मैकेनिकल इंजीनियर (डीएमई) एसके तिवारी ने बताया कि स्प्रिंग टूटने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। इससे कोई दिक्कत नहीं होती है। दुर्घटना की संभावना नहीं रहती है। उन्होंने बताया कि स्पीड कम कर ब्रह्मपुत्र मेल का संचालन किया गया।
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