Bhagalpur Bridge Collapse: CM नीतीश कुमार का ड्रीम पुल भरभराकर गंगा नदी में गिरा, देखें Video; एक गार्ड लापता
Bihar Bridge Collapse latest Update in Hindi अगुवानी-सुल्तानगंज निर्माणाधीन पुल के तीन पिलर फिर से गिर गए जिससे लगभग 100 मीटर तक पुल हिस्सा ढह गया। किसी की मौत की खबर नहीं है। इससे पूर्व 29 अप्रैल 2022 की रात में निर्माणाधीन पुल के 36 स्पैन ढहे थे।
बिहार सुल्तानगंज में भरभराकर गिरा निर्माणाधीन ब्रिज...नदी में मलबा समा रहा है या जनता का पैसा...एक ही पुल दूसरी बार कैसे ढह गया? #bhagalpur #Bridgecollaps#bridgecollapseinbihar#Bihar #BiharNews @NitishKumar @JagranNews pic.twitter.com/CsIvuYqXMj
— Deepti mishra (@deeptimishra945) June 4, 2023
2022 में गिरे थे 36 स्पैन
इससे पहले पिछले साल, 29 अप्रैल की रात आंधी आने के कारण पिलर संख्या पांच से चार और छह को जोड़ने वाले सुपरस्ट्रक्चर के 36 स्पैन गिर गए थे। एक साल बाद भी वह काम दोबारा शुरू नहीं हो पाया है। इसकी जांच आईआईटी रुड़की की टीम द्वारा की जा रही है। सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का निर्माण कार्य आठ साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। अभी पुल निर्माण शुरू होने के बाद आठ वर्ष से अधिक का समय बीत गया है। पुल 2019 में ही बनकर तैयार होना था। अंतिम डेडलाइन 31 दिसंबर, 2023 की दी गई थी। अब पुल निर्माण में दो-तीन साल का विलंब होने की आशंका है।पिलर संख्या 10 के फटने से ढहा पुल
स्थानीय लोगों के अनुसार पिलर संख्या 10, जिसपर डॉल्फिन पर्यवेक्षण केंद्र बनना था, वह बीच से फटते हुए अपने साथ तीन और पिलरों को लेकर गिर गया।अब तक की डेडलाइन
पहली | 01 नवंबर, 2019 |
दूसरी | 20 दिसंबर, 2020 |
तीसरी | 30 जून, 2021 |
चौथी | 30 मार्च, 2022 |
पांचवीं | 30 दिसंबर, 2022 |
छठवीं | 30 मार्च, 2023 |
सातवीं(संभावित) | 30 जून, 2023 |
आठवीं (संभावित) | 31 दिसंबर, 2023 |
एक नजर में पुल
पुल की लंबाई : 3.17 किलोमीटर का फोरलेन पुलपुल की लागत : 1710.77 करोड़ काम शुरू हुआ : दो मई, 2015 से पिलर संख्या 10 पर डॉल्फिन पर्यवेक्षण केंद्र का भी होना था निर्माण। पुल के पहुंच पथ का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।इस पुल की क्वालिटी को लेकर विधानसभा में भी मैंने सवाल उठाए थे। अगुवानी-सुल्तानगंज महासेतु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यहां निर्माण कंपनी एसपी सिंगला की ओर से क्वालिटी का काम नहीं किया गया है। मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई है। - डॉ. संजीव कुमार, विधायक, परबत्ता (खगड़िया)
पुल नहीं, बिहार का जनता का विश्वास गिरा है। दो-दो बार निर्माणाधीन पुल का भरभराकर गिरना प्रमाणित करता है कि भ्रष्टाचार हुआ है। पिछली बार आंधी से पुल गिरने पर पूरे देश में बिहार की बदनामी हुई थी। जांच का भरोसा दिया गया था, लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट नहीं आई। निर्माण में गुणवत्ता से खिलवाड़ हुआ है और इसके पीछे कमीशनखोरी है। कुछ खास कंपनी को ही हर जगह नीतीश कुमार काम क्यों देते हैं? इसमें व्याप्त प्राक्कलन घोटाला, कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच हो। - ई. शैलेंद्र, विधायक, बिहपुर (भागलपुर)
दो बार पुल के पाये गिरने की घटना हो चुकी है। इसके बाद भी निर्माण एजेंसी एसपी सिंगला को ब्लैक लिस्ट नहीं करना सरकार की नाकामी है। पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। तत्काल पुल निर्माण का काम दूसरी एजेंसी को दिया जाना चाहिए। - विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधान सभा