Bhagalpur News: जमीन थी नहीं, दे दिया PM Awas Yojana का लाभ; DDC ने पूर्व BDO से मांगा स्पष्टीकरण
भागलपुर में बिना जमीन के ही प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लाभ देने का मामला सामने आया है। इसकी शिकायत मिलने पर वरीय उपसमाहर्ता (सीनियर डिप्टी कलेक्टर) से जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद उप विकास आयुक्त ने जगदीशपुर के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी तरूण कुमार केशरी से स्पष्टीकरण मांगा है। तरूण कुमार केशरी अभी मुजफ्फरपुर में सहायक परियोजना पदाधिकारी के रूप में कार्यरत है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिन लाभुकों के पास जमीन नहीं थी, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ दे दिया गया। इतना ही नहीं, बिना जमीन के पहली किस्त की राशि भी दे दी गई। मामले की शिकायत मिलने पर सामान्य शाखा के वरीय उप समाहर्ता से जांच कराई गई।
जांच रिपोर्ट आने के बाद उप विकास आयुक्त ने जगदीशपुर के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी तरूण कुमार केशरी से स्पष्टीकरण मांगा है। तरूण कुमार केशरी अभी मुजफ्फरपुर में सहायक परियोजना पदाधिकारी के रूप में कार्यरत है।
स्पष्टीकरण में क्या कहा गया?
स्पष्टीकरण में कहा गया है कि जगदीशपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के कार्यान्वयन में विभागीय निर्देश का उल्लंघन पाया गया है। ग्राम पंचायत बलुआचक पुरैनी में जल स्रोत पर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ दिए जाने से संबंधित परिवाद पत्र की जांच कर जिला सामान्य शाख के वरीय उप समाहर्ता जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया।साथ ही वर्तमान प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा भी इस संबंध में प्रतिवेदन समर्पित किया गया है। ग्राम पंचायत बलुआचक पुरैनी में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण वित्तीय वर्ष 2021-22 अंतर्गत नदी के किनारे बांध पर रह रहे 12 लाभुकों के आवास की स्वीकृति प्राप्त कर प्रथम किश्त की राशि दी गई है। 12 लाभुकों में से चार लाभुकों के पास निजी जमीन नहीं है। आठ लाभुकों के कृषि योग्य भूमि है और वास योग्य भूमि नहीं है।
सत्यापन में बरती गई लापरवाही
स्पष्ट है कि लाभुकों के आवास की स्वीकृति व प्रथम किश्त की राशि देने के पूर्व स्थलीय व अभिलेखीय सत्यापन कराने में लापरवाही बरती गई है। ग्राम पंचायत सन्हौली में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के कार्यान्वयन में विभागीय निर्देश का उल्लंघन पाया गया है।सीपी ग्राम पोर्टल के माध्यम से कुमार विक्रम के नौ परिवाद पत्र की जांच कर प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि विभागीय निर्देश का उल्लंघन कर लाभुकों को द्वितीय व तृतीय किस्त दिया गया है।
उमा देवी, ममता देवी, प्रीति देवी, मोहन मंडल, पिंकी देवी, नूरजानी, सरजुन साह, गीता देवी, शीबू देवी को तत्कालीन ग्रामीण सहायक वीणा रंजन द्वारा निर्धारित मानक स्तर तक आवास निर्माण के ही गलत जियो टैगिंग कर अगली किश्त का भुगतान कराया गया है।ये भी पढ़ें- Patna Land Survey: पटना में 116 वर्षों बाद हो रहा जमीन का सर्वे, अपने साथ तैयार रखें जरूरी कागजात
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