Castor Farming In Bihar: बिहार में होगी अरंडी की खेती, बनेगा इंजन ऑयल; खुलेगा रोजगार का द्वार
बिहार में अब कास्टर यानी अरंडी की खेती की जाएगी। इससे इंजन ऑयल बनाया जाएगा। अरंडी की खेती से रोजगार के द्वार भी खुलेंगे। इसके लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय में रिसर्च होगी। केंद्र सरकार ने यह प्रोजेक्ट बीएयू को दिया है। बीएयू में विज्ञानी विकसित गुणवत्ता पूर्ण प्रभेदों पर प्रत्यक्षण कर अध्ययन करेंगे। बता दें कि गुजरात में अरंडी की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।
ललन तिवारी, भागलपुर। बेकार पड़े जंगल के रूप में रेलवे ट्रैक के किनारे और जहां तहां उगने वाले अरंडी की अब प्रदेश में व्यवसाइक खेती होने वाली है। जिससे उद्योग लगेगा। रोजगार मिलेगा।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में बहुत जल्द अरंडी पर रिसर्च आरंभ किया जाएगा। अर्थात यूं कहें की आने वाले समय में बिहार इंजन ऑयल बनाएगा।अरंडी पर रिसर्च सफल होने पर बिहार में खेती और उद्योग की अपार संभावना बढ़ेगी। केंद्र सरकार विश्वविद्यालय को इस पर बड़ा प्रोजेक्ट देने की स्वीकृति दी है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली अंतर्गत तिलहन अनुसंधान संस्थान हैदराबाद के साथ विश्वविद्यालय का करारनामा के तहत दोनों संस्थान आपसी सहयोग से अनुसंधान करेंगे। विस्तारित कार्य योजना विश्वविद्यालय द्वारा भेजने की तैयारी चल रही है। जल्द काम आरंभ हो जायेगा।अनुसंधान निदेशक डा. एके. सिंह कहते हैं कि बिहार की जलवायु और मिट्टी में प्रत्यक्षण कर अध्ययन किया जाएगा। सफलता के बाद किसानों को तकनीक और पौध सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
क्या होगा फायदा
अरंडी का रोजगार के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। बिहार में बड़े पैमाने पर उत्पादन होने से इंजन आयल सहित विभिन्न प्रकार के बड़े उद्योग लगेंगे। जिसमें रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अरंडी का तेल अन्य तेलों के अपेक्षा 16 गुणा ज्यादा चिपचिपा होता है। इंजनों में उपयोग होने वाले मोबिल इस तेल से बनाए जाते हैं
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।ये भी पढ़ें- NEET Paper Leak Case: 'आखिर नीट परीक्षा रद्द करने के लिए...', RJD का मोदी सरकार से तीखा सवालये भी पढ़ें- Nitish Government: नीतीश कुमार की पहल को पलीता लगा रहे अफसर, कई विभाग कर रहे मनमानी; ये है मामलाआने वाले समय में बिहार में भी अरंडी का बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा। इससे किसानों को फायदा होगा। व्यवसाय लगेगा। रोजगार भी मिलेगा। जल्द इस पर काम आरंभ किया जायेगा। - डॉ. डीआर. सिंह, कुलपति, बीएयू सबौर