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Smartphone बच्चों को दे रहा ये गंभीर बीमारी! अभिभावक हो जाएं सावधान, ये लक्ष्ण दिखने पर दें ध्यान

अगर आपका बच्चा भी बहुत ज्यादा स्मार्टफोन का इस्तेमाल करता है तो अभिभावकों को सावधान होने की जरूरत है। दरअसल आजकल स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने कारण बच्चों में सर्वाइकल बीमारी देखी जा रही है और बहुत ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करने के कारण अब बच्चे सर्वाइकल पेन का शिकार होकर चिकित्सकों के पास आने लगे हैं। रोजाना दो से तीन बच्चों को यह बीमारी अपनी चपेट में ले रही है।

By Mihir Kumar Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Fri, 31 May 2024 03:33 PM (IST)
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Smartphone बच्चों को दे रहा ये गंभीर बीमारी

जागरण संवाददाता, भागलपुर। आधुनिक तकनीक के साथ कदमताल करने की सोच ने हर हाथ में मोबाइल थमा दिया है। बच्चे अगर ज्यादा परेशान कर रहे है, तो अभिभावक मोबाइल देकर गेम या वीडियो चल कर शांत करने का प्रयास करते है। अब यह सोच ने बच्चों को रोगी बनाने लगी है।

मोबाइल एडिक्शन के कारण अब बच्चे सर्वाइकल पेन का शिकार होकर चिकित्सक के पास आने लगे है। ऐसे बच्चे जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के साथ साथ निजी क्लिनिक में भी आ रहे है।

रोजाना दो से तीन बच्चे इस मोबाइल के कारण सर्वाइकल पेन की समस्या के साथ आ रहे है। ऐसे में अगर आप के घर का बच्चा अगर जरूरत से ज्यादा मोबाइल पर गेम या वीडियो देखता है तो आप सतर्क हो जाए।

इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं बच्चे

जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल के हड्डी रोग विभाग के वरीय चिकित्सक डॉ. सोमेन चटर्जी कहते है ओपीडी में ऐसे बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जांच में पाया जाता है कि ये बच्चे सर्वाइलक पेन का शिकार हो रहे है। आज से पहले यह रोग पचास साल से ज्यादा उम्र के लोगों को सामान्य तौर पर हुआ करता था।

अब यह छोटे छोटे बच्चों को भी होने लगा है। बच्चे इस रोग का शिकार हो रहे है इसकी जानकारी समय पर अभिभावक को भी नहीं हो पाता है। जांच में जब बच्चे इस रोग का शिकार निकलते है, तो उनके माता पिता भी आश्चर्य करते है। हमारे सामने रोजाना दो से चार बच्चे इस रोग का शिकार होकर आते है।

मोबाइल इस तरह बना देता है रोगी

डॉ चटर्जी ने बताया जो बच्चे मोबाइल का उपयोग जरूरत से ज्यादा करते है। वो एक ही पोजिशन में मोबाइल देखते रहते है। इससे उनकी रीढ़ की हड्डी पर प्रेसर पड़ता है। इससे लिगामेंट में स्पेस होने की संभावन हो जाती है। मांस भी कठोर होने लगता है। परिणाम स्पाइनल दर्द करने लगता है।

बच्चों में दिखे लक्षण तो हो जाए सतर्क

डॉक्टर के अनुसार अगर बच्चा थका लगे, सिर, पीठ में दर्द रहता है। मोबाइल लेने पर गुस्से में आ जाता है। हमेशा मोबाइल खोजता है। मोटापा की ओर जा रहा है। आंख में चश्मा लग गया है तो अभिभावक को सचेत हो जाने की जरूरत है।

निजी क्लिनिक में माह में चालीस से ज्यादा मरीज

हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय निराला ने बताया कि बच्चों में सर्वाइनल की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह समस्या शहरी एवं ग्रामीण इलाके में रहने वाले बच्चों के साथ हो रहा है।

ऐसे में बच्चों को जितना हो सके मोबाइल से दूर रखे। उनको आउटडोर गेम के लिए भेजे। इस रोग से बचने के लिए बच्चों को मोबाइल से दूर रहे यह जरूरी है।

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