नीतीश कुमार की Mango Diplomacy चालू, PM मोदी और राष्ट्रपति मुर्मु को भेजा बिहार का खास 'तोहफा'
Bihar News बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर मैंगो डिप्लोमेसी शुरू कर दी है। इस बार राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जर्दालू आम का स्वाद चखेंगे। बिक्रमशिला एक्सप्रेस से दो हजार पैकेट जर्दालू आम बिहार भवन भेज दिया गया है। बुधवार को 14 सौ पैकेट (आठ टन) और गुरुवार को छह सौ पैकेट (आठ टन) आम दिल्ली भेजा गया।
नवनीत मिश्र, भागलपुर। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर मैंगो डिप्लोमेसी शुरू कर दी है। इस बार राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जर्दालू आम का स्वाद चखेंगे। बिक्रमशिला एक्सप्रेस से दो हजार पैकेट जर्दालू आम बिहार भवन भेज दिया गया है।
बुधवार को 14 सौ पैकेट (आठ टन) और गुरुवार को छह सौ पैकेट (आठ टन) आम दिल्ली भेजा गया। एक एसएलआर बोगी में मात्र चार टन माल ही लोड हो सकता है, इस कारण दो दिन आम दिल्ली भेजे गए हैं।
बिहार भवन के स्थानीय आयुक्त ने राज्य सरकार की ओर से दिल्ली स्थित विशिष्ट महानुभावों को उपहार स्वरूप भेंट करने के लिए दो हजार पैकेट जर्दालु आम की मांग की थी।
आम मुख्यमंत्री की ओर से भेजा गया है। दो सौ पैकेट आम राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित अन्य महानुभावों के लिए भेजा गया है। एक सौ पैकेट आम अन्य जिलों में भेजा जाएगा।
पिछले साल राज्य राजद व जदयू की सरकार रहने की वजह से आम महानुभावों को नहीं भेजा जा सका था। उस समय इस पर सत्ता और विपक्षियों में बयानबाजी भी हुई थी।
खाड़ी देशों में भी अच्छी डिमांड
खाड़ी देशों के लुलु मॉल में जर्दालु आम बिकने लगा है। दो टन आम खाड़ी देशों में पहुंच गया है। तीन टन आम बुधवार तक पहुंच जाएगा। फयर एक्सपोर्ट के लखनऊ के बैजू गंगाधरन ने बताया कि लुलु मॉल दोहा (कतर), दुबई, आबूधाबी, ओमान के लुलु मॉल में जर्दालु आम की बिक्री शुरू हो गई है। फेयर एक्सपोर्ट लुलु मॉल का ही एक्सपोर्ट डिवीजन है।
उन्होंने बताया कि तिलकपुर निवासी अशोक चौधरी के बगान मधुवन से आम लेकर खाड़ी देशों में भेजा गया है। भागलपुर का मालदह आम भी इस साल खाड़ी देशों में भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि खाड़ी देशों में 260 लुलु मॉल है। सभी मॉल में जर्दालु आम भेजा गया है।
अगले वर्ष से 15 टन से अधिक जर्दालु आम का निर्यात किया जाएगा। इससे भागलपुर के किसानों को काफी फायदा होगा। मैंगो मैन अशोक चौधरी ने बताया कि जर्दालु आम की मांग लगातार बढ़ रही है।
जीआई प्रोडक्ट होने की वजह से देश के विभिन्न कोने के अलावा विदेशों में आम भेजा गया है। उन्होंने बताया कि इस साल आम का फलन कम होने की वजह से पांच टन आम विदेश भेजा गया है।
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