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कांग्रेस MLA अजीत शर्मा रिहा, 13 साल पहले BSP की टिकट पर चुनाव लड़ने के दौरान हुआ था केस

13 साल पुराने मामले में कांग्रेस MLA अजीत शर्मा को रिहा कर दिया गया है। इस मामले में उनके खिलाफ पहले गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। मामला तब का है जब विधायक बीएसपी की टिकट से चुनावी मैदान में उतरे थे।

By Shivam BajpaiEdited By: Updated: Sat, 20 Aug 2022 03:36 PM (IST)
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एमपी-एमएलए कोर्ट में अजीत शर्मा को किया गया रिहा।

जागरण संवाददाता, भागलपुर : आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े 2009 के पीरपैंती थाने में दर्ज एक मुकदमे में शनिवार को कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने आत्मसमर्पण कर दिया। प्रबल दत्ता की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मामले में केस रिकार्ड निर्णय बिंदु पर रहने के कारण सुनवाई की और दूसरी पाली में तीन बजे विधायक शर्मा को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया।

प्रबल दत्ता की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 11 अगस्त 2022 को निर्णय की तिथि में अनुपस्थित रहने पर उनके विरुद्ध गैरजमानती वारंट जारी कर दिया था। दत्ता की एमपी-एमएलए कोर्ट ने विधायक शर्मा के वकील की तरफ से कोर्ट में दाखिल बंधपत्र को रद करते हुए उनके विरुद्ध गैरजमानती वारंट जारी कर दिया था।

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सात मार्च 2009 को पीरपैंती थाने में तत्कालीन अंचल निरीक्षक ने दर्ज कराया था केस

बहुजन समाज पार्टी से 2009 में हुए चुनाव में भाग्य आजमाने वाले अजीत शर्मा के विरुद्ध पीरपैंती के टोपरा क्षेत्र में कपड़े का बैनर सरकारी पोल में लगा देखा गया था। क्षेत्र का मुआयना करने निकले तत्कालीन अंचल निरीक्षक उपेन्द्र रजक ने बैनर जब्त किया था।

  • आदर्श चुनाव आचार संहिता उलंघन के पीरपैंती के केस में कांग्रेस विधान मंडल के नेता अजीत शर्मा रिहा
  • - प्रबल दत्ता की एमपी-एमएलए कोर्ट ने निर्णय की तिथि में अनुपस्थित रहने पर 11अगस्त को रद करते हुए जारी किया था गैर जमानती वारंट

बैनर में बहुजन समाज पार्टी के घोषित प्रत्याशी अजीत शर्मा की तस्वीर लगी थी। उन्होंने आसपास के अन्य लोगों से पूछताछ बाद पीरपैंती थाने में शर्मा के विरुद्ध आदर्श चुनाव आचार संहिता का केस दर्ज कराया था। दर्ज केस में पुलिस की तफ्तीश बाद उनके विरुद्ध लगे आरोप को सत्य पाते हुए पुलिस ने 17 मई 2009 में आरोपपत्र दाखिल किया था।

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