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दिल्ली और गोवा में सक्रिय सैमुअल जोराद गैंग से जुड़े हैं साइबर शातिर के तार, पाक और सऊदी अरब के ठगों का भी नाता

साइबर अपराध इस नाइजीरियन गैंग से पाकिस्तान और सऊदी अरब में बैठे ठगों का भी नाता। पूर्वी बिहार-सीमांचल झारखंड में साइबर ठगों को मिल रहे ठगी के नये-नये टिप्स। भागलपुर पूर्णिया मुंगेर जमुई जामताड़ा जमशेदपुर धनबाद से जुड़े ठग ले चुके नाइजीरियन गुरु से ठगी के गुर।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Updated: Sun, 19 Jun 2022 03:48 PM (IST)
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साइबर सेल और एटीएस साइबर ठगों की गहरी पैठ की परत खोलने में लगी है एटीएस और साइबर सेल।
कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। साइबर ठगी के नित नये प्रयोग कर लोगों के खाते में बड़ी सेंध लगाने में सक्रिय भागलपुर,,पूर्णिया, मुंगेर, जमुई, झारखंड के जामताड़ा, जमशेदपुर और धनबाद के लोयाबाद में सक्रिय ठगों का पाकिस्तान, सऊदी अरब के ठगों से गहरा नाता रहा है। देश में आतंकी संगठनों की फंडिग करने वाली पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ के एजेंटों तक पहुंचने में लगी एटीएस और सुरक्षा एजेंसियों को तकनीकी निगरानी में हाल में चौंकाने वाली जानकारियां मिली है। स्थानीय स्तर पर सक्रिय साइबर ठगों को पाकिस्तानी एजेंट इस्तेमाल करने के पूर्व उनसे नजदीकी बना दिल्ली और गोवा में सक्रिय साइबर ठगों के सैमुअल जोराद गिरोह से संपर्क करा नाइजीरियन गुरु से ठगी के गुर भी सिखाते रहे हैं।

सुरक्षा एजेंसियों और दिल्ली की स्पेशल सेल ने हाल में बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और यूपी के स्थानीय ठगों को नाइजीरियन गैंग के सरगना सैमुअल जोराद से साइबर ठगी के टिप्स दिलाने की बात तकनीकी निगरानी में पकड़ी थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की तफ्तीश में हाल में बिहार-झारखंड के 17 साइबर ठगों को दक्षिणी दिल्ली में प्रशिक्षण दिये जाने की बात सामने आई थी। सैमुअल जोराद गिरोह से जुड़े तीन नाइजीरियनों के दिल्ली में गिरफ्त में आने के बाद यह चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई है। बताया जा रहा है कि वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी सैमुअल और उसके करीब एक दर्जन साथी दिल्ली, गोवा, कोलकाता आदि जगहों रहकर भागलपुर, जमुई, मुंगेर, पूर्णिया और नेपाल, बांग्लादेश सीमा में सक्रिय साइबर ठगों के जरिये ठगी को अंजाम दे रहे हैं।

नामवर लोगों की तैयार होती प्रोफाइल, मोबाइल एप कराते डाउनलोड

गैर मुल्की साइबर ठगों से ट्रेनिंग लेने वाले ठग चालाकी से भाले-भाले लोगों से खाते खुलवा कर पासबुक और एटीएम कार्ड रख ले रहे हैं। उन खातों में रुपये मंगाने और तुरंत ट्रांसफर करने के लिए मोबाइल पर एप भी डाउनलोड कराए जा रहे हैं ठगों को इलाके के नामवर लोगों बड़े व्यवसायी, चिकित्सक, पुलिस पदाधिकारी आदि के नाम की फर्जी प्रोफाइल बनाने और विभिन्न नेटवर्किंग साइट के जरिये शिकार पर डोरा डालने की भी ट्रेनिंग नाइजीरियन गिरोह के शातिरों ने दे रखी है। भागलपुर में एसएसपी बाबू राम के निर्देश पर साइबर सेल और तकनीकी शाखा साइबर ठगी के शिकार लोगों के खाते में रकम वापसी की दिशा में कुछ सफलता भी पाई है। एक साल में दर्ज 52 मामले में 22 से अधिक पीडि़तों के खाते में रकम वापस कराने में साइबर सेल सफलता पाई है।

पाकिस्तान में बैठे एजेंट करते हैं काल, एसएमएस भी भेज निकाल देते झूठी लाटरी

23 जनवरी 2016 को एटीएस पटना की टीम से मिले इनपुट पर भागलपुर में गिरफ्तार स्थानीय जितेंद्र कुमार, नवीन कुमार, परवेज अंसारी, मंटा मंडल और लखीसराय के गोपाल गोयल ने भी तब कई चौंकाने वाली जानकारियां पुलिस को दी थी। वे ठगी की राशि अपने फर्जी बैंक खाते में मंगवा अपना 30 प्रतिशत कमीशन काटकर शेष रकम पाकिस्तानी एजेंट के खाते में भेज देते थे। उक्त रैकेट का संचालन पाकिस्तान से किया जाता था। पाकिस्तान में बैठे एजेंट देश के विभिन्न हिस्सो में लोगों को मोबाइल पर एसएमएस भेजकर या काल कर लाटरी निकलने का झांसा देते थे। फिर लाटरी की रकम जमा करने के लिए बैंक खाता संख्या पूछा जाता था। ठग धीरे-धीरे अपने शिकार से बड़ी रकम खाते में जमा करवा लेते थे। वह खाते इन स्थानीय ठगों के पास होते थे। इस तरह करोड़ों की रकम गैर मुल्की ठगों के पास जाता है।

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