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NH133 (E) Construction: क्या लौट जाएगी NH-133 (E) की निर्माण राशि, अधीक्षण अभियंता ने बांका DM को पत्र लिखकर चेताया

बिहार के भागलपुर से हंसडीहा तक बनने वाले एनएच-133ई निर्माण कार्य की राशि लौट सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि बांका में भू-अर्जन का काम अबतक पूरा नहीं हुआ है जिसके कारण एनएच-133ई के निर्माण में देरी हो रही है। अगर अधिकारियों ने मामले पर ध्यान नहीं दिया तो स्वीकृत राशि लौट सकती है। इस संबंध में एनएच विभाग के अधीक्षण अभियंता ने बांका के डीएम को पत्र लिखा है।

By Alok Kumar Mishra Edited By: Mohit Tripathi Published: Mon, 01 Jul 2024 03:05 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2024 03:05 PM (IST)
एनएच के अधीक्षण अभियंता ने बांका के जिला पदाधिकारी को लिखा पत्र।

आलोक मिश्रा, भागलपुर। भागलपुर से हंसडीहा (भलजोर) तक बनने वाले एनएच-133ई निर्माण में ग्रहण लग सकता है। बांका जिला में भू-अर्जन का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इससे एनएच-133ई के निर्माण में देरी हो रही है। संबंधित अधिकारी ने अगर अब भी ध्यान नहीं दिया तो इसके लिए स्वीकृत राशि लौट सकती है।

यही नहीं, काफी विलंब होने पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) इस महत्वाकांक्षी परियोजना को निलंबित भी कर सकता है। इसकी राशि दूससी योजना में डायवर्ट कर सकता है। इसे लेकर एनएच विभाग के अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार सिंह ने बांका के जिलाधिकारी को पत्र लिखा है।

एनएच अधीक्षण अभियंता ने पत्र में क्या कहा?

26 जून को बांका के जिलाधिकारी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि भागलपुर-भलजोर फोरलेन सड़क का निर्माण दो चरणों में होना है। पहले चरण में भागलपुर अलीगंज से बांका के ढाकामोड़ खड़हरा गांव तक 36.600 किलोमीटर सड़क बनेगी।

मोर्थ से स्वीकृति मिलने पर सड़क बनाने वाली एजेंसी के चयन के लिए 15 सितंबर 2023 को निविदा जारी की गई थी। बावजूद भू-अर्जन की कार्रवाई अभी तक प्रक्रियाधीन है। इसकी वजह से निविदा की अवधि बार-बार बढ़ाई जा रही है। नौ माह बाद भी सड़क बनाने वाली एजेंसी का चयन नहीं हो सका है।

रजौन व बाराहाट अंचल में थ्री-ए का हो चुका है प्रकाशन 

अधीक्षण अभियंता ने पत्र में लिखा है कि इस परियोजना के लिए रजौन व बाराहाट अंचल में भू-अर्जन की प्रक्रिया के तहत एक सितंबर 2023 और 10 अक्टूबर 2023 थ्री-ए का प्रकाशन हो चुका है। थ्री डी और थ्री ए का प्रारूप बांका के भू-अर्जन पदाधिकारी को परीक्षण के लिए उपलब्ध कराया जा चुका है।

915 करोड़ की लागत से भागलपुर से ढाकामोड तक बनने वाले फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए बिजली विभाग से पोल-तार शिफ्टिंग की एनओसी मिल चुकी है। इसमें 634 लाख रुपये खर्च होंगे।

वन एवं पर्यावरण विभाग से एनओसी के लिए एक साल पहले ही आवेदन दिया गया था, लेकिन अबतक एनओसी प्राप्त नहीं हो सका है।

फोरलेन सड़क निर्माण के फायदे

  1. 22 मीटर चौड़ी सड़क बनने से यातायात सुलभ हो जाएगा।
  2. जाम की समस्या का समाधान हो जाएगा।
  3. इस मार्ग में 45 पुल-पुलिया व कलवर्ट का निर्माण होगा।
  4. सड़क के दोनों ओर एक-एक मीटर चौड़ा फुटपाथ बनेगा।
  5. ढाकामोड व पंजवारा रोड के पास आरओबी का निर्माण होगा।
  6. जगदीशपुर और पुरैनी में फ्लाइओवर बनेगा।
  7. सड़क के मध्य तीन मीटर का डिवाइडर और दो मीटर सोल्डर बनेगा।
  8. जहां-जहां जलजमाव की समस्या है वहां-वहां पीसीसी सड़क बनेगी।
  9. रजौन और जगदीशपुर के बीच टोल प्लाजा बनेगा।
  10. जगह-जगह बस स्टैंड और टायलेट का निर्माण होगा।

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