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Bhagalpur News: भागलपुर कोर्ट में साइबर फ्रॉड का खेल हुआ बेनकाब, जज की सूझबूझ से बचे 80,000 रुपये

भागलपुर कोर्ट में हथियारों के जखीरे बरामदगी मामले की सुनवाई के दौरान साइबर फ्रॉड का प्रयास नाकाम हो गया। बांका जेल में बंद आरोपी मुहम्मद सलाउद्दीन के नाम पर उसके बेटे से 80 हजार रुपये की मांग की गई। लेकिन जज की सूझबूझ से फ्रॉड का पता चल गया। जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सलाउद्दीन को पेश किया गया तो वह पूरी तरह स्वस्थ थे।

By Kaushal Kishore Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 14 Nov 2024 04:11 PM (IST)
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भागलपुर कोर्ट में साइबर फ्रॉड का खेल हुआ बेनकाब (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, भागलपुर। विश्वविद्यालय थानाक्षेत्र में 12 फरवरी 2024 को लब्बू पासी लेन परबत्ती में हथियारों का जखीरा बरामदगी मामले में बांका जेल में बंद मुहम्मद सलाउद्दीन के नाम साइबर फ्रॉड की कोशिश बुधवार को नाकाम हो गई। एडीजे-16 विश्व विभूति गुप्ता की अदालत में इस केस में दारोगा नईम अहमद की गवाही हो रही थी। गवाही के दौरान ही अपर लोक अभियोजक प्रफुल्ल चंद्र राही के मोबाइल पर एक कॉल आया।

कॉल करने वाले ने कहा कि आपके केस का एक आरोपित मुहम्मद सलाउद्दीन बांका जेल में बंद है। उसे अचानक ब्रेन हेमरेज हो गया है। आप उसके किसी परिचित से हमारी बात करा दें। गवाही के दौरान सलाउद्दीन का बेटा मुहम्मद तनवीर उर्फ राजा जो जमानत पर था, न्यायालय में बतौर आरोपित उपस्थित था। तुरंत सरकारी वकील ने बेटे को जज की अनुमति पर मोबाइल दिया।

कॉल करने वाले ने बेटे से कहा कि तुम्हारे पिता को ब्रेन हेमरेज हो गया है। उनकी हालत नाजुक हो चली है। तुरंत 80 हजार रुपये भेजो। बेटा चंद सेकेंड में पैसे देने को राजी हो गया था, उस दौरान जज ने बेटे के बात करने के तरीके और मनस्थिति को भांप पूछा, कॉल करने वाले ने क्या कहा। बेटे ने कहा कि पिता को ब्रेन हेमरेज हो गया है, 80 हजार रुपये मांगा गया है, जी-पे पर।

इतना सुनते ही न्यायाधीश ने कहा कि ठहरो, यह साइबर फ्रॉड हो सकता है। दरअसल, बेटा तुरंत पेमेंट करने को उतारू हो गया था, बेटे के सामने पिता की जिंदगी का सवाल था, लेकिन न्यायाधीश ने उसे रोका फिर बांका जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जेल में बंद सलाउद्दीन को उपस्थित कराया तो वह भी सन्न रह गए। सलाउद्दीन तो भला-चंगा था।

न्यायाधीश को पहले ही आशंका जाहिर कर दी थी कि यह साइबर फ्रॉड हो सकता है। हुआ भी वही, वह साइबर फ्रॉड का कॉल था जो उस केस और आरोपितों के बारे में भली-भांति जान रहा होगा। न्यायाधीश ने तुरंत सरकारी वकील से घटनाक्रम को लेकर आवेदन लिया और मामले में एसएसपी, भागलपुर को केस दर्ज करने का आदेश दिया है।

जेल से भी खेल होने के आसार

बांका जेल में बंद सलाउद्दीन को ब्रेन हेमरेज होना बता 80 हजार रुपये की डिमांड करने वाला काल यूं ही नहीं आ सकता। जेल के अंदर से भी ऐसे खेल खेले जाने की आशंका बलवती हो रही है। अच्छे पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने वाले सलाउद्दीन के परिजन से तुरंत पैसे मिलने की संभावना जेल के अंदर रहकर उसकी गतिविधियों को नजदीक से जानने वाला ही करा सकता है।

भागलपुर कोर्ट में उस केस की सुनवाई हो रही है, तभी सरकारी वकील को काल करना वह भी उसी सरकारी वकील को जो उस केस में सरकार की तरफ से इंगेज है, यह यूं ही नहीं हो सकता, इसलिए जेल के अंदर मौजूद किसी शख्स की संलिप्तता की बहुत गुंजाइश बन रही है।

भागलपुर की विशेष केंद्रीय कारा में तैनात जेलकर्मी अप्पू नाथ झा ने नवादा जिले के रहने वाली फरजाना खातून से दो लाख 74 हजार रुपये की ठगी उसके पति को मुक्त करा देने के नाम पर कर ली है। उस मामले में पांच नवंबर 2024 को तिलकामांझी थाने में जेलकर्मी के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया गया है।

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