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DAP Shortage In Bihar: रबी सीजन शुरू होने से पहले डीएपी की किल्लत, किसान परेशान; क्या बोले अफसर?

रबी सीजन की बुआई से पहले ही डीएपी की किल्लत ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बिहार के कई जिलों में डीएपी की कमी के कारण मक्का और गेहूं की बुआई प्रभावित हो रही है। किसान डीएपी के लिए परेशान हैं और उन्हें एनपीके खाद लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। जानिए डीएपी की कमी के कारण और किसानों के सामने आ रही समस्याओं के बारे में।

By Navaneet Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 12 Nov 2024 02:11 PM (IST)
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डीएपी की किल्लत से परेशान किसान, रबी सीजन की बुआई पर असर
जागरण संवाददाता, भागलपुर। रबी सीजन शुरू होने से पहले डीएपी की किल्लत होने लगी है। डीएपी की किल्ल्त की वजह से मक्का व गेहूं की बुआई पर असर पड़ रहा है। धान कटनी के बाद रबी फसलों की बुआई जोर पकड़ेगा। ऐसी में डीएपी की मांग और बढ़ जाएगी। हालांकि, जिला कृषि पदाधिकारी का कहना है कि जिले में डीएपी की किल्ल्त नहीं होने दी जाएगी। अभी जिले में डीएपी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। दो दिनों में पर्याप्त डीएपी आ जाएगी। पीरपैंती में डीएपी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है।

इफको ई-बाजार में खाद लेने के लिए किसानों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है। परशुरामपुर निवासी किसान चंद्रशेखर मंडल, एकचारी दियारा निवासी पवन मंडल, फेंकू टोला निवासी कबीर अली, परशुरामपुर निवासी मनोहर साह, गोकुल मथुरा निवासी धनेश्वर महतो ने बताया कि अभी खेत तैयार हो रहा है। अभी दस प्रतिशत बुआई का कार्य शुरू हुआ है। डीएपी मिल नहीं रहा है। दुकानों में डीएपी उपलब्ध नहीं हैं। किसानों के बीच एनपीके खाद लेने को विवश हैं।

इफको ई-बाजार के प्रभारी कौशल पांडेय ने बताया कि यहां डीएपी खाद करीब 531 बोरा तथा एनपीके 250 बोरा उपलब्ध हैं, जिसका वितरण किया जा रहा है। नैनो डीएपी करीब 2200 बोतल उपलब्ध हैं। प्रखंड कृषि पदाधिकारी चंद्रकांत पाठक ने बताया कि दो दिन के अंदर पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध होने की संभावना है। अभी भी डीएपी उपलब्ध है। किसानों के बीच वितरण हो रहा है।

नवगछिया प्रखंड सहित अन्य प्रखंडों में इस समय डीएपी का काफी अभाव है। काम उपलब्ध होने के कारण डीएपी का दाम काफी बढ़ा हुआ है। डीएपी नहीं मिलने के कारण मक्का, गेहूं व सरसों सहित कई फसलों की बुआई नहीं हो पा रही है। नवगछिया प्रखंड कृषि पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि डीएपी जितना उपलब्ध रहना चाहिए था, उतना उपलब्ध नहीं है। यूरिया एवं पोटाश का स्टाक जांच किए हैं, बाजार में उपलब्ध है। अगर कृषि केंद्र के द्वारा ब्लैक किया जाता है तो सूचना दिया जाए।

डीएपी बदल कर रहे एनपीके का उपयोग

कहलगांव में यूरिया एवं अन्य खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इनकी मांग अभी बहुत कम है। यहां किसी भी खाद विक्रेताओं के पास डीएपी नहीं है। फसल बुआई के समय लगने वाली डीएपी के लिए किसान भटक रहे हैं। नहीं मिल रहा है। एक खाद विक्रेता ने बताया कि डीएपी के साथ थोक विक्रेता अन्य कीटनाशक दवाएं एवं अन्य सामान देते हैं, जिसकी बिक्री नहीं होती है। इसलिए डीएपी का उठाव नहीं किया गया है।डीएपी के बदले किसान एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फेट, पोटास) का उपयोग कर रहे हैं। यह फायदे मंद है। ग्रामीण इलाकों में झारखंड से लोग डीएपी लाकर ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं।

किशनपुर के गजाधर मंडल ने कहा कि गोबर, राख एवं अन्य घरेलू खाद खेतों में डाले जा रहे हैं। रबी फसलों की बुआई शुरू हो गई है। डीएपी फसलों की बुआई के वक्त दी जाती है। कई खाद दुकानों में गए, लेकिन नहीं मिला। जानमुहम्मदपुर के किसान रणवीर सिंह ने कहा कि डीएपी नहीं मिल रहा है। अभी इसकी जरूरत है।

प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह ने कहा कि कहलगांव में डीएपी नहीं है। यूरिया एवं अन्य खाद पर्याप्त मात्रा में है। अभी गेहूं, मक्का, आलू, दलहन एवं तिलहन फसलों की बुआई शुरू हुई है। खेतों में लगी धान फसल कटने के बाद फसलों की बुआई में तेजी आएगी। सन्हौला में अभी धनकटनी कार्य शुरू नहीं हुआ है। धनकटनी के बाद रबी फसल के लिए खेत तैयार होने में समय लगेगा। उसके बाद गेहूं या रबी फसल की बुआई होगी। प्रखंड कृषि पदाधिकारी चंद्रकांत पाठक ने बताया कि सन्हौला में दुकानदार के पास खाद पर्याप्त मात्रा में है, लेकिन खाद लेने के लिए किसान नहीं के बराबर पहुंच रहे हैं।

यूरिया है पर डीएपी नहीं

शाहकुंड में अधिकांश खाद विक्रेताओं के पास डीएपी नहीं है। अभी खेत में धान की फसल लगी रहने के कारण रबी फसल की बुआई व्यापक पैमाने पर नहीं हो रही है। डीएपी के बदले खाद विक्रेता किसानों को एनपीके एवं सिंगल सुपर फासफेट दे रहे है। अधिकांश खाद विक्रेता के पास यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जगदीशपुर प्रखंड क्षेत्र में धान की कटाई नाम मात्र प्रारंभ हुई। यहां उर्वरक उपलब्ध है। खरीक के प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिल चौधरी के अनुसार 591 एमटी यूरिया, 167 एमटी डीएपी, 100 एमटी पोटाश, 374 एमटी एनपीके उपलब्ध है।

किसानों का कहना है कि डीएपी नहीं मिलने के कारण सभी खाद को मिलाकर खेत में उपयोग कर रहे हैं। नारायणपुर में डीएपी का कमी है। एनपीके, यूरिया, एसएसपी पोटाश का कमी नहीं है। किसान पंकज शर्मा, नीरज सिंह, धनंजय झा, वाल्मीकि राम, संजय चौरसिया ने बताया कि निर्धारित कीमत पर उचित दर पर खाद मिल रहा है। क्षेत्र में कुल 15 लाइसेंसी दुकानें हैं।

प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी चंद्रकांत पाठक ने बताया कि डीएपी की कमी है। दो दिन बाद कमी को दूर कर लिया जाएगा। नाथनगर क्षेत्र में अभी खेतों में धान की फसल लगी हुई है। कटाई के बाद रबी फसल की बुआई होगी। प्रखंड कृषि पदाधिकारी रजनी रंजन ने बताया कि अभी खाद की कोई किल्लत नहीं है। अजगैवीनाथ धाम में अधिकांश दुकानदारों के पास डीएपी नहीं है। दुकानदारों के पास एनपीके व यूरिया उपलब्ध है। दो तीन दिनों में डीएपी आने की संभावना है। बिहपुर में दुकानदारों के पास डीएपी उपलब्ध है।

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