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Nag Panchami 2022: इस अद्भुत मंदिर का नीर अमृत जैसा, पीते ही बेअसर हो जाता है सांप का जहर

Nag Panchami 2022 - दो साल के लंबे अंतराल के बाद भागलपुर के बिहपुर में फिर से बड़ी माता भगवती के दरबार में भव्य मेला आयोजित होगा। नागपंचमी के अवसर पर लगने वाले मेले के पीछे की मान्यता अनोखी है। कहा जाता है कि मंदिर का नीर अमृत जैसा है।

By Shivam BajpaiEdited By: Updated: Sat, 30 Jul 2022 11:55 AM (IST)
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Nag Panchami 2022: भागलपुर के बिहपुर प्रखंड में है मां भगवती का दरबार।

Nag Panchami 2022, मिथिलेश कुमार, भागलपुर: जिले के बिहपुर प्रखंड स्थित आस्था के महाकेंद्र बड़ी भगवती स्थान, सोनवर्षा में भव्य मेला लगेगा। इस बार दो अगस्त को नाग पंचमी है। परंपरा मुताबिक यहां दो साल के कोरोना काल के बाद भव्य मेले का आयोजन होगा। सामूहिक पूजा होगी और हर बार की तरह मइया बड़ी भगवती के इस दरबार में नागपंचमी पर 500 से अधिक फुलाएस, 60 से अधिक कलश चढ़ाए जाते हैं। कहा जाता है कि मंदिर के गर्भगृह का नीर अमृत जैसा है। सर्पदंश के बाद यहां आया पीड़ित इस नीर को पीते ही ठीक हो जाता है।

क्या है मान्यता?

ऐसी मान्यता है कि यहां सभी की मनोकामना पूरी होती हैं। नाग पंचमी के अलावा यहां मुंडन समेत अन्य यज्ञो पवीत संस्कार कराने एवं मनोकामना पूर्ण होने पर पाठा बलि देने श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। ऐसी मान्यता है कि माता की इस चौखट से सर्पदंश से शिकार हुए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। माता रानी उन्हें स्वस्थ कर वापस भेजती हैं। कहा जाता है कि माता के इस मंदिर के नीर में अद्भुत शक्ति है। मंदिर का इतिहास एक शताब्दी पुराना बताया जाता है। यहां न सिर्फ इस क्षेत्र के बल्कि बांका, खगड़िया, बेगूसराय, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार आदि जिलों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।

बता दें कि बीते दो वर्ष कोरोना को लेकर जारी सरकारी गाइडलाइन व दिशा निर्देशों के कारण यहां नागपंचमी पर न मेला लगा था और न ही बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं की मौजूदगी में सामूहिक पूजा हुई थी। यहां सामूहिक पूजन, कलश चढ़ावा,  मुडंन संस्कार व फुलाएस पूजन वर्ष 2020 एवं 2021 में नागपंचमी के मौके पर बंद रहा था। मंदिर के प्रधान पुजारी राधाकांत झा व सहायक राजेश चौधरी उर्फ कारकून परंपरानुसार विधिवत सिर्फ पूजन कार्य संपन्न कराते हैं।

क्या होता है फुलाएस: अपनी मनोकामना पूरी कराने को लेकर श्रद्धालु पूजा के पहले ईश्वर के चरणों में अर्जी देते है, पंडित-पुरोहित विधिवत पूजन कराते है, जिसे ग्रामीण भाषा में लोग फूलाएस कहते हैं I

यहां पूजा व मेले समेत अन्य तैयारियों में कमेटी के अध्यक्ष जगदीश ईश्वर, सचिव जीवन चौधरी, कोषाध्यक्ष गौरव कुमार, सदस्य वेदानंद चौधरी, मनोज कुंवर, मनोरंजन कुंवर, प्रवीण कुमार, भवेश मंडल, चंद्रकांत चौधरी, नीलेश, सौरभ, बिट्टू च सौतम आदि पूरी सक्रियता के साथ जुटे हुए हैं। मिली जानकारी के अनुसार दो अगस्त को होने वाले नागपंचमी पूजन को लेकर इस बार प्रखंड के सोनवर्षा समेत मिलकी, औलियाबाद, बभनगामा, अमरपुर व जयरामपुर आदि गांव स्थित विषहरी मंदिरों नागपंचमी पर सामूहिक पूजा होगी।