Move to Jagran APP

daslakshan : स्वार्थ व अभिमान का करें त्याग मिलेगी शांति

भागलपुर के नाथनगर स्थित जैन मंदिर में दसलक्षण पर्व चल रहा है। आज नौवें दिन उत्तम अकिंचन धर्म की पूजा की जाएगी।

By Dilip ShuklaEdited By: Updated: Sun, 30 Aug 2020 02:48 PM (IST)
Hero Image
daslakshan : स्वार्थ व अभिमान का करें त्याग मिलेगी शांति
भागलपुर, जेएनएन। नाथनगर के दिगंबर सिद्धक्षेत्र जैन मंदिर में चल रहे दशलक्षण महापर्व के आठवें दिन मंगलवार को उत्तम त्याग धर्म की पूजा जैन धर्मावलंबियों द्वारा विधि विधान के साथ की गई। इस अवसर पर कोतवाली चौक स्थित दिगंबर जैन मंदिर मे मुनिराज विश्वेश सागर महाराज ने प्रवचन में कहा, जिसके जीवन में विनम्रता और विचारो में सरलता रहती है, वही सच्चा त्याग कर सकता है। त्याग की वस्तुओं को छोड़ देना भी त्याग धर्म है। आध्यात्मिक दृष्टि से राग, द्वेष, क्रोध व मान आदि विकारों का आत्मा से छूट जाना ही त्याग धर्म है। स्वार्थ और अभिमान का त्याग करके लोगों का हित करने की योग्यता केवल मनुष्य में ही है। सभी मानव जाति एक ही हैं इनमें भेद नहीं करना चाहिए।

इधर, चंपापुर दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र में भी त्याग धर्म के बारे मे बताते हुए पंडित जागेश शास्त्री ने कहा, हमें सदैव दूसरे की बुराई करने की आदत का त्याग करना चाहिए। अपनी अज्ञानता, परिग्रह व अभिमान का त्याग हमारे जीवन को उन्नत और सर्वश्रेष्ठ बना सकता है। सभी प्रकार के भेदभाव का त्याग करके दूसरों का हित करना चाहिए। यही त्याग धर्म की प्रेरणा है।

सिद्धक्षेत्र मंत्री सुनील जैन ने कहा, त्यागी मनुष्य ही हमें सुखी दिखाई देते हैं। गुरुजन हमें पाप भाव से हटाकर धर्म मार्ग में लगाते हैं, यह त्याग धर्म की ही महिमा है। इससे जीवन विकसित होता है और परस्पर सौहार्द की भावना जागृत होती है। उन्होंने कहा, सोमवार को नौवें दिन उत्तम अकिंचन धर्म की पूजा की जाएगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।