Bihar: सबको रुला गई जेल में गर्भवती पल्लवी की मौत, दाह संस्कार के लिए पति को मिला 24 घंटे की पैरोल
भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा में बंद पति से मिलने पहुंची पल्लवी की मौत से हर कोई हैरान है। बुधवार को पल्लवी का अंतिम संस्कार किया गया। न्यायालय ने पति गोविंद कुमार को दाह संस्कार के लिए 24 घंटों की रिहाई का आदेश दिया था।
By Kaushal Kishore MishraEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Wed, 07 Jun 2023 04:04 PM (IST)
भागलपुर, जागरण संवाददाता। भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा में बंद पति से मिलने पहुंची पत्नी की मौत से हर कोई स्तब्ध है। घोघा थानाक्षेत्र के जानीडीह निवासी गोविंद कुमार उर्फ गुड्डू की पत्नी 9 महीने की प्रेग्नेंट थी। पल्लवी की मौत से हर कोई हैरान है। पल्लवी ऐसी स्वभाव की ही थी कि जिसने भी सुना, सबकी आंखों में आंसू भर आए।
पल्लवी के मौत की जानकारी मिलने पर सभी एक ही सवाल पूछ रहे हैं, अरे...उसके पेट में तो बच्चा पल रहा था? उसका क्या हुआ। बेचारा उसका पति गोविंद भी जेल में बंद है। क्या बीती होगी। गोतियारी झगड़े में जेल जाने की नौबत आ गई। जेल नहीं गया होता तो बेचारी पल्लवी भीषण धूप में उससे मिलने जेल नहीं गई होती।
लोगों का कहना था कि पति बाहर होता तो शायद बच जाती। फिर कुछ कहते, अरे कि करभो, विधाता क यही मंजूर छलै। बताभो, बच्चा त दुनिया भी नै देखे पारलै, पेटे म मरी गेलै। पल्लवी और उसके पेट में पल रहे बच्चे की मौत की जानकारी पर उसके मायके या ससुराल वाले ही नहीं, जो भी यह सुनता उसका हृदय द्रवित हो जाता। घटना ही ऐसी थी, सब स्तब्ध थे।
जच्चे-बच्चे की मौत के बाद न्यायालय ने गोविंद कुमार को दाह संस्कार के लिए 24 घंटे की रिहाई का आदेश दिया। जेल अधीक्षक मनोज कुमार, उपाधीक्षक राकेश कुमार सिंह ने न्यायालय का आदेश मिलते ही पूरी सुरक्षा-व्यवस्था के साथ मंगलवार की रात तयशुदा राशि जमा कराने के बाद गोविंद को घर रवाना कर दिया। गंगा तट पर पति ने नम आंखों से पल्लवी का अंतिम संस्कार किया। बुधवार की सुबह कड़ी सुरक्षा में पति गोविंद को सुरक्षाकर्मी जेल में वापस ले गए।
मृदुभाषी पल्लवी ने जीत रखा था सबका दिल
मृदुभाषी स्वभाव की पल्लवी ने ससुराल में सबका दिल जीत रखा था। पल्लवी को डॉक्टर ने 27 जून को डिलीवरी का डेट दे रखा था। घर के लोग उसकी देखभाल में लगे रहते थे। अचानक वह पति से मिलने की जिद करने लगी। उसकी जिद से हारकर घरवाले उसे लेकर जेल में पति से मिलाने चले गए थे।उन्हें क्या पता था कि पल्लवी अचानक उन्हें छोड़ कर चली जाएगी। जेल परिसर में चक्कर आने पर पल्लवी गिरी तो चारों तरफ चीख-पुकार मच गई थी। कक्षपालों का जत्था तत्काल जेल अस्पताल में उसका उपचार कराना चाह रहे थे, लेकिन घरवाले उसे गाड़ी में लेकर तुरंत अस्पताल चले गए। हालांकि, चिकित्सकों की टोली न तो पल्लवी को बचा सकी और न ही उसके पेट में पल रहे बच्चे को बचाया जा सका।
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