बिहार मानवाधिकार आयोग से की गई चर्चित SHO सीपी गुप्ता के निलंबन की मांग, योगिता भयाना बोलीं- ये पहला मामला नहीं
जस्टिस फॉर बांका गर्ल अपनी इस मांग को लेकर पीड़ित परिवार के साथ पटना पहुंची योगिता भयाना के साथ सीपी गुप्ता ने जो व्यवहार किया। उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। निर्भया कांड की आवाज बनी योगिता भयाना चुप नहीं बैठीं। उन्होंने बिहार मानवाधिकार का दरवाजा खटखटाया है।
By Shivam BajpaiEdited By: Updated: Tue, 26 Apr 2022 09:39 PM (IST)
आनलाइन डेस्क, भागलपुर: बांका में बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और फिर मर्डर के मामले में दिल्ली से पटना पहुंची महिलाओं के हक में आवाज उठाने वाली प्रसिद्ध एक्टिविस्ट योगिता भयाना के साथ जो हुआ। उस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। लिहाजा, योगिता ने बिहार मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटकाया है। उन्होंने बार-बार महिलाओं के साथ बदतमीजी कर सुर्खियों में आ रहे पटना सचिवालय थाना के एसएचओ सीपी गुप्ता के निलंबन की मांग कर दी है। योगिता ने ज्ञापन लिख अपील की है कि इस दारोगा को हटाया जाए।
योगिता ने अपने ज्ञापन की प्रति बिहार मानवाधिकार आयोग के साथ-साथ बिहार पुलिस एडीजी अमित कुमार जैन को भी प्रेषित की है। उन्होंने अपने साथ हुई बदसलूकी के बारे में बताते हुए लिखा कि बांका दुष्कर्म मामले में मृतक बच्ची का परिवार न्याय के लिए दर-दर भटक रहा था। ऐसे में जब वे पटना पहुंची तो सीएम नीतीश कुमार से मिलने की फरियाद और मामले में कार्रवाई की मांग करने लगी। इस दौरान सचिवाल पुलिस स्टेशन में तैनात एसएचओ सीपी गुप्ता दल बल के साथ वहां पहुंच गए। उन्होंने न केवल सीएम से मुलाकात कराने की बात से इनकार कर दिया, बल्कि उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया।
सचिवालय थाने के एसएचओ महिला एक्टिविस्ट को हद में रहने की धमकी भी दी और कहा- 'तुम औरत हो और औरत की तरह रहो।' इसके साथ उन्होंने अपने साथी पुलिसकर्मियों को निर्देश देते हुए उन्हें और पीड़िता के पिता को शारीरिक रूप से धक्का देने का आदेश दिया। इसके बाद उन्हें डिटेन किया गया। इस घटना के बाद हाल ही में एसएचओ का महिला के साथ बदसलूकी का एक और वीडियो वायरल हो गया, जो घरेलू हिंसा की शिकायत करने आई थी।
गौरतलब हो कि योगिता भयाना के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले में बिहार की राजनीति गर्मा उठी थी। बता दें कि पटना के सचिवालय थाने में तैनात सीपी गुप्ता एक नहीं कई बार सुर्खियों में रह चुके हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो दारोगा साहब कभी गाली छोड़ बात ही नहीं करते। इधर, योगिता भयाना ने पत्र लिख उन्हें हटाने की मांग की है। देखना होगा मानवाधिकार के साथ-साथ बिहार पुलिस मुख्यालय क्या कुछ कार्रवाई करता है।
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