Bihar News: DM ने जज को भेजी अपमानजनक टिप्पणी वाली चिट्ठी... मची खलबली, न्यायाधीश ने पत्र को केस रिकॉर्ड में किया दर्ज
जिलाधिकारी की तरफ से व्यवहार न्यायालय के एक न्यायाधीश को अपमानजनक टिप्पणी वाला पत्र भेज देने पर भूचाल आ गया है। बता दें कि कोतवाली थाने में आर्म्स एक्ट से जुड़े दस दिसंबर 2011 को दर्ज केस में डीएम का सेक्शन आदेश नहीं उपलब्ध होने पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्व विभूति गुप्ता ने पहले अपर लोक अभियोजक को डीएम का सेंक्शन आदेश उपलब्ध कराने का आदेश दिया था।
कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। व्यवहार न्यायालय के एक न्यायाधीश को जिलाधिकारी की तरफ से अपमानजनक टिप्पणी वाला पत्र भेज देने पर भूचाल आ गया है।
आर्म्स एक्ट से जुड़े कोतवाली थाने में दस दिसंबर 2011 को दर्ज केस में डीएम का सेक्शन आदेश नहीं उपलब्ध होने पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्व विभूति गुप्ता ने पहले अपर लोक अभियोजक को डीएम का सेंक्शन आदेश उपलब्ध कराने को कहा था।
थानाध्यक्ष व एसएसपी को भेजा पत्र
उसके बाद मामले में थानाध्यक्ष कोतवाली से लेकर एसएसपी तक को सेंक्शन आदेश उपलब्ध कराने को पत्र भेजा। तमाम पत्राचार बाद भी केस रिकॉर्ड में डीएम के सेंक्शन आदेश उपलब्ध नहीं होने पर जिले में अभियोजन पक्ष के सक्षम प्राधिकार जिलाधिकारी को पत्र भेज आर्म्स एक्ट के 14 साल पुराने उक्त केस में सेंक्शन आदेश उपलब्ध कराने का अनुरोध किया ताकि केस का निष्पादन किया जा सके।लेकिन मामले में कोई जवाब नहीं आने पर न्यायाधीश ने डीएम को चार मार्च 2024 को पत्र भेज अभियोजन की लापरवाही की जानकारी दे याद दिलाया कि 14 फरवरी 2023 को जारी पत्र का अवलोकन करें।
न्यायाधीश ने ये कहा
यह भी जानकारी दी थी कि अभियोजन स्वीकृति आदेश प्रस्तुत करने के संबंध में उनकी तरफ से किये गये अनुरोध के बावजूद न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया। पत्र में न्यायाधीश ने कहा था कि आपको निर्देशित किया जाता है कि इस संबंध में जांच कर इस न्यायालय में अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें ताकि उच्च न्यायालय पटना की तरफ से मांगे गए स्पष्टीकरण में प्रतिवेदन भेजा जा सके।न्यायाधीश ने उसे अति आवश्यक बताते हुए सात दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण सौंपने की बात पत्र में कही थी। उक्त पत्र के जवाब में डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्व विभूति गुप्ता को जो जवाब दिया वह हैरान करने वाला है।
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