भागलपुर। खूंखार नक्सली अजय कानू उर्फ रवि जी को गृह कारा विभाग ने खास रणनीतिक योजना बना पटना से भागलपुर जेल शिफट्ट क दािरया।
By JagranEdited By: Updated: Wed, 04 Aug 2021 02:47 AM (IST)
भागलपुर। खूंखार नक्सली अजय कानू उर्फ रवि जी को गृह कारा विभाग ने खास रणनीतिक योजना बना गोपनीय तरीके से बेउर जेल पटना से भागलपुर शिफ्ट करा दिया है। यहां की विशेष केंद्रीय कारा के अतिसुरक्षित बंकर टी-सेल में कक्षपालों की चार पालियों की सख्त पहरे में रखा गया है। प्रशासनिक आदेश पर भागलपुर की विशेष केंद्रीय कारा लाये गए अजय कानू के सम्बन्ध में कारा अधीक्षक सुरक्षा कारणों का हवाला दे कुछ बोलने से इनकार कर दिया है। जबकि जेल परिसर और उससे सटे इलाके में स्थानीय थानों औद्योगिक और तिलकामांझी के अलावा बरारी पुलिस की निगरानी भी बढ़ा दी गई है। बिहार सैन्य पुलिस की टुकड़ी के अलावा वाच टावर, ड्रेगन लाइट, थ्री लेयर की सुरक्षा और सख्त कर दी गई है। सीसी कैमरे के नियंत्रण कक्ष से जेल अधिकारी सीधे जुड़ गए हैं। आदर्श केंद्रीय कारा बेउर,पटना से उसे कब भागलपुर की विशेष केंद्रीय कारा शिफ्ट करा दिया गया इसकी जानकारी जेल अधीक्षक के सिवाय जेल परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मियों को भी काफी बाद में लगी।
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जहानाबाद जेलब्रेक कांड का रहा है मास्टरमाइंड, अनेकों इल्जाम सिर पर ------------- ---------- ------------------
खूंखार नक्सली अजय कानू 13 नवंबर 2005 को जहानाबाद में हुए जेल ब्रेक कांड का मास्टरमाइंड रहा है। इसके सिर पर अनेकों जघन्य अपराधों के इल्जाम हैं। जहानाबाद जेलब्रेक 13 नवंबर को तब घटी थी जब तीसरे चरण का मतदान पुलिस और प्रशासनिक अमले संपन्न करवा रहे थे। जहानाबाद में रात नौ बजे जेल के गेट को एक तीब्र धमाके से उड़ा दिया गया था। मशीनगन समेत कई घातक हथियारों से लैस करीब एक हजार नक्सलियों ने जेल पर हमला बोल तीन सौ से अधिक बंदियों को छुड़ा ले गए थे। जिनमें अधिकांश नक्सली समर्थक थे। वारदात ऐसी थी कि दिल्ली और पटना हिल गई थी। यह नक्सलियों की तरफ से फूंकी गई युद्ध की मुनादी जैसी थी। जहानाबाद जेल, पुलिस लाइन, जिला जज आवास, सहजानंद कालेज पर एक साथ फायरिग हुई थी। धड़ाधड़ बम फेंके जाने लगे थे। जहानाबाद का अंधेरे आसमान में तब आतिशबाजी होने लगी थी।कभी भागलपुर में प्रमंडलीय आयुक्त रहे तत्कालीन गृह सचिव हेमचन्द्र सिरोही ने खुद मानिटरिग कर हथियारों को लूटने की नक्सलियों की कोशिशवको नाकाम करा दिया था। अजय पर बड़े शर्मा समेत कई रणवीर सेना समर्थकों की हत्या और पुलिस से मुठभेड का इल्जाम है। बेउर जेल में उसकी गतिविधियों की निगरानी करने और उसकी गतिविधि संदिग्ध होने पर उसे वहां से हटाया गया है। उसने पूर्व में बेउर जेल उड़ाने की धमकी दे प्रशासन और जिला प्रशासन तथा पुलिस मुख्यालय की चिता बढ़ दी थी।
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