'बेटी को पैसे भेजूं या तुम्हारे शौक पूरे करूं', इंजीनियर पिता की फटकार से आहत बेटे ने फंदे से झूलकर दी जान
भागलपुर में संयुक्त भवन में संविदा पर काम करने वाले इंजीनियर छविनाथ राम के इकलौते पुत्र अंकित कुमार ने शनिवार की रात फंदे से झूलकर जान दे दी। बेटे ने ऑनलाइन कपड़े और जूते मंगवाए थे जिसपर पिता ने फटकार लगाई थी।
भागलपुर, जागरण संवाददाता। संयुक्त भवन में संविदा पर काम करने वाले अभियंता छविनाथ राम के इकलौते पुत्र 19 वर्षीय अंकित कुमार ने शनिवार की रात साढ़े नौ बजे फांसी लगा जान दे दी। उसके कमरे में झांक कर देखने वाले पिता ने बेटे को फंदे पर झूलते-छटपटाते देख शोर मचाया, लेकिन तब तक बेटे के प्राण पखेरू उड़ चुके थे।
घटना की जानकारी पर बरारी थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और घटनास्थल का मुआयना कर शव को जवाहर लाल नेहरू अस्पताल भेजा। बेटे के शव पर दहाड़ मारते पिता अपनी एक गलती पर अफसोस कर रहे थे।
बेटे ने ऑनलाइन मंगवाए थे कपड़े-जूते
पिता ने पुलिस को जानकारी बताया कि बेटे अभिनंदन कुमार उर्फ अंकित ने ऑनलाइन जूते और कपड़े का आर्डर दिया था। डिलीवरी आने पर उसने पिता से रुपये की मांग कर दी। इंजीनियर ने बताया कि एक बेटी जम्मू में पढ़ाई कर रही है, जिसको समय पर पैसे भेजने होते हैं। इसलिए बेटे को समझाया कि पहले तुम्हारी बहन की पढ़ाई के लिए रुपये जरूरी हैं। अभी जूते-कपड़े खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं।
मृतक अभिनंदन कुमार उर्फ अंकित की फाइल फोटो
खाना खाने के बाद सभी चले गए सोने
उन्हें क्या पता था कि इतनी मामूली सी बात पर बेटा इतना बड़ा फैसला कर लेगा। शनिवार की रात खाना खाने के बाद परिवार के सभी लोग बिस्तर पर जाने की तैयारी कर रहे थे। इधर, छोटी सी बात से नाराज बेटे ने फंदे से झूलकर मौत को गले लगा लिया। छविनाथ राम मूल रूप से सुल्तानगंज के रहने वाले हैं।
अस्पताल में पड़ोसियों बंधाया ढाढस
बरारी थानाक्षेत्र के नगर निगर चौराहा रोड, खंजरपुर में परिवार के साथ रहते हैं। बेटे की मौत से उनपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अस्पताल परिसर में उन्हें ढाढस बंधाने वाले कई पड़ोसी पहुंच कर उन्हें संभालते दिखे। बरारी पुलिस ने शव का पंचनामा कर शव को सुरक्षित रखवा दिया है। रविवार को पोस्टमार्टम कराने की बात पुलिस ने कही है।