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Bhagalpur Bridge: जो पुल 8 साल में नहीं बना, दस दिनों में हटेगा उसका मलबा; मुंबई से पहुंची एक्सपर्ट टीम

भागलपुर में अगुवानी-सुलतानगंज गंगा पुल के ध्वस्त होने के बाद अब गंगा से मलबा हटाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। शुक्रवार को मुबंई से पहुंची एक्सपर्ट की टीम ने पुल के मलबा हटाने को लेकर ध्वस्त पुल का निरीक्षण कर जायजा लिया।

By Jagran NewsEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Sat, 10 Jun 2023 07:50 AM (IST)
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मुंबई से पहुंची एक्सपर्ट टीम, जल्द हटाया जाएगा ध्वस्त सुल्तानगंज-अगुवानी गंगा पुल का मलबा
सुल्तानगंज (भागलपुर) संवाद सूत्र। भागलपुर में अगुवानी-सुलतानगंज गंगा पुल  (Aguwani-Sultanganj Ganga Bridge) के ध्वस्त होने के बाद अब गंगा से मलबा हटाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। शुक्रवार को मुबंई से पहुंची एक्सपर्ट की टीम ने पुल के मलबा हटाने को लेकर ध्वस्त पुल का निरीक्षण कर जायजा लिया।

मुंबई से आई टीम ने एसपी सिंगला कंपनी (SP Single Construction) के बेस कैंप मे निर्माण कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक कर कई अहम जानकारी ली और ड्रोन कैमरा से ध्वस्त पुल की तस्वीरें कैमरे में कैद करते हुए मलबा हटाने को लेकर तकनीकी रूप से जरूरी कई बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया।

दस दिनों के अंदर हटाया जाएगा मलबा

बताया गया कि कोलकाता से 750 एचपी का पोकलेन मशीन मंगाया गया है, जिससे दस दिनों के अंदर गंगा से मलबा को हटा लिया जायेगा। निर्माण कंपनी के अधिकारी से एक्सपर्ट टीम ने बातचीत करते हुए तकनीकी पहलू पर भी गंभीरता से विचार विमर्श किया।

2014 में नीतीश कुमार ने रखी थी नींव

बता दें कि 1710 करोड़ की लागत से बनने वाली अगुवानी-सुलतानगंज गंगा पुल नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक थी। इसका निर्माण पिछले आठ साल से चल रहा था। नीतीश कुमार ने साल 2014 में पुल की नींव रखी थी। पुल 2019 में ही बनकर तैयार होना था। बाद में डेडलाइन 31 दिसंबर, 2023 की दी गई थी।

गंगा में डॉल्फिन को लेकर बरती जाएगी सावधानी

चार जून को निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज महासेतु के पाया नंबर 10, 11, 12 सुपर स्ट्रक्चर पाइलोन समेत गंगा में गिर गए थे। एक अनुमान के अनुसार, गंगा नदी में करीब 14 हजार टन मलबा गिरा है। बताया गया कि मलबा हटाने के दौरान गंगा में डॉल्फिन को नुकसान नहीं होगा। इसको लेकर एहतियातन सतर्कता बरती जायेगी। हालांकि, पुल के दोबारा गिरने के बाद निर्माण कंपनी के अधिकारी भी कुछ कहने से बच रहे हैं।

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