कोसी में धरातल पर नहीं उतर सका 'हर खेत को पानी' योजना, अब तक हो सका है केवल सर्वे का काम
कोसी में हर खेत को पानी योजना को धरातल पर नहीं उतारा जा सका है। इस योजना को लागू हुए लंबा समय बीतने को है परंतु अभी तक खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाया है। इससे किसानों को निराशा हाथ लगी है।
जागरण संवाददाता, सुपौल। हर खेत को पानी योजना को लागू हुए लंबा समय बीतने को है परंतु अभी तक खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाया है इससे किसानों को निराशा हाथ लगी है। सरकार ने हर खेत को पानी उपलब्ध कराने की यह योजना 2020 में बनाई। मकसद था कि किसानों को सिंचाई की समुचित व्यवस्था उपलब्ध करवाकर उनकी आय को बढ़ाना। कार्य तेजी से हो इसके लिए सरकार ने खेत तक पानी पहुंचाने वाली इस योजना को निश्चय टू में शामिल किया था। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी सह इस योजना के नोडल पदाधिकारी समीर कुमार बताते हैं कि इसके लिए सर्वे हो गया है आगे की कार्यवाही की जा रही है।
योजना को पूर्ण करने के लिए पहले सर्वे करने की कार्य योजना बनाई गई इसके लिए जिले में 298512 भूखंड का लक्ष्य निर्धारित कर कृषि विभाग को सर्वे का जिम्मा सौंपा गया। कृषि विभाग किसान सलाहकार तथा कृषि समन्वयक की मदद से सर्वे पूरा कर लिया। जमीनी सर्वे पूर्ण होने के बाद तकनीकी सर्वे की योजना बनी। यह योजना दिसंबर 2020 में बनी और इस पर काम होना भी शुरू हुआ। पहले तय हुआ कि इस सर्वे को एक सौ दिनों में पूरा करना है लेकिन बाद में एक सौ कार्य दिवस में पूरा करने का लक्ष्य बना।
सर्वे के दौरान तकनीकी टीम को देखना था कि पानी खेत तक कैसे पहुंचाया जाए। यदि किसी जगह आहार पाइन का विकल्प संभव नहीं है तो वहां बिजली पहुंचाकर नलकूप लगाने की व्यवस्था की जानी थी। जो भी विकल्प सही होता उसका प्राक्कलन इंजीनियर को तैयार करना था। कृषि विभाग द्वारा किए गए प्लाट टू प्लाट सर्वे में जिले के करीब आठ लाख हेक्टेयर खेती योग्य जमीन असिंचिंत पाई गई जिसमें कई किसानों ने बोर बेल तो कई किसानों ने बिजली चालित सिंचाई की मांग की थी। ऐसे भी किसान थे जिन्होंने माइनर बना देने पर नहर से सिंचाई का भी विकल्प विभाग को दिया था। फिलहाल किसानों की चाहत खेतों में नहीं उतर पाई है।
इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी सह इस योजना के नोडल पदाधिकारी समीर कुमार बताते हैं कि इसके लिए सर्वे हो गया है आगे की कार्यवाही की जा रही है।