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Chandra Grahan Date & Time: इसी माह साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानिए... कहां कैसा रहेगा प्रभाव, सूर्य ग्रहण जून में

Chandra Grahan Date Time वर्ष 2021 में चार ग्रहण लगने वाले हैं। 26 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा। वहीं पहला सूर्यग्रहण 10 जून को है। इस दिन के बारे में क्‍या बता रहे ज्‍योतिषाचार्य जानिए... उन्‍होंने क्‍या कहा और क्‍या टाइमिंग क्‍या बताया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Updated: Fri, 21 May 2021 01:29 PM (IST)
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वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई (बुधवार) को लगेगा।
भागलपुर, ऑनलाइन डेस्‍क। Chandra Grahan Date & Time:  26 मई को साल का पहला चंद्रग्रहण लगेगा। इस ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि वालों को सावधान रहने की जरुरत है। देश के कई हिस्‍सों पर इस ग्रहण का पूरा असर देखा जाएगा। हिंदू पंचाग और ज्‍योतिषीय गणना के मुताबिक साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई दिन बुधवार को लगेगा। यह चंद्रग्रहण उपाछाया चंद्रग्रहण है।

इस वर्ष दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण लगेगा

वर्ष 2021 में चार ग्रहण लग रहे हैं। वर्ष का  पहला ग्रहण इसी माह है। 26 मई को पहला चंद्र ग्रहण लगेगा। वहीं, पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को है। इसके बाद एक और चंद्र और सूर्य ग्रहण लगेगा। आइए, आज हम चर्चा करते हैं वर्ष 2021 से पहले चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण का। क्‍या है इसका टाइमिंट और भारत में कैसा रहेगा प्रभाव। यहां यह भी जानना जरुरी है कि यह कोरोना काल है। बता रहे सलेमपुर निवासी ज्‍योतिषाचार्य आचार्य विकास त्रिवेदी। 

वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई (बुधवार) को लगेगा। इस दिन पूर्ण ग्रास चंद्रग्रहण है। हिंदी तिथि के अनुसार यह दिन वैशाख शुक्‍ल पक्ष पूर्णिमा है। यह दिन बुद्ध पूर्णिमा है। यहां बता दें कि पूर्णिमा में ही चंद्र ग्रहण लगता है। यह चंद्र ग्रहण का स्‍पर्श भारतीय समयानुसार दोपहर बाद 3:15 बजे, मध्‍य 4:49 और मोक्ष शाम 6:23 है। ग्रहण दिन में लग रहा है। इस कारण भारत में इसका ज्‍यादा प्रभाव नहीं है। लेकिन देश के कुछ जगहों पर कहीं-कहीं ग्रहण की समाप्ति या मोक्ष देखा जाएगा। पूर्वोत्‍तोर भारत के कुछ स्‍थानों पर इसे दृश्‍यमान बताया गया है।

विकास त्रिवेदी ने बताया कि 2021 का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून गुरुवार को लगेगा। हिंदी तिथि के अनुसार यह दिन ज्‍येष्‍ठ कृष्‍ण पक्ष अमावास्‍या है। सूर्य ग्रहण अमावास्‍या के दिन लगता है। सूर्य ग्रहण का भारत में दिखाई नहीं देगा। इस कारण यहां इसका विशेष महत्‍व नहीं है। उन्‍होंने बताया कि जहां दृश्‍य होता है वहीं इसकी मान्‍यता होती है। ग्रहण दृश्‍य होने पर ही उसका धार्मिक महत्‍व होता है। 2021 का दूसरा चंद्र ग्रहण  शुक्रवार, 19 नवंबर लगेगा। वहीं, दूसरा सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 को है।

क्‍या करें ग्रहण काल में

विकास त्रिवेदी ने कहा ग्रहण काल में जप करें। भगवान नाम स्‍मरण करें। धार्मिक पुस्‍तकों का अध्‍यन करें। पाठ करें। ग्रहण काल तक शांति से रहें। साधना करें। ग्रहण के समाप्ति के बाद  स्‍नान करें। गंगा स्‍नान ज्‍यादा उत्‍तम होगा। इसके बाद ग्रहण दान करें। पूजा पाठ करें।

सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक कारण

चंद्रमा जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। इस कारण सूर्य की सतह दिखाई नहीं पड़ती। सूर्य ढकने लगता है। इसे सूर्यग्रहण कहते हैं। जब सूर्य का एक भाग छिपता है तो आंशिक सूर्यग्रहण कहलाता है। और जब सूर्य पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छिप जाता है तो पूर्ण सूर्यग्रहण कहलाता है। सूर्य ग्रहण अमावस्या को ही होता है।

चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक कारण

पृथ्वी जब सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। इस कारण सूर्य की रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है। यह चंद्रग्रहण है। चंद्रग्रहण की स्थिति तब बनती है सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होता हैं। चंद्रग्रहण पूर्णिमा की रात होता है। एक साल में ज्‍यादा से ज्‍यादा तीन बार पृथ्वी की उपछाया से चंद्रमा गुजरता है। इसी दौरान चंद्रग्रहण लगता है। चंद्रग्रहण भी आंशिक और पूर्ण हो सकता है।

ईश्‍वरनगर, भागलपुर निवासी पंडित श्रीधर मिश्र ने बताया कि चंद्र ग्रहण में नौ घंटे पूर्व और सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पूर्व से सूतक के नियम पालनीय है। सूचक काल में मंदिर और भगवान के प्रतिमाओं का स्‍पर्श, भोजन आदि वर्जित होता है। मंदिर के पट बंद हो जाते हैं। देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का स्‍पर्श नहीं करें। इस दौरान जप, ध्‍यान आदि करें।

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खगोलीय घटना है चंद्रग्रहण

वैसे तो चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है, विज्ञान की मानें तो जब सूर्य, पृथ्‍वी और चंद्रमा एक सीधी लाइन में आ जाते हैं तो चंद्रमा पृथ्‍वी के ठीक पीछे छाया में चला जाता है। और इसे चंद्रग्रहण कहते हैं। ऐसा सिर्फ पूर्णिमा के दिन ही होता है। जब चंद्र पूर्ण होता है। ज्‍योतिष में भी चंद्रग्रहण का विशेष महत्‍व मना जाता है। ज्‍योतिष के अनुसार चंद्रग्रहण अशुभ माना जाता है।

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