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महाभारत से जुड़ा है मुंगेर के भीम बांध का इतिहास, भीषण ठंड में भी पानी रहता है गर्म, दूर-दूर से पहुंचते हैं पर्यटक

गर्माहट लेने भीम बांध पहुंचने लगे सैलानी।भीम बांध में गर्म पानी लुत्फ लेने वालों की बढ़ रही संख्या। नव वर्ष से पहले पूरी तरही पिकनिक स्पाट बना भीम बांध। इसका इतिहास महाभारत से जुड़ा है। यहां कड़क ठंड में भी पानी गर्म रहता है।

By Shivam BajpaiEdited By: Updated: Mon, 27 Dec 2021 03:54 PM (IST)
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पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित किया गया भीमबांध

प्रणत भारती, हवेली खड़गपुर (मुंगेर): नव वर्ष आने में 4 दिन बाकि हैं। ऐसे में प्रकृति की गोद में बसे घने जंगल के बीचो-बीच भीमबांध पूरी तरह पिकनिक स्पाट बन गया है। गर्म पानी का आनंद लेने के लिए मुंगेर जिले के लोगों के अलावे दूसरे जिले से भी लोग पहुंचने लगे हैं। यह सिलसिला दिसंबर से फरवरी माह तक चलता है। कंप कंपाती ठंड में भीमबांध के गर्म पानी में स्नान करने का आनंद ही कुछ और है। लोगों के स्नान करने के लिए स्विमिंग पुल के समान तीन कुंड बनाए गए। एक खंड पुरुष, एक खंड महिला व एक खंड बच्चों के लिए है। कई लोग गर्म पानी के जलाशय में भी जाकर लुत्फ उठा रहे हैं।

रविवार को बड़े अफसर के परिवार के साथ आने की सूचना पर सीआरपीएफ के जवानों ने एक कुंड में लोगों को स्नान करने से मना कर दिया था, जिससे मायूस लोगों में गुस्सा भी दिखा। सोमवार को स्थिति सामान्य रही। सैलानी व पिकनिक मनाने वाले लोग सभी कुंडों में स्नान करने के अलावे बगल में बह रही गर्म पानी नदी में भी स्नान किया है।

महाभारत काल में पांडव भीमबांध में ठहरे थे

भीमबांध ऐतिहासिक स्थल भी है। महाभारत काल में अज्ञातवास के दौरान पांडव युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल, सहदेव सभी भीमबांध के जंगल में कुछ दिन ठहरे थे। पानी के तेज बहाव को रोकने के लिए बलशाली भीम ने अपने बल का प्रयोग कर पत्थर निर्मित एक बांध भी बनाया है जो अब भी है।

मार्ग निर्माण के दौरान रखा गया है विशेष ख्याल

सवालाख बाबा स्थान से भीम बांध तक जाने के लिए पहले लोगों को लाल धूल का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब उक्त मार्ग को पक्की और कालीकरण का काम तेजी से चल रहा है।विभागीय पदाधिकारी ने संवेदक को कई निर्देश देते हुए कहा है कि पर्यटक व पिकनिक मनाने वालों को आने जाने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसका विशेष ख्याल रखना है। इसका पालन किया जा रहा है। मार्ग स्थित पुल के बगल में कई डायवर्सन भी बनाए गए हैं।

दो स्थानों पर बनाए गए हैं बैरियर

भीम बांध जाने वाले मुख्य मार्गों पर राजस्व वसूली के लिए वन विभाग ने दो स्थान पर बैरियर लगाया हैं। एक सवालाख बाबा स्थान के समीप और एक सोनरवा गांव के समीप है। दिसंबर माह में इन दोनों बैरियर को पारकर भीमबांध पहुंचने वाले लोगों से लगभग अब तक एक लाख रुपया राजस्व वसूली हो चुकी है।

साफ-सफाई व सुरक्षा विशेष ध्यान

भीमबांध कुंड के समीप लोगों के सुरक्षा के साथ-साथ साफ-सफाई का वन विभाग के पदाधिकारियों विशेष ध्यान दे रहे हैं। लगभग आठ लोगों को स्थल पर प्रतिनियुक्त किया गया है।

इन स्थलों पर भी है गर्म पानी का स्रोत

हवेली खडग़पुर क्षेत्र के भीमबांध, रामेश्वर कुंड, भंवराकुंड, तितपनियां, ऋषिकुंड आदि स्थानों पर भी गर्म पानी का स्रोत है। जहां सर्दी के मौसम में लोग गर्म पानी से स्नान कर आनंद उठाते हैं।

'सैलानी व पिकनिक मनाने वाले लोगों को भीमबांध में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है। साफ सफाई व सुरक्षा का भी ख्याल रखा गया है। भीम बनाने वाले लोगों से राजस्व वसूली भी की जा रही है। सभी कुंडों का भी साफ-सफाई कराया गया है।'-अशोक राम, फारेस्टर, वन विभाग।

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