सुर्खियों में रहने वाले भागलपुर के एसएम कालेज से शिक्षकों का 30 साल का महत्वपूर्ण डाटा गायब
सुर्खियों में रहने वाले भागलपुर के एसएम कालेज (SM College Bhagalpur) में 30 वर्षों का शिक्षकों का लीव डाटा गायब है। प्राचार्य ने कहा कुछ कर्मियों के असहयोग की वजह से दिया इस्तीफा। हेड क्लर्क और पूर्व कार्यालय सहायक पर लगाया असहयोग का आरोप।
जागरण संवाददाता, भागलपुर : एसएम कालेज के प्राचार्य डा. रमन सिन्हा के इस्तीफे के बाद वहां की राजनीति गर्मा गई है। प्राचार्य ने अपने इस्तीफे की वजह कालेज के कुछ कार्यालय कर्मियों द्वारा असहयोग की भावना बताया है। प्राचार्य ने कहा कि कालेज में तैनात एक दर्जन से ज्यादा शिक्षकों के प्रोन्नति की रिपोर्ट विश्वविद्यालय भेजी गई है, लेकिन शिक्षकों के छुट्टियों से जुड़ा डाटा अब तक नहीं भेजा गया है। जिससे शिक्षकों की प्रोन्नति बाधित हो सकती है। उन्होंने इसके लिए कार्यालय की पूर्व सहायक मीरा अम्बष्ट और वर्तमान में हेड क्लर्क फुलेश्वर साह को बताया।
नहीं है शिक्षकों के 30 वर्षों का लीव डाटा
प्राचार्य बताया कि कालेज में पिछले 30 वर्षों के शिक्षकों का लीव डाटा नहीं है। 1982 से लेकर 2012 के बीच शिक्षकों से संबंधित कई दस्तावेज कार्यालय से गायब हैं। उसके बारे में हेड क्लर्क से पूछा गया तो उन्होंने भी किसी तरह का संतोषजनक जवाब नहीं दिया। कालेज में 2012 के बाद का कुछ डाटा उपलब्ध है। प्रचार्य ने कहा कि कालेज का डेवलपमेंट रजिस्टर भी हेड क्लर्क ने खो दिया है। उसके बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। बताया कि उसकी फोटो कापी रहने के कारण उनके पास कार्यों का ब्यौरा सुरक्षित था। अन्यथा काफी दिक्कत होती।
सेवानिवृत्त होने के बाद नहीं दिया रिकार्ड
प्राचार्य रूसा की होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए पटना गए हुए हैं। उन्होंने फोन पर बताया कि मीरा अम्बष्ट 2020 में ही सेवानिवृत्त हो गई हैं। बावजूद कालेजों के महत्वपूर्ण दस्तावेजों को उन्होंने अपने पास रखा है। किसी भी दस्तावेज के लिए उन्हें फोन करना होता है। इसके बाद वे डाटा देती है। जबकि डाटा के लिए कई बार हेड क्लर्क फुलेश्वर साह को कहा गया है। वे भी डाटा लेने में रुचि नहीं दिखाते हैं। इस असहयोग की भावना के कारण शिक्षकों की प्रोन्नति में परेशानी हो सकती है। प्राचार्य ने कहा कि डाटा नहीं रहने के कारण उन लोगों को कार्यालय का काम में पाने में काफी दिक्कतें हो रही है।
इस मामले में हेड क्लर्क फुलेश्वर साह और पूर्व सहायक मीरा अम्बष्ट से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन लोगों ने फोन रिसीव नहीं किया।