Indian Railway: सामान्य श्रेणी में सफर करने वाले यात्रियों की कट रही जेब, 60 की जगह टिकट के देने पड़ रहे 75 रुपये
सामान्य श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों को ज्यादा किराया चुकाना पड़ रहा है। उन्हें 60 की जगह 75 रुपये चुकाना पड़ रहा है। इससे यात्री परेशान हैं। वहीं रेलवे के अधिकारियों की माने तो उन्हें इस संबंंध में...!
संवाद सूत्र, सहरसा। पूर्व मध्य रेल सहरसा रेलखंड में चलनेवाली सभी ट्रेनों के सामान्य बोगी में यात्रा करनेवाले यात्रियों से निर्धारित किराया से अधिक पैसा वसूल किया जा रहा है। यात्री एपी ध्रुव कहते है कि वो बराबर कटिहार जाते है। सामान्य बोगी में भी यात्रा करने पर 60 रुपये की जगह 75 रुपये किराया हो गया है। पहले कोरोना काल में रेलवे ने सामान्य बोगी में भी टिकट को आरक्षित करना शुरू कर दिया। जिस कारण हर यात्री से 15 रुपये अतिरिक्त राशि रिजर्वेशन के नाम पर लिया जाने लगा। पहले कम ट्रेन चलती थी तो लोग ज्यादा रुपये देकर यात्रा करते थे। इन दिनों लाकडाउन समाप्त हो गया। इसके बाद भी रेलवे ने जेनरल बोगी में यात्रा करने वाले यात्रियों से प्रति यात्री 15 रुपये वसूल किए जा रहे हैं।
प्रतिदिन पांच हजार से अधिक कट रहा है सामान्य टिकट
सहरसा से प्रतिदिन करीब दो दर्जन से अधिक ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया है। ऐसे में एक दो ट्रेन को छोडकर हर ट्रेन में सामान्य बोगी लगी रहती है। एक बोगी में करीब सौ सामान्य टिकट कटता है। सहरसा से पटना के बीच चल रही राज्यरानी एक्सप्रेस, कोसी एक्सप्रेस सहित अन्य सभी ट्रेनों में प्रति टिकट पर 15 रुपये रिजर्वेशन के नाम पर वसूली जा रही है। राज्यरानी एक्सप्रेस में हर दिन 1700 टिकट सामान्य बोगी का कटता है। प्रतिदिन पांच हजार से अधिक सामान्य टिकट कटता है।
स्लीपर व एसी बोगी में पूर्ववत लिया जा रहा किराया
सहरसा से चल रही वैशाली एक्सप्रेस, पूरबिया, गरीब रथ सहित अन्य ट्रेनों में स्लीपर सहित एसी बोगी में पूर्ववत किराया लिया जा रहा है। यात्रियों ने इसमें भी भेदभाव करने का आरोप लगाया है। यात्री मनोज, शिवेंद्र कहते है कि जेनरल बोगी में रिजर्वेशन के नाम पर अधिक किराया लिया जा रहा है। स्लीपर और एसी बोगी का किराया पूर्व की तरह किराया है।
ट्रेनों में भीड़ कम करने एवं सीट मुताबिक यात्री बिठाने को लेकर ही सामान्य बोगी में यात्रा करने के लिए यात्रियों को आरक्षित टिकट कटाना पड़ रहा है। रेलवे बोर्ड के निर्देश पर ही इसे लागू किया गया है। रेलवे बोर्ड के निर्देश आने पर ही इस दिशा में कोई साकारात्मक कदम उठाया जा सकता है। -सरस्वती चंद्र, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, पूर्व मध्य रेल