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इंटरनेट मीडिया : सोशल साइट्स इस्‍तेमाल करने के पूर्व करें बहु‍त विचार, प्रोफाइल से होता है व्यक्तित्व का आकलन

इंटरनेट मीडिया आज के समय में सोशल साइट्स का बहुत योगदान है। इसके इस्‍तेमाल करने के पूर्व बहु‍त विचार करने की जरुरत है। प्रोफाइल से व्यक्तित्व का आकलन होता है। साथ ही संदेश आदि के बारे में भी विचार करने की जरुरत है।

By Jagran NewsEdited By: Dilip Kumar shuklaUpdated: Mon, 17 Oct 2022 08:14 AM (IST)
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इंटरनेट मीडिया के इस्‍तेमाल की जानकारी देते आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य अनंत कुमार सिन्‍हा।
भागलपुर। डिजिटल व्यवहार में अनुशासन तो अति आवश्यक हो जाता है। व्यवहार में अनुशासन का अर्थ शिष्टता, विनम्रता व शालीनता से भी होता है। आज के डिजिटल परिवेश में हमें आनलाइन संचार में शिष्टाचार अपनाना अति आवश्यक है। यह मोबाइल फोन पर संवाद व बातचीत से लेकर, ईमेल या विभिन्न पब्लिक प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया के जरिये संवाद स्थापित करने पर लागू होता है। ये बातें आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य अनंत कुमार सिन्‍हा ने कहीं। उन्होंने कहा कि यदि हम बात विभिन्न सोशल प्लेटफॉर्म की करें तो इसमें ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि के अलावे व्हाट्सएप की भी चर्चा करनी होगी। इस पर अपनी प्रोफाइल या डिस्प्ले पिक्चर बेहद मर्यादित व आकर्षक बनाएं। प्रोफाइल फोटो भी मर्यादित ही लगाएं।

फोटो गैलरी में ऐसे फोटो लगाएं जिससे आपको अपमानित महसूस ना होना पड़े। इसमें भी मर्यादित रहने की आवश्यकता है। आज के दिनों में अब यह सामान्य अवधारणा बन चुकी है कि लोग आपके व्यक्तित्व का आकलन आपके द्वारा लगाए गए सोशल साइट्स के प्रोफाइल से करते हैं। अब तो कई बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां सोशल साइट्स पर नौकरी मांगने को आने वाले आवेदकों के सोशल साइट्स के प्रोफाइल की पड़ताल भी करती है। इसको देखकर उसके व्यक्तित्व व सोच के स्तर का आकलन करती हैं।

वैवाहिक उद्देश्यों में भी सोशल साइट्स पर दिए गए तस्वीर एवं प्रोफाइल की जानकारियों से व्यक्ति के व्यक्तित्व एवं योग्यता का अनुमान लगाया जाने लगा है। व्यक्ति का सोशल प्लेटफार्म से उसके निजी व प्रोफेशनल लाइफ आकलन किया जाता है और इसका उसके जीवन पर भी पर काफी असर होता है। हम सभी जानते हैं कि इनदिनों देश-विदेश के महत्वपूर्ण नेता, मंत्री, उद्योगपति, खिलाड़ी, कलाकार, शिक्षा जगत से जुड़े व्यक्ति, लेखक, कवि साहित्यकार या अन्य पेशे से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्ति टि्वटर, फेसबुक या यूट्यूब पर क्या पोस्ट करते हैं? उनकी किसी बात को लेकर क्या प्रतिक्रिया है? इस पर सबसे ज्यादा चर्चा होती है। अभी के समय में तो सूचना पहुंचाने का सबसे बड़ा प्लेटफार्म ही सोशल साइट्स बन गया है।

सोशल साइट्स पर असभ्य और घटिया दर्जे का संदेश नहीं करें पोस्ट

आनंदराम ढांढनियां सरस्‍वती विद्या मंदिर भागलपुर के प्रधानाचार्य अनंत कुमार सिन्‍हा ने कहा कि सोशल साइट्स पर असभ्य और घटिया दर्जे का संदेश या कोई अन्य पोस्ट न डालें और ना ही शेयर करें। उदाहरण के लिए किसी मित्र ने आपको रोचक लेकिन निचले दर्जे का चुटकुला या फोटो भेजा। आपको अच्छा लगा, अपने उसे शेयर या पोस्ट कर दिया। ये आपके सोशल व्यक्तित्व को प्रभावित कर सकता है। कई लोग निचले दर्जे के शेरो-शायरी, फिल्मी गीत, असभ्य किस्म के चुटकुले या फोटो पोस्ट करते रहते हैं, इस तरह के आचरण से बचें। इसी से सभ्य और असभ्य व्यक्ति का आकलन होता है। सोशल साइट पर भी अपनी निजता का ख्याल रखें ।

इसके माध्यम से असहिष्णु, दूसरे की भावना को ठेस पहुंचाने वाले कड़वे या ऐसे किसी तरह पोस्ट न डाले जिससे किसी व्यक्ति, समाज की भावना आहत होती हो। व्यक्ति के दैनिक जीवन शैली का एक नया नैतिक आचरण डिजिटल व ऑनलाइन संचार का प्रयोग है। इसमें शिष्टाचार का समावेश तो होना ही चाहिए। जो लोग वाट्सएप के ग्रुप पर जुड़े होते हैं उन्हें किसी तरह का बिना सोचे समझे या जो किसी की भावना को आहत पहुंचाने वाली पोस्ट नहीं करनी चाहिए। यदि कोई बहस चल रही हो उसके अध्ययन के पश्चात ही उस में भाग लें ।

अनावश्यक बीच में कूद पड़ने से हम केवल हंसी का पात्र बनते हैं। आपत्तिजनक व्हाट्सएप मैसेज पर भी मुकदमे भी दर्ज हो सकते हैं, इसलिए सावधान रहें। आभासी चर्चा को शिष्टाचारपूर्ण व संयमित रखें। भाषा में संयमित शब्दों का प्रयोग भी जरूरी होता है। दूसरों के समय का भी ध्यान रखना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति ऑनलाइन तो इसका यह मतलब कतई नहीं होता की यह नहीं कि वह आपसे बात करने का इच्छुक है। वह किसी विशेष कारण से ऑनलाइन हो। यदि हम डिजिटल व ऑनलाइन प्रणाली में शिष्टाचार का समावेश रखेंगे तो हमारे संबंध लंबे समय तक स्वस्थ बने रहेंगे।

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