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Jagannath Rath Yatra: रथ पर सवार होकर मौसी के घर निकले भगवान जगन्नाथ, अब इस दिन लौटेंगे वापस

Jagannath Rath Yatra भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के महापर्व पर ओडिशा के पुरी सहित पूरे देश में धूम है। श्रद्धालु हर्षोल्लास के साथ भगवान की रथयात्रा में शामिल हो रहे हैं। भगवान जगन्नाथ रविवार को रथ पर सवार होकर अपने बड़े भाई बलभद्र और छोटी बहन सुभद्रा के साथ मौसी के घर निकल गए हैं। अब वह 16 जुलाई को वापस घर को लौटेंगे।

By Hirshikesh Tiwari Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 08 Jul 2024 01:52 PM (IST)
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रथ पर सवार होकर मौसी के घर निकले भगवान जगन्नाथ। (सांकेतिक फोटो)

संवाद सहयोगी, भागलपुर। भगवान जगन्नाथ आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को रथ पर सवार होकर भाई बलभद्र और छोटी बहन सुभद्रा के साथ रविवार को मौसी के घर गए। वे वहां से 16 जुलाई को लौटेंगे।

रविवार को रथयात्रा के पूर्व एकांत वास में पन्द्रह दिनों से रह रहे भगवान जगन्नाथ स्वामी जी का स्नान कराया गया। इसके बाद उन्हें नए वस्त्र पहनाये गये। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना व भोग आदि लगाने के बाद शाम में शहर के तीन स्थानों से रथयात्राएं निकाली गईं।

तीन मंदिरों से निकलीं भगवान की रथयात्राएं

बिहार के भागलपुर में तीन मंदिरों में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई।  गिरधारी साह हाट स्थित जगन्नाथ मंदिर, सूजागंज बाजार स्थित जगन्नाथ मंदिर और नयाबाजार सखीचंद घाट स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर शामिल हैं

इन मंदिरों से गाजे-बाजे के साथ हर्षोल्लास के साथ रथयात्राएं निकाली गईं। वहीं, नाथनगर व चंपानगर लाखराज समाज की ओर से भी बाजे-गाजे के साथ धूमधाम से रथयात्रा निकाली गई। उनमें समाज के लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

वैदिक मंत्रोच्चारों के साथ निकाली गई रथयात्रा

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा सखीचंद घाट रोड नयाबाजार से रविवार को जगन्नाथ मंदिर के सेवायत समीर कुमार मिश्रा द्वारा पुष्पवर्षा एवं गाजे-बाजे के साथ रथयात्रा निकाली गई। इसके पूर्व मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा सहित अन्य पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार किए गए।

भगवान जगन्नाथ को शहर का कराया गया भ्रमण

रथ पर सवार भगवान को शहर का भ्रमण कराया गया और पुन: मंदिर वापस लाया गया। यात्रा के पूर्व भगवान का भव्य शृंगार फूल-माला से किया गया। इस ऋतु के फल-फूल व मिठाईयां सहित अन्य पकवानों से भोग लगाये गए।

16 जुलाई को लौटेंगे घर

जानकारी के अनुसार, आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि सात जुलाई रविवार को भगवान जगन्नाथ स्वामी, बड़े भाई बलभद्र और छोटी बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मौसी के घर गए। मौसी के घर से जगन्नाथ स्वामी 16 जुलाई को लौटेंगे।

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