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Jamui: ठंड के मौसम में भी लोगों को लुभा रहा देवोदह जलप्रपात, जानिए...

Jamui चारों ओर जंगल और पहाड़ों से घिरे देवोदह झरना इन दिनों प्राकृतिक सौंदर्यता का अनोखी छटा बिखेर रहा है। ठंड के मौसम में भी लोगों को यह जलप्रपात लुभा रहा है। लोग दूर दराज से इस देखने के लिए आते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Updated: Sun, 29 Nov 2020 03:37 PM (IST)
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सिकंदरा प्रखंड के जाजल गांव में अवस्थित देवोदह जलप्रपात। फाइल फोटो।
जमुई [अंजुम आलम]।वर्षों से वीरान पड़ा देवोदह जलप्रपात इन दिनों युवाओं की चहलकदमी से गुलजार हो उठा है। सिकंदरा प्रखंड के जाजल गांव में अवस्थित देवोदह जलप्रपात पिकनिक स्पॉट बनता जा रहा है। ठंड के मौसम में भी लोगों को यह जलप्रपात लुभा रहा है। चारों ओर जंगल और पहाड़ों से घिरे देवोदह झरना और यहां की प्राकृतिक वादियों का लोग खूब आनंद उठा रहे हैं।

प्रत्येक दिन लोग यहां की अछ्वुत प्राकृतिक नजारे को देखने दूर-दूराज से पहुंच रहे हैं। पहले यहां लोग आने से परहेज करते थे अब यहां काफी संख्यां में लोगों की भीड़ लगी रहती है। देवोदह झरना (जलप्रपात) बिहार के कश्मीर के रूप में विख्यात ककोलत जलप्रपात की तरह प्रकृति का सुंदर नमूना बना है। क्षेत्र का पर्याप्त विकास न होने से इन्हें ख्याति प्राप्त नहीं हो पा रही है।

जंगलों से बहकर आने वाले कल-कल ध्वनि और घने वृक्षों की लंबी श्रृंखला से सजी सुरम्य वादियां सहित लगभग तीन से चार प्राकृतिक जलप्रपात क्षेत्र में देखने को मिल जाते हैं। यहां पहुंचकर मन में खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य की एक नई उमंग पैदा हो जाती है। पर्यटन स्थलों से हटकर यह जलप्रपात ऐसा है जो बारिश के समय खिल उठता है। झरने के दोनों तरफ घने जंगल का नजारा के साथ गुनहला पहाड़, झाली पहाड़ से 50 फीट ऊंचाई से गिरते जल का सौंदर्य देखते ही बनता है। यहां इन दिनों आसपास के लोग बड़ी संख्या में पहुंचकर प्रकृति का आनंद उठा रहे हैं।

बारिश के अलावा गर्मी में भी बहता है झरने से पानी

 प्राकृतिक की गोद में समाया देवोदह जलप्रपात से बारिश के अलावा गर्मी में भी पानी गिरता रहता है और यहां आसपास के दर्जनों गांव से प्राकृतिक प्रेमी झरने का आनंद लेने आते हैं। इसके संदर्भ में स्थानीय बुजुर्ग लोग बताते हैं कि अनेकों वर्षों से खासकर जाड़े के दिनों में दर्जनों से अधिक गांवों के लोग पिकनिक मनाने जाते रहे हैं लेकिन कालांतर में नक्सलियों की उपस्थिति के बीच लोगों के आवागमन में कमी आ गई परंतु फिर से आसपास के गांव के लोगों के पहुंचने से देवोदह झरना (जलप्रपात) गुलजार हो उठा है।

विकास की राह निहार रहा देवोदह झरना

इन दिनों देवोदह जलप्रपात विकास की राह निहार रहा है। यहां तक पहुंचने के लिए लोगों को दो किलोमीटर पैदल जंगल और पहाड़ों के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। पथरीला रास्ता और सुरक्षा के अभाव के कारण कई लोग इस वादियों का आनंद नहीं ले पा रहे हैं। जरूरत है इसे पर्यटन स्थल के रूप विकसित करने की। सरकार अगर चाहेगी तो पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर झरने से गिरते पानी का स्टोर तैयार कर सीढ़ीनुमा बनाकर एक खूबसूरत स्वरूप दिया जा सकता है। जिससे झरने से गिरते पानी का बिखराव पर रोक लगने के साथ पर्यटकों को आकर्षित करेगा। 

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